ड्रैगन को दोस्त पाकिस्तान पर कितना भरोसा? भेज दिया अपना जासूस... चीनी नागरिकों को चेताया भी

ड्रैगन को दोस्त पाकिस्तान पर कितना भरोसा? भेज दिया अपना जासूस... चीनी नागरिकों को चेताया भी

ड्रैगन को दोस्त पाकिस्तान पर कितना भरोसा? भेज दिया अपना जासूस... चीनी नागरिकों को चेताया भी

नई दिल्ली: कराची के जिन्ना इंटरनेशनल हवाई अड्डे पर चीनी नागरिकों पर हुए आत्मघाती हमले की जांच के लिए चीन ने आधुनिक यंत्रों से सुसज्जित अपने जासूसों की एक टीम को पाकिस्तान भेजा है. इसके साथ ही चीनी विदेश मंत्रालय पाकिस्तान में रह रहे अपने नागरिकों के लिए एक फरमान भी जारी किया है. विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक हाल ही में हुई घटनाओं के चलते पाकिस्तान में सुरक्षा स्थिति और गंभीर हो गई है.

चीनी विदेश मंत्रालय ने अपने नागरिकों को पाकिस्तान में मौजूद संकट को पूरी तरह से समझने पाकिस्तान की यात्रा करते समय सतर्क रहने और बलूचिस्तान तथा खैबर पख्तूनवा प्रांत जैसे उच्च जोखिम क्षेत्र की यात्रा करने से बचने की हिदायत दी है. चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पाकिस्तान में चीनी कर्मियों को वहां चल रही परियोजनाओं की सुरक्षा को लेकर अधिक सतर्क रहना चाहिए. साथ ही वहां मौजूद सुरक्षा स्टाफ को स्थानीय सुरक्षा स्थिति पर बारीकी से ध्यान देना चाहिए.

चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान के अलावा वहां मौजूद चीनी स्टाफ को अपनी सुरक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिए और अपनी सुरक्षा सावधानियां को और मजबूत करना चाहिए. इसके साथ ही चीनी विदेश मंत्रालय ने आपातकालीन स्थिति में पाकिस्तान में चीनी दूतावास या वाणिज्य दूतावास से संपर्क करने की हिदायत देते हुए उनके नंबर जारी किए हैं.

क्यों बढ़ा तनाव?


दूसरी तरफ जिन्ना इंटरनेशनल हवाई अड्डे पर चीनी नागरिक पर आत्मघाती हमला करने वाली हमलावर का एक वीडियो अलगाववादी संगठन बलूच लिबरेशन आर्मी ने जारी किया है. संगठन का दावा है कि जिस हमलावर ने यह हमला किया वह बीबीए में पढ़ने वाला छात्र शाह फहद था. अपने वीडियो में हमलावर छात्र चीन को धमकी भी देते हुए कहता है कि आपके स्वार्थ का यहां स्वागत नहीं है. हम तब तक ना ही रखेंगे और ना ही यहां से भागेंगे जब तक आपसे बलूचिस्तान को आजाद नहीं करा देते. यह हमारी अंतिम चेतावनी है आपके इन्वेस्टमेंट को यहां आग लगा दी जाएगी. आपके नागरिक यहां सुरक्षित नहीं है और आपका साथ देने वालों को भी नुकसान सहना पड़ेगा.

माना जा रहा है कि चीनी जासूसों की टीम इसलिए भी पाकिस्तान आई है क्योंकि चीनी प्रधानमंत्री अगले सप्ताह पाकिस्तान पहुंचने वाले हैं साथ ही आतंकवादी संगठन की धमकी ने चीन को और अधिक चिंता में डाल दिया है.

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