नरखोरिया में बाइक की रोशनी पर लगाई जा रही फर्जी हाजीरी
- Posted By: Tejyug News LIVE
- राज्य
- Updated: 5 February, 2025 21:14
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नरखोरिया में बाइक की रोशनी पर लगाई जा रही फर्जी हाजीरी
बस्ती। विकासखंड रामनगर के नरखोरिया ग्राम पंचायत में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के धज्जियां उड़ने में ग्राम प्रधान रोजगार सेवक को मिलेगा जिले में पहला स्थान। जहां सरकार बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए बेरोजगारी को कम करने हेतु महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत गांव के विकास के लिए रोजगार मुहैया करती है तो वहीं दूसरी तरफ फर्जीवाडा करने उनसे कहीं ज्यादा आगे होकर रातों-रात मोटरसाइकिल के प्रकाश की आड़ में फर्जी हाजिरी लगाने का काम कर रहे हैं। 4 फरवरी दिन मंगलवार को शाम 6.18 पर पिच रोड से राजकुमार गौतम के खेत तक चकबंद पटाई के कार्य में कुल 33 मजदूर की पूरी तरीके से फर्जी करवा रहे हैं। इसके अलावा अन्य कार्य योजना के तहत पिच रोड से लालमन के खेत तक चकबंद का कार्य भी लाइट के उजाले में 17 मजदूर हाजीरी लगाकर कार्य करवाया जा रहा है। सरयू नाथ से कलंदानगर सरहद तक पीडब्लूडी सड़क पर दोनों तरफ पटरी सफाई कार्य के नाम पर भी 46 मजदूर लगाई जा रही है। गोविंद के घर से प्रभु के खेत तक इंटरलॉकिंग कर में भी कुल सात मजदूर की भी हाजिरी लगाया गया।
सबसे बड़ा सवाल उठता है कि जहां एक तरफ मनरेगा मजदूर कम मजदूरी में दिनभर काम कर के अपने परिवार का जीवन यापन करते हैं तो दूसरी तरफ दिन भर थक हारकर मजदूर देर शाम को वह कैसे काम करेंगे।इसके अलावा कुछ मनरेगा मजदूर ने बताया कि प्रधान की मनमानी के चलते अपने आदमी को रोजगार देकर हीलाहवाली करते रहते हैं।महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत हर मजदूर को 100 दिन का काम योजना के तहत देने का प्राविधान है। सूत्रों की माने तो इसके पहले भी ग्राम प्रधान मनमानी के चलते फर्जी तरीके से हाजिरी लगाकर सरकारी धन का बंदरबांट कर चुके हैं। देर शाम को फर्जी हाजिरी लगने के बाद कई ग्राम प्रधानों ने भी विरोध कर उच्च अधिकारियों को सूचित किया था। वहां पर एक पुरानी कहावत बिल्कुल चरितार्थ हो रही है ’दिन भर रहे रानी रात को भरो पानी’ दिन में मनरेगा के तहत फर्जी कार्यों को छुपाने हेतु ग्राम प्रधानों ने अपने अपने रोजगार सेवकों से देर शाम को हाजिरी लगाने के निर्देश दिए हैं क्योंकि कोई अधिकारी अथवा मीडियाकर्मी कार्य स्थल पर आकर फर्जीवाड़ा का पर्दाफाश न कर सके। जब इस प्रकरण में खंड विकास अधिकारी रामनगर से वार्ता करने की कोशिश की गई तो उनका फोन संपर्क से बाहर बता रहा था।
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