‘सीएमओ’ कार्यालय में ‘बयान’ दर्ज करने की फीस ‘दो हजार’!
- Posted By: Tejyug News LIVE
- राज्य
- Updated: 24 September, 2025 19:02
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‘सीएमओ’ कार्यालय में ‘बयान’ दर्ज करने की फीस ‘दो हजार’!
एसीएमओ डा. एके गुप्त ने बयान दर्ज करवाने गए उमेश गोस्वामी से कहा कि सीएमओ कार्यालय के प्रति दिन का चाय-पानी का खर्चा दो हजार होता, अगर आप दो हजार दो तो बयान दर्ज होगा
-इस पर उमेेश ने कहा कि मैं दो हजार के बदले डेली पांच हजार दूंगा, बस मुझे अल्टा साउंड और पैथालाजी का नोडल बना दीजिए
-बस्ती सीएमओ कार्यालय देश का पहला ऐसा कार्यालय होगा, जहां पर बयान दर्ज करने के नाम पर यह कहकर दो हजार शिकायतकर्त्ता से मांगा जाता है, कि कार्यालय का खर्चा
डिप्टी सीएमओ डा. एके चौधरी के खिलाफ की गई शिकायत में जांच अधिकारी बनाए गए डा. एके गुप्त और डा. एसबी सिंह के समक्ष बयान दर्ज करने गए कुदरहा के उमेश गोस्वामी को इस तरह का भ्रष्टाचार का सामना करना पड़ा
-इन्होंने इसकी शिकायत डीएम से करते हुए भ्रष्ट जांच अधिकारी डा. एके गुप्त को जांच से हटाकर दूसरे जनपद की टीम से कराने और डा. एके चौधरी के प्राइवेट प्रेक्टिस को बंद कराने और इनके रिष्तेदार के अवैध पैथालाजी को सील कराने की मांग की
बस्ती। वैसे तो आप लोगों ने सीएमओ कार्यालय के भ्रष्टाचार के अनेक कारनामे सुने होगें, लेकिन आज हम आप लोगों को इस कार्यालय का ऐसा कारनामा बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में आज तक कभी नहीं सुना होगा। बस्ती सीएमओ कार्यालय देश का पहला ऐसा कार्यालय होगा, जहां पर शिकायतकर्त्ताओं से बयान दर्ज करवाने से पहले यह कहकर दो हजार मांगा जाता है, कि इस कार्यालय का डेली के चाय-पानी-नाष्ते का खर्चा दो हजार है, दो हजार जमा कर दो बयान दर्ज हो जाएगा। कहने का मतलब अगर किसी को बयान दर्ज करवाना है, तो एसे साथ में दो हजार लेकर जाना पड़ेगा, तभी बयान दर्ज होगा। उमेश गोस्वामी नामक व्यक्ति से यह दो हजार इस लिए मांगा गया क्यों कि जिस डा. एके चौधरी के खिलाफ बयान दर्ज करवाने के लिए गए थे, वह सीएमओ कार्यालय का दो हजार का खर्चा का भार उठाते हैं, कहा गया कि जब यह आपकी शिकायत पर यहां से हटा दिए जाएगें तो फिर कार्यालय का खर्चा कौन देगा? इस लिए आप को दो हजार देना होगा, इस पर गोस्वामी ने कहा कि साहब मैं दो हजार के बदले डेली पांच हजार दूंगा, बशर्ते हम्हें अल्टा साउंड और पैथालाजी का उसी तरह नोडल बना दीजिए जिस तरह आप लोगों ने डा. एके चौधरी को बनाया। इन्होंने डीएम को पत्र लिखकर भ्रष्ट जांच अधिकारी डा. एके गुप्त को जांच से हटाकर दूसरे जनपद की टीम से जांच कराने और डा. एके चौधरी के प्राइवेट प्रेक्टिस को बंद कराने और इनके रिष्तेदार के अवैध पैथालाजी को सील कराने की मांग की है। डिप्टी सीएमओ डा. एके चौधरी के खिलाफ की गई शिकायत में जांच अधिकारी बनाए गए डा. एके गुप्त और डा. एसबी सिंह के समक्ष बयान दर्ज करने गए कुदरहा के उमेश गोस्वामी जब सीएमओ कार्यालय गए तो उन्हें इस तरह के भ्रष्टाचार का सामना करना पड़ा। इतना ही नहीं शपथ-पत्र मांगने के मामले में भी नांेकझोकं हुई। दोनों जांच अधिकारी ने कहा कि पहले शपथ-पत्र लाओ फिर जांच और बयान दर्ज होगा। इस पर गोस्वामी ने कहा कि आप लोग कौन होते हैं, शपथ-पत्र मांगने वाले, क्यों कि हम्हें जो सीएमओ की ओर से बयान दर्ज करवाने के लिए पत्र दिया गया, उसमें शपथ-पत्र नहीं मांगा गया। जब इसकी शिकायत करने डीएम के पास गए तो मौजूद सीआरओ ने कहा कि गोस्वामीजी टाप का मामला लाएं हैं, इस लिए इसकी जांच बगल में बैठी एसडीएम से कहा कि यह जांच आप करेंगी।
देखा जाए तो जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था को पटरी से उतारने के लिए सीएमओ के अतिरिक्त पीएचसी और सीएचसी के एमओआईसी तो जिम्मेदार हैं, ही, इसके अतिरिक्त सीएमओ के तीन कमाउपूत डा. एके चौधरी, डा. एसबी सिंह और डा. एके गुप्त जिम्मेदार है। अब आप इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं, कि जब अल्टासाउंड और पैथालाजी के नोडल डा. एके चौधरी, सीएमओ कार्यालय के डेली का खर्चा दो हजार वहन कर सकते हैं, तो यह खुद कितना चोरी चमारी करते होगें। अधिकांष एमओआईसी और इन तीनों डाक्टर मिलकर सीएमओ को जिले से राजा बनाकर भेजते है। खुद तो राजा बनते ही हैं, साथ ही सीएमओ को भी राजा बनाते, पिसती और मरती गरीब जनता। तीन डाक्टरों के छत्र छाया में न जाने कितने डेली जज्जा-बच्चा की मौत होती होगी, न जाने कितने भ्रूण हत्याएं होती होगीं और न जाने कितने एर्बासन होते होगें, और इस सबके लिए सीएमओ और इनके तीनों कमाउपूत डाक्टरों को मरीज जिम्मेदार मान रहे है।

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