पेंशनर्स’ की ‘बच’ खुची ‘जिंदगी’ ज्ञापन, बैठक और दरी ‘बिछाने’ में ही ‘बीत’ रही!

पेंशनर्स’ की ‘बच’ खुची ‘जिंदगी’ ज्ञापन, बैठक और दरी ‘बिछाने’ में ही ‘बीत’ रही!

पेंशनर्स’ की ‘बच’ खुची ‘जिंदगी’ ज्ञापन, बैठक और दरी ‘बिछाने’ में ही ‘बीत’ रही!

-‘केन्द्र’ ने किया ‘पेंशनरों’ के साथ ‘अन्याय’ःनरेंद्र बहादुर उपाध्याय

बस्ती। वैसे भी पेंशनर्स की कोई नहीं सुनता, न राज्य सरकार सुनती और न केंद्र सरकार। स्थानीय अधिकररियों की तो बात ही छोड़ दीजिए। जीवनभर दूसरों की सेवा में जिंदगी खपाने वाले पेंशनर्स की ऐसी हालत हो गई कि वह अपने आप को असहाय सा महसूस रहे है। इनकी बची खुची जिंदगी ज्ञापन, बैठक और आंदोलन में ही बीत जा रही है। इन लोगों की समझ में नहीं आ रहा है, कि इस उम्र में अब यह लोग किसके पास फरियाद लेकर जाएं। सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं पेंशनर्स एसोसियेशन उ.प्र. की जनपद शाखा की बैठक कलेक्ट्रेट स्थित पेंशनर्स कक्ष मे जिलाध्यक्ष नरेन्द्र बहादुर उपाध्याय के नेतृत्व में हुई। बैठक में 29 नवम्बर को केन्द्रीय आठवें वेतन आयोग एवं अन्य पेंशनरी समस्याओं को लेकर हुई बैठक मे 29 नवम्बर को कैंडल मार्च निकालने एवं ज्ञापन देने का निर्णय लिया गया। अध्यक्षता कर रहे नरेन्द्र बहादुर उपाध्याय ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा आठवें वेतन आयोग के संकल्प पत्र में पेंशनरों को शामिल न करके उनके साथ अन्याय किया गया है। जब तक पेंशनरों को आठवें वेतन आयोग का लाभ देने के लिये संकल्प पत्र में शामिल नही किया जायेगा पेंशनर्स एसोसियेशन का संघर्ष अनवरत जारी रहेगा। पहले चरण में 29 नवम्बर शनिवार को जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री को सम्बोधित, ज्ञापन दिया जायेगा। इसके बाद कैंडल मार्च निकाला जायेगा। दूसरे चरण में 15 दिसम्बर सोमवार को पुनः प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा जायेगा। इसके बाद भी केन्द्र सरकार ने मांग नही मानी तो विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। जिलाध्यक्ष ने धरना प्रदर्शन व अन्य कार्यक्रमों को सफल बनाने की अपील किया। वक्ताओं ने कहा कि आठवें वेतन आयोग में पहली बार सेवानिवृत्त कर्मचारियों, पेंशनरों को आयोग के लाभ से वंचित करने का प्रयास किया गया है। सातवें वेतन आयोग के संकल्प पत्र में स्पष्ट रूप से पेंशन के पुनरीक्षण एवं पेंशनरों के अन्य लाभों को दायरे में लाया गया था जबकि आठवें वेतन आयोग में इससे वंचित किया गया है जिससे आगे चलकर मंहगाई राहत पर खतरा उत्पन्न हो सकता है। वक्ताओं ने इसे पेंशन नीति के विपरीत बताया। इसके अलावा वर्ष 2004 के पहले के कर्मचारियों के पेंशन को गैर अंशदायी कहा जा रहा है जो बिलकुल अनुचित है। बैठक का संचालन जिला मंत्री उदय प्रताप पाल ने किया। सुभाष चन्द्र श्रीवास्तव, छोटेलाल यादव, प्रेमशंकर लाल श्रीवास्तव, सुरेशधर दूबे, नरेन्द्रदेव मिश्र, रामकुमार लाल, शारदा प्रसाद विश्वकर्मा, रामचन्द्र शुक्ल, जंगबहादुर, दिलीप श्रीवास्तव, राधेश्याम तिवारी, सुरेन्द्रनाथ उपाध्याय, रामप्रसाद तिवारी, शम्भूनाथ मिश्रा, अशोक कुमार मिश्र आदि उपस्थित रहे।

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