पूर्व ‘जज’ ने पूर्व ‘सीएमओ’ पर लगाया ‘गबन’ का ‘आरोप’
- Posted By: Tejyug News LIVE
- राज्य
- Updated: 6 November, 2025 16:41
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पूर्व ‘जज’ ने पूर्व ‘सीएमओ’ पर लगाया ‘गबन’ का ‘आरोप’
-जिस संस्थान में 100 साल में एक बार भी चुनाव नहीं हुआ, और कोई विवाद हुआ, उस संस्थान के अध्यक्ष डा. आरपी वर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमित चौधरी, महामंत्री डा. सुरेंद्र प्रसाद चौधरी, कोषाध्यक्ष श्रीराम चौधरी एवं लेखा परीक्षक रामकमल चौधरी की मिली भगत से लग रहा 10 लाख का गबन करने का आरोप
-एक रुपया का गबन नहीं हुआ, जिसे गबन कहा जा रहा, वह लिपिकीय त्रुटि पुलिस की जांच में भी यह साबित हो चुका, इसी लिए आज तक एफआईआर नहीं दर्त हुआ, पहले भी मैं त्यागपत्र दे चुका हूं और आज भी मैं त्यागपत्र देने को तैयार हूं, लेकिन मामला सड़क पर न लाया जाएःअध्यक्ष
बस्ती। लगता है, कि भ्रष्टाचार की आंच सरदार पटेल स्मारक संस्थान, जिसे सब लोग कुर्मी बोर्डिगं के नाम से पिछले 101 सालों से जान रहे हैं, तक पहुंच चुकी। जिस संस्थान में पिछले 100 सालों से चुनाव नहीं हुआ, आज उस संस्थान के अध्यक्ष डा. आरपी वर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमित चौधरी, महामंत्री डा. सुरेंद्र प्रसाद चौधरी, कोषाध्यक्ष श्रीराम चौधरी एवं लेखा परीक्षक रामकमल चौधरी की मिली भगत से 10 लाख का कथित गबन करने का आरोप लग रहा है। आरोपों में कितना दम हैं, इसका पता तो मुकदमा दर्ज होने के बाद ही चल सकेगा, लेकिन जिस तरह रिटायर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश आद्या शरण चौधरी ने रिटायर सीएमओ डा. आरपी वर्मा एंड टीम पर कथित गबन जैसा गंभीर आरोप लगाया हैं, उससे संस्थान की छवि धूमिल हो रही है। सवाल उठ रहा है, कि जिस संस्थान में कभी किसी ने किसी भी चीज का विरोध नहीं किया, वह कैसे सड़क पर आ गया? और इसका जिम्मेदार कौन? वहीं अध्यक्ष का कहना है, कि एक रुपया का गबन नहीं हुआ, जिसे गबन कहा जा रहा, वह लिपिकीय त्रुटि हैं, पुलिस की जांच में भी यह साबित हो चुका, कहते हैं, कि अगर मामला सही होता तो अब तक रिपोर्ट दर्ज हो गया होता। कहते हैं, पहले भी मैं त्यागपत्र दे चुका हूं और आज भी मैं त्यागपत्र देने को तैयार हूं, मुझे पद का कोई भी लालच नहीं हैं, जिस तरह पिछले सौ सालों से अध्यक्ष बनने आ रहे हैं, उसी तरह वह भी अध्यक्ष बने हैं, इस संस्थान की परम्परा रही है, कि जब भी कोई अध्यक्ष नहीं रहा तो उसके स्थान पर वरिष्ठ उपाध्यक्ष को ही अध्यक्ष बनाया जाता रहा है।
एफआईआर दर्ज करने को एसपी को दी गई तहरीर में पूर्व जज एवं सरदार पटेल स्मारक संस्थान के प्रबंध कार्यकारिणी समिति के सदस्य आद्या शरण चौधरी की ओर से कहा गया है, कि संस्थान की बैठक 12 अक्टूबर 25 को हुई, प्रस्तुत सालाना आय-व्यय का लेखाजोखा के अनुसार कालम 24 में बड़ौदा यूपी ग्रामीण बैंक बस्ती से कैनरा बैंक को 10 लाख आरटीजीएस के जरिए भेजना दर्षाया गया, खासबात यह है, कि उस धनराशि को व्यय में भी दिखाया गया, जबकि उक्त धनराशि का कहीं व्यय ही नहीं हुआ। बल्कि केवल संस्थान के एक खाते से संस्थान के दूसरे खाते में पैसा भेजकर कथित गबन कर लिया गया। कहते हैं, कि मेरे बागाी करने के बावजूद भी अध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारियों ने 12 अक्टूबर 25 में खर्च को गलत दर्शन के तथ्य को छिपाते हुए गलत व्यय को सही मानते हुए कथित गबन की गई धनराशि को साधारण सभा की बैठक में धोखे से पारित करवा लिया। इतना ही नहीं 12 अक्टूबर 25 की बैठक में जिस अध्यक्ष के रुप में हस्ताक्षर और नाम लिखा गया, वह ओमप्रकाश चौधरी का नाम हैं, जिनकी मृत्यु बैठक के तीन माह पहले ही हो चुकी है। पत्र में अध्यक्ष के कथित फर्जी हस्ताक्षर होने की भी संभावना जताई गई। जोर देकर कहा कि कथित 10 लाख के गबन में अध्यक्ष का पूरा योगदान हैं, इसी लिए यह 12 अक्टूबर 25 की बैठक में जानबूझकर गैर हाजिर रहे। पत्र में उपरोक्त लोगों के खिलाफ 10 लाख के गबन के आरोप में मुकदमा दर्ज करवाने की अपील की गई।

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