साल 1998 में झारखंड की रहने वाली एक महिला के जीवन में तब अंधेरा छा गया था,

साल 1998 में झारखंड की रहने वाली एक महिला के जीवन में तब अंधेरा छा गया था,

साल 1998 में झारखंड की रहने वाली एक महिला के जीवन में तब अंधेरा छा गया था, जब उनके पति अचानक लापता हो गए थे। परिवार ने उन्हें ढूंढने की हर संभव कोशिश की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। फिर, 2025 के महाकुंभ में एक चौंकाने वाली घटना घटी। महाकुंभ मेले में, जहां लाखों श्रद्धालु और साधु-संत इकट्ठा हुए थे, महिला के एक रिश्तेदार ने एक अघोरी साधु को देखा, जिनका हुलिया उनके लापता पति गंगासागर यादव से मिल रहा था। शुरुआत में यह भ्रम सा लगा, लेकिन गौर से देखा तो वह वास्तव में उनके पति ही थे, जो अब एक अघोरी साधु बन चुके थे। हालांकि, यह सिर्फ परिवार का दावा है और इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है।

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