विक्रमजोत के रीतेश सिंह बने वसूली चौकी इंचार्ज

विक्रमजोत के रीतेश सिंह बने वसूली चौकी इंचार्ज

विक्रमजोत के रीतेश सिंह बने वसूली चौकी इंचार्ज

-तीन मोटरसाइकिल की छुड़ाई के लिए वसूली इंचार्ज तीनों से दस-दस हजार मांग रहें, जब नहीं दिया तो पांच-पांच हजार का चालान कर दिया

-दोनों बच्चों के बच्चों को तो छोड़ दिया, लेकिन वसूली के चक्कर मोटरसाइकिल नहीं छोड़ा

-तीनों लड़के और उनके परिजन तीन दिन से मोटरसाइकिल के लिए वसूली इंचार्ज के पास आ रहे थे

-डीएम और एसपी के सामने वसूली इंचार्ज ने जब यह देखा कि उनकी पोल खुल जाएगी तो उन्होंने सभी फरियादियों को बलपूर्वक भगा दिया

-इससे पहले इन पर वसूली करने का गंभीर आरोप लग चुका हैं, यह वही चौकी इंचार्ज हैं, जो अवधेश होटल में हुए लड़की के माता पिता की ना सुनने पर जब साहब ने फटकार लगाई तो चौकी पर ही गस खाकर गिर पड़े


-कार लेकर अकेले वसूली में निकलते, जिसके चलते चौकी वाले भी नाराज रहते

-पीडब्लूडी के डाकबगंले को इन्होंने वसूली का केंद्र बना रखा हैं, दोनों पक्षों से यह वसूली करते

बस्ती। अभी तक आप लोगों ने वसूली अमीन सुना होगा, वसूली गैंग सुना होगा, लेकिन पहली बार हम आप को वसूली चौकी इंचार्ज के बारे में बताने जा रहे है। हालांकि इस नाम से यह काफी दिनों से जाने जाते हैं, कहते हैं, कि जिस दिन इनकी वसूली का टारगेट पूरा नहीं होता, उस दिन यह ना तो ठीके से सो पाते हैं, और ना ठीक से खा ही पाते है। जिले के यह पहले वसूली चौकी इंचार्ज हैं, जो वसूली करने के लिए अकेले कार से निकलते, एक भी सिपाही को साथ में नहीं ले जाते है। चलिए हम आपको उस वसूली चौकी इंचार्ज का नाम बता ही देते है। इनका नाम रितेश कुमार सिंह है, और यह नेताजी और अवधेश सिंह होटल के सबसे खास है। इनकी सबसे बड़ी खासियत यह है, कि इन्होंने पीडब्लूडी डाकबगंला को अपना वसूली केंद्र बना रखा हैं, दोनों पक्षों को वहीं पर बुलाते हैं, और बोली लगाकर वसूली करते हैं, कभी-कभी मामला फंस भी जाता हैं। इन्होंने एक तरह से डाकबंगला पर एक साल से कब्जा कर रखा हैं, जिसकी शिकायत चौकीदार अपने साहब को कर भी चुके है। यह जब से विक्रमजोत चौकी के वसूली इंचार्ज बने हैं, तब से अवैध कच्ची शराब की दुकानों की संख्या दो गुनी हों गई है। यह लोग एक अधिवक्ता को महिना जमा करते हैं, और अधिवक्ता के द्वारा पैसा वसूली इंचार्ज तक पहुंचता है। इन्हें पषु तस्करों का सबसे प्यारा दोस्त माना जाता हैं, इसी लिए यह एनएच के किनारे वाले चौकी पर अपनी तैनाती करवाते है। इसे लेमकर इनके खिलाफ कार्रवाई भी हो चुकी है। यह अपने आपको नेताजी का रिष्तेदार भी कहते है। यह अपने एसओ की भी नहीं सुनते, चौकी का कोई भी ऐसा स्टाफ नहीं होगा, जो इनसे नाराज ना हो, क्यों कि यह सभी का बखरा मार लेते है। चौकी के एक किमी, की परिधि में आठ कच्ची शराब की अवैध दुकानें संचालित हो रही है। इनके तरह के कई ऐसे पत्रकार भी है, जो इन्हें अपना दोस्त कहते है। इस चौकी की परिधि में कुल 14 राजस्व गांव आते हैं, जहां पर लगभग दो दर्जन अवैध कच्ची शराब का कारोबार होता। कोरम पूरा करने के लिए यह खुद हर माह दो-दो चालान करवाने के लिए कारोबारियों पर दबाव बनाते है। इनकी एक और खासियत हैं, यह बिना पैसे के किसी भी शिकायत का निस्तारण नहीं करते। इसके बाद भी यह साहबों के प्रिय बने हुएं है। कहा जाता हैं, कि जबतक नेताजी और होटल वाले नहीं चाहेगें इनका तबादला नहीं हो सकता। यह वही वसूली चौकी इंचार्ज हैं, जिन पर जब अवधेश सिंह होटल में एक लड़की के साथ छेडछाड़ के मामले में होटल वालों का बचाव करने का आरोप लगा था, बात जब उपर पहुंची तो साहब के एक फोन से यह चौकी पर ही गस खाकर गिर पड़े थे, और तीन दिन तक अस्पताल में भर्ती रहे। डाक्टरों के सुझाव पर भी इन्होंने अवकाष लेकर आराम नहीं किया, बल्कि बीमारी के हालत में भी इनका वसूली अभियान जारी रहा।

यह साहबों के चहेते इस लिए बने हुए हैं, क्यों कि वसूली में यह अपना टारगेट के साथ साहबों का भी टारगेट पूरा करते है। इस लिए साहब लोग भी इनका पूरा सहयोग करते है। इन्हें वसूली चौकी इंचार्ज के नाम से इनका पूरा महकमा जानता है। यह सिर्फ और सिर्फ साहब और अपना ख्याल रखते हैं, चौकी के स्टाफ का ख्याल नहीं रखते। अगर कोई इन्हें वसूली चौकी इंचार्ज कह भी देता तो यह बुरा नहीं मानते। बल्कि हंसकर टाल जाते है। छावनी थाना क्षेत्र के विक्रमजोत चौकी इंचार्ज अपनी अजब-गजब की करतूतों के लिए क्षेत्र में हमेशा चर्चा में बने रहतें हैं। हाल ही में वर्तमान चौकी इंचार्ज की वसूली इंचार्ज बनने और फरियादियों के साथ निरंकुशता व अशिष्टता करने को लेकर पुलिस की अच्छी खासी किरकिरी हो रही है। बीते मंगलवार की दोपहर 3 बजे कस्बे के बाल्मीकि इंटर कालेज में 10 वीं में पढ़ने वाले दो बच्चों में बेंच गिराने को लेकर मारपीट हो गयी। क्लास टीचर ने दोनों बच्चों को दंडित कर डांट फटकार लगाई। स्कूल की छुट्टी होने पर पुलिस चौकी से थोड़ी दूर पर बच्चों ने आपस में फिर मारपीट कर लिया। मौके पर आसपास के लोगों ने झगड़ा छुड़ाया। मौके पर पहुंचे चौकी के सिपाहियों ने तीन मोटरसाइकिल सहित चार बच्चों को हिरासत में लेकर चौकी पर ले गये। जिसे छुड़ाने के लिए शंकरपुर और गोपालपुर गांव के काफी संख्या में ग्रामीण चौकी पर पहुंचे। चौकी इंचार्ज रितेश कुमार सिंह ने आवश्यक लिखा-पढ़ी करवा कर बच्चों को परिजनो को सौंप दिया, लेकिन तीन मोटरसाइकिल नहीं छोड़ी। पिछले तीन दिनो से दोनों पक्षों के एक दर्जन महिला और पुरुष चौकी पर आये लेकिन पुलिस ने बाइक नहीं छोड़ी। एक पक्ष के सूर्य नाथ पुत्र रामप्रसाद निवासी ग्राम शंकरपुर का कहना है कि इंटरकालेज पढ़ने आये मेरे दो लडको अंकित और शुभम को उसी कक्षा में पढ़ने वाले गोपालपुर के पवन व पवन ने मारपीट दिया था। हम अभिवावकों ने बच्चों को समझा-बुझाकर आपसी सुलह कर लिया है। लेकिन घटनास्थल पर मौजूद मिली तीन दूसरे लोगों की मोटर साइकिल पुलिस नहीं छोड़ रही है। वही दूसरे पक्ष के रामनरेश, पूजा, अमन कुमार आदि का कहना है कि चौकी इंचार्ज प्रति मोटरसाइकिल छोड़ने के लिए 10-10 हजार की मांग कर रहें है। इसके लिए चौकी पर बुलाकर साफ साफ कह दिया कि पत्रकार  अधिकारी या नेता किसी के पास जाओ कुल तीस हजार देना पड़ेगा। नहीं दिया तो चालान कर दूंगा। मुकदमा अलग से लिखेंगे। बृहस्पतिवार को मोटरसाइकिल छोड़ने की फरियाद करने आये दोनों पक्षों के एक दर्जन महिला पुरूषों व बच्चे दो घंटे तक चौकी इंचार्ज के सामने गिड़गिड़ाते रहे लेकिन बेरहम चौकी इंचार्ज नहीं पसीजा। इसी दौरान चौकी के सामने स्थित बाल्मीकि इंटर कालेज परिसर में डीएम और पुलिस अधीक्षक के पहुचने की सूचना फैली तो फरियाद करने आये सारे महिलाएं व बच्चे इंटरकालेज पर एसपी से मिलने गेट पर पहुंच गये। जिसे देख सुरक्षा में लगे चौकी इंचार्ज और सिपाहियों के हाथ-पांव फूल गये। कलई खुलते देख चौकी इंचार्ज व सिपाहियों ने अमानवीय व्यवहार करते हुए सख्ती कर सभी फरियादियों को हाइवे सड़क की तरफ खदेड़ दिया। जब साहब लोग चले गए तो इंचार्ज ने फरियादियों को चौकी पर बुला कर खूब खरी खोटी सुनाई। तीनों मोटरसाइकिल की पांच-पाच हजार की चालान काट दिया। बच्चों के साथ मोटरसाइकिल छुड़ाने आयी पूजा और संजू देवी और सोनी देवी का कहना है कि तीस हजार  न देने पर तीन दिन से चौकी में खडी मोटरसाइकिल का 15 हजार का चालान कर दिया। हम लोग एसपी से मिलकर चौकी इंचार्ज की करतूत बताएंगे।

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