सफाई कर्मी हो तो सूरज चक्रवर्ती जैसा!

सफाई कर्मी हो तो सूरज चक्रवर्ती जैसा!

सफाई कर्मी हो तो सूरज चक्रवर्ती जैसा!

बस्ती। बार-बार कहा जा रहा है, कि लगभग चार हजार सफाई कर्मियों में विकास खंड बहादुरपुर के ग्राम पंचायत शेखपुरा के सफाई कर्मी सूरज चक्रवर्ती जैसा और क्यों नहीं है? कचरा बीन-बीन कर जो सफाई कर्मी गरीबों की मदद करता हो, और सरकारी खजाने में पैसा जमा करता हो, वैसा अन्य सफाई कर्मी क्यों नहीं करते? प्रदेष का यह पहला ऐसा सफाई कर्मी होगा, जिसे हर प्रधान अपने गांव में लाना चाहते है। यह गांव वालों का सबसे अधिक दुलारा है। इन्हें कई बार सार्वजनिक रुप से सम्मानित भी किया जा चुका। राजधानी से अगर कोई अघिकारी आता है, और वह साफ सुधरा गांव देखना चाहता है, तो स्थानीय उसे ग्राम पंचायत शेखपुरा अवष्य ले जाते है। सफाई और पर्यावरण के मामले में इस ग्राम पंचायत का कोई जबाव नहीं। कहते हैं, कि कचरे से मनुष्य का ताल्लुक पुराना है, सरकारे भी कचरा समाप्त करने के लिए आभियान व विषेश जागरुकता चला रही है, गावों में ठोस एवम् तरल अपशिष्ट प्रबंधन केंद्रों की स्थापना भी कर रखी है। इस बार सूरज चक्रवर्ती की पहल की ग्रामीण काफी सराहना कर रहे हैं, वह ग्रामीणों को अपना प्रयोग किया हुआ पालिथीन एवम् प्लास्टिक कचरा अपने घरों में एक बोरे में रखने के लिए प्रेरित करता है, और दो किलोग्राम के लगभग होने पर प्रत्येक शनिवार को अपने घर के कचरे के बदले में उपयोग के सामान जैसे, मग, साबुन, कूड़ा उठाने के पात्र आदि सामान ले सकते है, उसकी इस पहल से ग्रामीणों में कचरे के प्रति काफी जागरुकता आई है, सफाई कर्मी मग, साबुन, कूड़ा उठाने वाले पात्र आदि सामान की व्यवस्थ गांव के एकत्रीत प्लास्टिक कचरे बेचकर करता है। सफाई कर्मी सूरज पिछले कई वर्षो से ग्रामीणों को सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रति जागरुक कर रहे है अपनी तैनाती के ग्राम पंचायत, भेड़िहा, पोखरनी और शेखपुरा के ग्राम पंचायत के ग्राम निधि प्रथन एवम् पंचायत ओ.एस.आर.के खाते में करीब 12 हजार से अधिक की धनराशि भी ग्रामीणों द्वारा फेंके गए सिंगल यूज प्लास्टिक कचरे एकत्रीत कर उसे बेचकर जमा लिया जा चुका है, इसके साथ ही अपनी तैनाती के ग्राम पंचायत भेड़िहा में एक वृद्ध महिला के आंख का ऑपरेशन भी गांव के एकत्रित प्लास्टिक कचरे को बेचकर कराया था,सफाई कर्मी का उद्देय है कि इस पर्यावरण को सिंगल यूज प्लास्टिक बचाना जिससे जल एवम् पर्यावरण को दूषित होने से बचाया जा सके, इसके साथ साथ लोगो को प्लास्टिक एवम पालिथीन के पुनः प्रयोग के लिए प्रेरित करते है, वे खुद भी अपनी साफ सफाई के दौरान जो भी सिंगल यूज प्लास्टिक मिलते है उसे एकत्रित करते रहते हैं, सफाई करनी सुरज वेस्ट पालिथीन एवम् प्लास्टिक से महात्मा गांधी एवम् भारत माता की प्रतिमा की प्रतिमा, वृक्ष का चबूतरा, इंटर लेकिन सड़क, पेड़ एवम् तरह तरह के गुलदस्ते एवम् फोटो फ्रेम आदि बना चुके है। आज इस कचरे को बेचकर 143 रु का आय अर्जित किया।

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