नकली देशी अंडा बनाने के कारखाने का भंडाफोड़

नकली देशी अंडा बनाने के कारखाने का भंडाफोड़

नकली देशी अंडा बनाने के कारखाने का भंडाफोड़

-मूड़घाट चौराहें से बड़ेबन जाने वाले सर्विस रोड के बाई तरह सफेद अंडा को रंगने का हो रहा बड़ा कारोबार

-चाइनीज नकली देशी अंडा बनाकर उसे 15 रुपये में बेचा जा रहा, 15 लोगों की टीम इस कारोबार में लगी हुई

-यह लोग विनय सिंह उर्फ बबलू सिंह के चाल में पांच छह कमरा लेकर नकली देशी अंडे का व्यापार घड़ल्ले से कर रहे

-बच्चों की एक टोली है, जो रोज टोकरी में नकली देशी लेकर गांव गढ़ी में जाकर सस्ते में बेचते

-जब सुरेश कुमार श्रीवास्तव ने छानबीन किया तो उसके उपर लोग टूट पड़े, जान बचाकर किसी तरह वहां से भागा

-इसकी शिकायत सीएम हेल्प लाइन और डीएम एसपी से करते हुए त्वरित कार्रवाई करने की मांग की


बस्ती। चौकिए मतः मूडघाट चौराहे से बड़ेबन की ओर जाने वाली सर्विस रोड से दो सौ मीटर की दूरी पर बड़े पैमाने पर एक चाल में नकली देशी अंडा तैयार किया जाता है। सफेद रगं के इस अंडो को ठीक उसी रंग में रखा जाता है, जिस रंग में देशी अंडा होता है। इस नकली देशी अंडे का कारोबार विनय सिंह उर्फ बबलू सिंह नामक व्यक्ति के चाल में हो रहा है। 15 की टोली में यह लोग मुरादाबाद के बताए जाते हैं, हर रात को इस चाल में एक बड़ी गाड़ी आती है, जिसमें छोटे साइज का सफेद अंडा रहता है। रातभर यह लोग सफेद अंडें को रंग कर उसे देशी अंडे का शक्ल दे देते है। पांच रुपये के इस अंडे को देशी अंडा बताकर उसे 15 रुपया में बेचा जाता है। इसके लिए एक दर्जन से सहित लोगों की बनी है, जो रगंे गए देशी अंडे को एक टोकरी में सजाकर गांव गढ़ी ले जाते हैं, और देषी अंडा बताकर किसी को दस में तो किसी को आठ में दे देते है। इनकी पूरी टीम जिले भर में फैली हुई है। गांव गढ़ी के अंडे वाले दुकानदारों को भी यह लोग कैरेट के हिसाब से सस्ते में देते है। बताया जाता है, कि जिस रंग में रंगा जाता है, वह काफी जहरीला होता है। इसका खुलासा पोखरनी निवासी सुरेष कुमार श्रीवास्तव ने उस समय किया, जब वह अपने किसी दोस्त से मिलने चाल में गया था, जब उसने छानबीन किया तो उन लोगों को शक हो गया और वह लोग संगठित होकर सुरेश पर टूट पड़े, किसी तरह जान बचाकर वहां से भागा, और इसकी शिकायत सीएम के हेल्पलाइन और डीएम एवं एसपी से करते हुए छापा डालने और कार्रवाई करने की मांग की।

सुरेश ने बताया कि जब उसने पूछा कि क्या यह देशी अंडा हैं, तो वह लोग कहने लगे हां, लेकिन जब उसने बगल उसी साइज का सफेद अंडा देखा तो पूछने लगा कि यह कौन सा अंडा है, जो दिखने में तो सफेद हैं, लेकिन इसकी साइज देषी अंडा जैसी है। इस पर उन लोगों को संदेह हो गया, और भाग जाने को कहा, लेकिन जब उसने अपने एक अंडा का कारोंबार करने वाले मित्र तो फोन किया तो उन लोगों को यह लगा कि पुलिस को फोन कर रहे हैं, फिर उसके बाद वह लोग सुरेश पर टूट पड़े, और मालिक बबलू सिंह को भी बुला लिया। सुरेश ने बताया कि किराये पर कमरा देने के लिए लगभग 50 कमरे की चाल बनाई गई हैं, इसमें निचले तबके के लोग जैसे कबाड़ी, सब्जी का ठेला लगाने वाले चाय, चाट, बुनिया नमकीन का ठेला लगाने वाले मजदूरी करने वाले दूसरे के घर बर्तन साफ करने वाली आदि सभी को 2000 हजार में एक कमरा मिलता है। दीवाल ईट का ऊपर सीमेंट सीट से बना कर विनय सिंह कमरा उपलब्ध कराते हैं। कहा कि मकान मालिक विनय सिंह मेरे भी परिचित हैं। यहां पांच कमरा कुछ 10 से अधिक लोगों की टीम के दिया गया है। उक्त टीम मुरादाबाद के हैं जैसी जानकारी मिली है। परसों के दिन मुझे जानकारी मिली तो मैं इन 10 लोगों की टीम के बारे में जानकारी करने उनके कमरे पर गया। वहां पर देखा कि एक कमरे में कुछ लोग खबिया में देशी मुर्गी का अंडा रख रहे थे। मैने उनसे पूछा कि भाई ये देशी मुर्गी के अंडे हैं, तब वहां पर सात आठ लोग कहे कि कलर से तुम्हे क्या लग रहा है, मैने कहा कि कलर से तो देशी ही लग रहा है। चलो कोई बात नहीं इतने में मुझे एक तरफ ढेर सारे एकदम सफेद अंडे दिखाई दिए। देशी अंडा सफेद अंडा से छोटा होता है। लेकिन जो साइज देशी का था वही साइज सफेद का भी था। मैने उन लोगों से केवल इतना ही पूछा कि भाई ये सफेद अंडा किस मुर्गी का है। बताया गया कि यह चाइनीज अंडा है। इतने में सब भड़क उठे और मुझे धक्का देकर भगाने लगे और कहने लगे कि इसको भगाओ यह छानबीन कर रहा है। मैं थोड़ा आगे आकर एक अण्डा बेचने वाले को फोन मिलाने लगा उसकी बड़ेबन चौराहे पर अंडे की दुकान है। जब सबने देखा कि मैं कहीं फोन लगा रहा हूं तो सभी लोग काफी परेशान हो गए और एक दूसरे कमरे पर जाकर उस टीम के मालिक को मेरे सामने ही बताने लगे कि यह आदमी ज्यादा छानबीन कर रहा है और हम लोग इसको भगा रहे हैं तो कहीं फोन मिला रहा है। मैं निकलने लगा मैने सोचा चलो कोई बात नहीं। लेकिन वो लोग अपने टीम के मालिक के साथ मेरे पीछे पीछे 100 मीटर खड़े बाइक के पास आकर मुझसे पूछने लगे कि किसके पास फोन मिला रहा है। फिर मैंने उस चाली में किराए पर रहने वाले कुछ लोगों से पूछा कि कैसा अंडा बेचते हैं ये लोग। तब जानकारी मिली कि हर तीन दिन में रात में एक बड़ी गाड़ी में सफेद अंडा आता है यहां उतरता है और ये लोग उसको रंग कर गांव-गांव लड़कों से बेचवाते हैं। इस चाल के सामने शौचालय बना है, उसी के सामने एक गढ्ढा है, उसमें मैने देखा कि सैकड़ों फूटे अंडे फेंके गए हैं वह भी सफेद। वहां अंडे के सड़ने से बदबू भी आती ह, अगल बगल के लोगों ने कहा कि कई बार 112 नम्बर बुलाया आते हैं, फोटो खीच कर चले जाते हैं। एक आदमी ने कहा कि चाइनीज अंडा सफेद आता है, उसको यहां रंगा जाता है।

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