मलाई’ काटने वाले ‘शिक्षकों’ के दिन लद ‘गए’

मलाई’ काटने वाले ‘शिक्षकों’ के दिन लद ‘गए’

मलाई’ काटने वाले ‘शिक्षकों’ के दिन लद ‘गए’

-दस दिन में मूल तैनाती वाले स्कूलों में जाकर करना होगा पठन-पाठन का कार्य,

बेसिक और माध्यमिक के अपर मुख्य सचिव ने संबद्धता को समाप्त करने वाला आदेश जारी किया

-भविष्य में शासन की अनुमति के बिना किसी भी अध्यापक, अघिकारी एवं कर्मचारियों को ऐसे स्थान पर संबद्ध नहीं किया जा सकेगा, जहां पर मूल तैनाती न हो

-इस आदेश के बाद जेडीई कार्यालय के प्रभात यादव को वापस डुमरियागंज और जिम चलाने वाले डीआईओएस के बृजेष मिश्र को कलवारी के झिनकू इंटर कालेज जाना होगा, जेडीई और डीडीआर कार्यालय मिलाकर कुल पांच, बीएसए कार्यालय के 4-5 की संबद्धता समाप्त होगी

बस्ती। माध्यमिक और बेसिक शिक्षा विभाग के जो अधिकारी कमाउपूत शिक्षकों को कार्यालय में संबद्ध करके लूटपाट कर रहे थे, अब नहीं कर पाएगें, क्यों कि बेसिक और माध्यमिक के अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी  सेन शर्मा ने संबद्धता को समाप्त करने वाला आदेश जारी करते हुए कहा है, कि दस दिन में मूल तैनाती वाले स्कूलों में जाकर पठन-पाठन का कार्य करें, अन्यथा कार्रवाई के लिए तैयार रहें। यह भी कहा है, कि भविष्य में शासन की अनुमति के बिना किसी भी अध्यापक, अघिकारी एवं कर्मचारियों को ऐसे स्थान पर संबद्ध नहीं किया जा सकेगा, जहां पर मूल तैनाती न हो। इस आदेष के बाद जेडीई कार्यालय के प्रभात यादव को वापस डुमरियागंज और जिम चलाने वाले डीआईओएस के बृजेश मिश्र को कलवारी के झिनकू इंटर कालेज जाना होगा, जेडीई और डीडीआर कार्यालय मिलाकर कुल पांच, बीएसए कार्यालय के 4-5 की संबद्धता समाप्त होगी। शासन के संज्ञान में बराबर यह बात आ रही है, कि बेसिक और माध्यमिक के अधिकारी अपने नीजि लाभ के लिए एवं शासन की अनुमति के बिना शिक्षकों को कार्यालय में संबद्ध कर दे रहे थे। स्पष्ट कहा गया है, कि शासन की अनुमति के बिना अगर कोई शिक्षक, अधिकारी या कर्मचारी अपने मूल तैनाती के स्थान के आलावा यदि संबद्ध किया गया है, तो उसका संबद्धीकरण तत्काल निरस्त करते हुए उसकी तैनाती मूल विधालय पर वापस भेज दिया जाए। डीआईओएस कार्यालय के और कलवारी के झिनकू इंटर कालेज में तैनात बृजेष मिश्र तो सालों से खुद का जिम चला रहे है। सरकारी वेतन अलग से ले रहे हैं, और जिम से अलग से कमा रहे है। जबकि इनकी तैनाती पठन-पाठन के लिए की गई। वैसे संबद्धता का लाभ जेडीई से लेकर डीडीआर से लेकर डीआईओएस तक उठाते आ रहे है।

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