यह समय शिक्षकों के अस्तित्व को बचाने काःचंद्रिका सिंह

यह समय शिक्षकों के अस्तित्व को बचाने काःचंद्रिका सिंह

यह समय शिक्षकों के अस्तित्व को बचाने काःचंद्रिका सिंह

-एकजुटता और समस्या को देखते हुए केंद्र सरकार हमारी समस्या का समाधान अवश्य करेगीःबालकृष्ण ओझा

-शिक्षक जीवन के सबसे ज्यादा संकट के दौर से गुजर रहाःदुर्गेश यादव

-टीईटी अनिवार्यता के विरुद्ध दिल्ली धरने को लेकर शिक्षकों ने बनाई रणनीति

बस्ती। टीईटी अनिवार्यता के विरोध में शिक्षकों का आन्ंदोलन तेज हो गया है। शिक्षकों ने आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। इस सम्बन्ध में बुधवार को उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष चन्द्रिका सिंह के नेतृत्व में शिक्षकों ने प्रेस क्लब सभागार में बैठक कर विस्तृत रणनीति बनाई। शिक्षकों का कहना है कि टीईटी की अनिवार्यता उन्हीं शिक्षकों पर लागू होनी चाहिए जिनकी नियुक्ति आरटीई कानून लागू होने के बाद हुई है। यह अनिवार्यता उन शिक्षकों पर लागू नहीं होनी चाहिए जिनकी नियुक्ति इस कानून के लागू होने के पहले नियम कानूनों के तहत हुई है। जिलाध्यक्ष में बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि यह समय शिक्षकों के अस्तित्व को बचाने का है। जब शिक्षा अधिकार अधिनियम बना ही नहीं था और शिक्षक पात्रता परीक्षा का कोई प्रावधान नहीं था। उस समय नियुक्त हुए शिक्षकों पर वर्तमान व्यवस्था को लागू कर देना अनुचित है। उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिनेश चंद्र शर्मा के निर्देश पर दिल्ली में विशाल धरने की तैयारी है। जो कि नवंबर दूसरे सप्ताह में प्रस्तावित है।

उन्होंने कहा पूरे देश के शिक्षक अपने अस्तित्व को बचाने के लिए इस धरने में एकजुट होंगे और निश्चित तौर पर सफलता मिलेगी। जिला मंत्री बालकृष्ण ओझा ने कहा कि दिल्ली में पूरे देश के शिक्षक प्रदर्शन करके केंद्र सरकार से कानून में संशोधन कर शिक्षकों की सेवा सुरक्षित करने की मांग करेंगे। कहा कि एकजुटता और समस्या को देखते हुए केंद्र सरकार हमारी समस्या का समाधान अवश्य करेगी। जिला कोषाध्यक्ष दुर्गेश यादव और जिला उपाध्यक्ष रवीश कुमार मिश्र ने कहा कि शिक्षक जीवन के सबसे ज्यादा संकट के दौर से गुजर रहा है। दिल्ली धरने में बड़ी संख्या में प्रतिभाग करने हेतु शिक्षकों से अपील करते हुए कहा कि इस स्थित से निपटने और मान सम्मान की रक्षा के लिए एकजुटता जरूरी है। कहा कि दिल्ली धरने की तिथि तय होते ही संख्या देखते हुए शिक्षकों के आने-जाने, ठहरने आदि की विस्तृत योजना बनाई जाएगी। बैठक को सदर तहसील अध्यक्ष उमाकान्त शुक्ल, रूधौली तहसील अध्यक्ष शिव रतन, भानपुर तहसील अध्यक्ष प्रताप नारायण और हर्रैया तहसील अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने भी संबोधित किया। दिल्ली धरने पर चर्चा के बाद सदस्यता, संघर्ष शुल्क और ब्लाकों के अधिवेशन के संदर्भ में विस्तार से चर्चा हुई। जिला कार्यसमिति द्वारा बताया गया कि आगामी माह में ब्लॉकों पर चुनाव होने है इसके लिए शत प्रतिशत सदस्यता शुल्क, संघर्ष शुल्क पूरा करते हुए आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली जाएं जिससे तय समय पर अधिवेशन हो सके। बैठक में मुख्य रूप से सुधीर तिवारी, शिवप्रकाश सिंह, विवेक कान्त पाण्डेय, सुरेश गौड़, असलम, सनद पटेल, बृजेश त्रिपाठी, प्रमोद सिंह, अटल उपाध्याय, हरेंद्र यादव, शेषनाथ यादव, अशोक यादव, विजय यादव, रामसागर वर्मा, राम प्यारे, विजय वर्मा, संजय यादव, रामभवन यादव, शत्रुजीत यादव, अविनाश दुबे, विन्देश्वरी मिश्र, अनिल पाठक, अंगद सिंह, गिरजेश सिंह, मुरलीधर, संतोष मिश्र, प्रवीण श्रीवास्तव, प्रशान्त बरगाह, हरिगोपाल शुक्ला, अवधेश गुप्ता, उमाशंकर, सुरेंद्र यादव, विनोद यादव, रंजन सिंह, गिरजेश चौधरी सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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