सदर ब्लॉक’ के सरकारी ‘आवासों’ पर ‘अनधिकृत’ और ‘आसामाजिक’ तत्वों का ‘कब्जा’
- Posted By: Tejyug News LIVE
- राज्य
- Updated: 3 December, 2025 19:56
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‘सदर ब्लॉक’ के सरकारी ‘आवासों’ पर ‘अनधिकृत’ और ‘आसामाजिक’ तत्वों का ‘कब्जा’
-‘अधिकारियों’ के ‘नाक’ के नीचे हो गई ‘कैटिल कैचर’ बैटी की ‘चोरी’, जिस ब्लॉक परिसर में डीडीओ, बीडीओ, एडीओ, सीडीओ के बाडी गार्ड निवास करते हों, और जहां पर रात दिन हलचल और आवागमन होता, उस परिसर से बैटी की चोरी होना सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहें
-जिस ब्लॉक के आवास में अधिकांश किराएदार रहते हो वहां पर चोरी जैसी घटना होना आम बात, जिस सरकारी आवास में अनैतिक लोगों का कब्जा हो और जहां पर अनैतिक कार्य होते हो, वहां पर तो कुछ भी हो सकता
-अनधिकृत लोगों के रहने औ।र प्राइवेट कार्यालय खुलने के कारण ब्लॉक परिसर की महिलाएं अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रही, अधिकारियों ने अपनी नाकामी का ठीकरा रात का चौकीदार रिशिकेष और विकास भवन के सफाई कर्मी सुनील शर्मा की पत्नी राधा षर्मा पर फोड़ा, दोनों को नोटिस भी जारी किया गया
-सीडीओ ने जब ग्राम विकास अधिकारी दिनेश शुक्ला के आवास का निरीक्षण किया तो उसमें एक प्राइवेट व्यक्ति रहते हुए मिला, नाराज भी हुए
बस्ती। सुनने और पढ़ने में अजीब लग रहा होगा, लेकिन यह सच है, कि सदर ब्लॉक के सरकारी आवासों पर अनधिकृत और आसामाजिक तत्वों का कब्जा हो चुका हैं, और इसके लिए उन कर्मियों को जिम्मेदार माना जा रहा है, जिन्होंने अपने नाम आंवटित आवास को किराए पर दे रखा है। बीडीओ को तो कब्जा करने और किराएए पर देने वालों को बढ़ावा देने का आरोप लग रहा है। इससे पहले भी यह मामला उठ चुका है, लेकिन ब्लॉक प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं किया, अगर कार्रवाई कर देते तो ब्लॉक परिसर में खड़ी कैटिल कैचर की कीमती बैटी चोरी न होती। ब्लॉक के लोग भी दबी जबान में यह कह रहे हैं, जिस ब्लॉक परिसर में डीडीओ, बीडीओ, एडीओ, सीडीओ के बाडी गार्ड निवास करते हो, और जहां पर रात दिन हलचल और आवागमन होता, उस परिसर से अगर बैटी की चोरी होती हैं, तो सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठेगा ही। जिस ब्लॉक के आवास में अधिकांश किराएदार रहते हो वहां पर चोरी जैसी घटना होना आम बात, जिस सरकारी आवास में अनैतिक लोगों का कब्जा हागो और जहां पर अनैतिक कार्य होते होगें, वहां पर तो कुछ भी हो सकता। अनधिकृत लोगों के रहने और प्राइवेट कार्यालय खुलने के कारण ब्लॉक परिसर की महिलाएं अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रही, ठंडक के दिनों में महिलाएं घर के बाहर धूप का आंनद भी नहीं ले सकती। अधिकारियों ने अपनी नाकामी का ठीकरा रात का चौकीदार रिशिकेष और विकास भवन के सफाई कर्मी सुनील शर्मा की पत्नी राधा शर्मा पर फोड़ा, दोनों को नोटिस भी जारी किया गया। सीडीओ ने जब ग्राम विकास अधिकारी दिनेश शुक्ला के नाम आंवटित आवास का निरीक्षण किया तो उसमें एक प्राइवेट व्यक्ति रहते हुए मिला, नाराज भी हुए। कहा भी जाता है, अगर किसी ब्लॉक परिसर में कोई अनैतिक कार्य होता है, या फिर अनधिकृत लोगों का आवासों पर कब्जा होता है, तो इसके लिए सीधे तौर पर बीडीओ को ही जिम्मेदार माना जाएगा। यह पहला ऐसा ब्लॉक हैं, जहां पर बीडीओ के आवास पर डीडीओ रह रहें है। चूंकि डीडीओ के नाम आंवटित आवास अभी तक सीओ साहब ने खाली नहीं किया और उनका सामान आवास पर है, इस लिए डीडीओ को बीडीओ के आवास में रहना पड़ रहा, बीडीओ आवासहीन हैं, और आज भी गैरजनपद के डेली अपडाउन कर रहे है।
अब जरा सदर ब्लॉक के सरकारी आवास पर कब्जेदारों का हाल देख लीजिए। जलकल विभाग के एक सिंह साहब हैं, रिटायर हो चुके हैं, इन्होंने एक नहीं दो-दो सरकारी आवासों पर कब्जा कर रखा है। एक में इनका लड़का और दूसरे में बहु रहती है। मजे की बात यह है, कि जिन दोनों मकानों पर कब्जा है, उसमें एक कर्मी ब्लॉक में कार्यरत और दूसरा ब्लॉक से जा चुका, फिर भी आवासों पर कब्जा किराए पर दे रखा। जिले के सबसे चर्चित एडीओ समाज कल्याण प्रशांत खरे जिनका खुद का आवास विकास कालोनी में अपना घर हैं, लेकिन इन्होंने एक संविदा कर्मी को किराए पर दे रखा है। इस संविदा कर्मी का नाम फरहत और यह कम्पयूटर आपरेटर के तौर पर कार्यरत हैं। एक और मजे की बात हैं, कि महिला के नाम भी सरकारी आवास आंवटित हैं, अब इन्होंने दूसरे को कितने में किराए पर दे रखा है, और कौन अनधिकृत रुप से रह रहा है, इसका पता लगाने का प्रयास बीडीओ ने नहीं किया। अनेक ब्लॉक कर्मियों का दावा है, कि अगर सदर ब्लॉक के परिसर में स्थित सरकारी आवासों की जांच हो जाए तो आसामाजिक तत्वों के होने का खुलासा हो सकता। आसामाजिक तत्वों और अनधिकृत लोगों के रहने के कारण आए दिन विवाद होता रहता है। सबसे खास बात हैं, कि अधिकृत रुप से रहने वाले परिवार की महिलाएं अपने आप को हर समय असुरक्षित महसूस कर रही है। इन्हें हमेशा किसी अनहोनी और चोरी जैसी घटनाओं का डर सताता रहता है।

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