‘दो हजार’ दीजिए ‘बीटीसी’ का ‘अंक पत्र’ ले ‘जाइए’
- Posted By: Tejyug News LIVE
- राज्य
- Updated: 5 December, 2025 16:33
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‘दो हजार’ दीजिए ‘बीटीसी’ का ‘अंक पत्र’ ले ‘जाइए’
बस्ती। बेसिक विभाग का कोई भी ऐसा विंग नहीं जहां पर धन उगाही न होती हो, ऐसा लगता है, कि मानो धन उगाही करना इन लोगों के खून में समा गया है। शिक्षक नेता भले ही चाहें कितना भ्रष्टाचार को लेकर आवाज उठाऐं दरी बिछाए, लेकिन धन उगाही करने वालों और कार्यालय के मुखिया पर कोई फर्क नहीं पड़ता। कहा भी जाता है, जब अधिकारी धन उगाही करेगें तो मातहत भी करेगें। धन उगाही के आरोप में न जाने कितने एडी बेसिक, बीएसए, एबीएसए और पटल सहायक के चेहरे सामने आ रहें हैं, पकड़े तक जा रहे हैं, लेकिन कोई सुधार नहीं हो रहा है। जब सब लोग धन उगाही करने में लगे हैं, तो डायट के बाबू और प्राचार्य क्यों पीछे रहें। माना जाता है, कि अगर किसी कार्यालय का पटल सहायक धन उगाही करता हैं, तो उसके पीछे कार्यालय प्रमुख की हामी रहती है।
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष चन्द्रिका सिंह और मंत्री बालकृष्ण ओझा के नेतृत्व में शिक्षकों ने गुरुवार को मंडलायुक्त, जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से शिक्षकों ने डायट के पटल सहायकों पर विशिष्ट बीटीसी अंकपत्र देने के बदले धन उगाही का आरोप लगाते हुए जांचकर कार्यवाई की माँग किया। सीडीओ सार्थक अग्रवाल ने शिक्षकों को आश्वासन दिया कि वह इस मामले में जांच कराकर आवश्यक कार्यवाई करेंगे। ज्ञापन देने के बाद शिक्षक नेताअें ने कहा कि विशिष्ट बीटीसी का अंक पत्र प्राप्त करने के लिए प्रत्यावेदन देकर लंबे समय से लगातार संस्थान का चक्कर लगा रहे हैं परंतु उन्हें अंक पत्र प्रदान नहीं किया जा रहा है। अंक पत्र के लिए जो शिक्षक 500 से 2000 रुपए पटल सहायकों को दे रहे हैं, उन्हें आधे घंटे के अंदर उनके व्यक्तिगत मोबाइल पर अंक पत्र उपलब्ध करा दिया जा रहा है। शिक्षकों का कहना है कि 2010 से पहले नियुक्त शिक्षकों के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा दो वर्ष के भीतर टेट पास करना अनिवार्य कर दिया गया है। मौके पर केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा का फॉर्म निकला हुआ है, और 2004 और 2007 बैच के शिक्षकों को टीईटी का फॉर्म भरने के लिए विशिष्ट बीटीसी अंक पत्र की आवश्यकता है। जिलाध्यक्ष ने कहा कि पटल सहायकों का यह कृत्य न केवल अनियमितता को दर्शाता है, बल्कि यह भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है। इसमें डायटके प्राचार्य की पूर्णतः मिलीभगत है। उन्होंने कहा कि अन्य जनपदों में अंक पत्र वितरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। किंतु बस्ती में पटल सहायकों द्वारा अंक पत्र देने में हीला हवाली की जा रही है और शिक्षकों से धन उगाही की जा रही है।
जिला मंत्री बालकृष्ण ओझा ने कहा कि संगठन द्वारा डायट प्राचार्य से वार्ता करने पर उन्होंने अंक पत्र और प्रमाण पत्र डायट में न होने की बात कही इसके उपरांत भी पटल सहायकों द्वारा धन लेकर अंक पत्र शिक्षकों को जारी किए जा रहे हैं। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से उच्च स्तरीय जांच कर कर दोषी कर्मचारियों और पटल सहायकों के विरुद्ध आवश्यक कठोर कार्रवाई करने की मांग किया। ज्ञापन देने वालो में सुधीर तिवारी, शिवप्रकाश सिंह, हरेंद्र यादव, मंगला मौर्य, मुरलीधर, अखिलेश पाण्डेय, विवेक सिंह, गिरजेश सिंह, देवेंद्र सिंह, अनिल कुमार, प्रमोद सिंह, अटल उपाध्याय, रवि सिंह, रंजन सिंह, दुर्गेश यादव, प्रवीण श्रीवास्तव, गिरजेश चौधरी, सनद पटेल, सुरेश गौड़ एवं उमाकांत शुक्ल उपस्थित रहे।

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