शपथ-पत्र’ देने के बाद भी ‘रफीउदीन’ से शपथ-पत्र’ मांग ‘रहें’!
- Posted By: Tejyug News LIVE
- राज्य
- Updated: 29 November, 2025 11:02
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शपथ-पत्र’ देने के बाद भी ‘रफीउदीन’ से शपथ-पत्र’ मांग ‘रहें’!
-हर कोई मेडीवर्ल्ड हास्पिटल के संचालक डा. प्रमोद चौधरी के क्रियाकलापों पर पर्दा डालते हुए उन्हें बचाने का प्रयास कर रहा, कोई यह नहीं बता रहा है, कि बिना शिकायत का निस्तारण किए कैसे मेडीवर्ल्ड हास्पिटल का पंजीकरण कर दिया
-अभी तक को सीएमओ, नोडल डा. एसबी सिंह और पुलिस पर ही बचाने का आरोप लग रहा था, लेकिन अब तो एडी हेल्थ का भी नाम बचाने वालों में शामिल हो गया
-अब जरा अंदाजा लगाया कि जिस शपथ-पत्र पर कमिष्नर ने एडी हेल्थ को जांच कमेटी बनाने को कहा, वही एडी हेल्थ फिर से शिकायतकर्त्ता से नियमों का हवाला देते हुए शपथ-पत्र मांग रहें
बस्ती। एडी हेल्थ के शपथ-पत्र मांगने पर रफीउदीन ने लिखा कि वह कमिष्नर, डीएम, सीएमओ, एसपी को शपथ-पत्र के साथ शिकायत कर चुका है, तो अब किस लिए शपथ-पत्र मांगा जा रहा है। स्पष्ट लिखा कि सीएमओ और नोडल डा. एसबी सिंह राजनैतिक दबाव और पैसे के चलते जांच नहीं कर रहे है। जबकि मैं बार-बार शपथ-पत्र के साथ लिखकर सभी अधिकारियों को दे रहा हूं कि डा. प्रमोद चौधरी ने उन्हें धोखा दिया और उनकी डिग्री को फर्जी तरीके से इस्तेमाल करते हुए हास्पिटल का पंजीकरण करवा लिया। उसके बाद भी कोई उनकी बात नहीं सुन रहा हैं, और उसके शिकायतों का निस्तारण किए बिना पुनः मेडीवर्ल्ड हास्पिटल का पंजीकरण नियम विरुद्व कर दिया। किसी की डिग्री का उपयोग/दुरुपयोग बिना अनुमति के करना गेैर कानूनी और असंवैधानिक है। इससे मरीज की जान को खतरा भी हो सकता है। लिखा िकइस हास्पिटल का पंजीकरण पूरी तरह से निरस्त होना चाहिए, और डा. प्रमोद चौधरी के खिलाफ मुकदमा कायम करवाना चाहिए। जिस तरह सीएमओ विधिक कार्रवाई करने के मामले में पल्टी मारी है, उससे पता चलता है, कि सभी लोग डा. प्रमोद चौधरी को बचाने में लगे हुएं है। एडी हेल्थ को लिख पत्र में कहा है, कि मेडीवर्ल्ड, सीएमओ और नोडल के खिलाफ कार्रवाई होना चाहिए। डा. प्रमोद चौधरी के खिलाफ तो विधिक कार्रवाई होनी चाहिए, क्यों कि उन्होंने फ्राड किया है, और उनका फ्राड साबित भी हो चुका है, उसके बाद भी कार्रवाई न होना और पुनः पंजीकरण होना यह बताता है, कि इसके पीछे भ्रष्ट नेताओं और अधिकारियों की टीम लगी हुई है। इन सभी लोगों ने मिल न्याय का एक तरह से गला घोंट दिया, और वह भी पैसे के लिए। ऐसे लोगों की जितनी भी निंदा की जाए कम होगा।

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