‘महिला’ अस्पताल में हर कदम पर ‘पैसा’ देना ‘पड़ता’

‘महिला’ अस्पताल में हर कदम पर ‘पैसा’ देना ‘पड़ता’

‘महिला’ अस्पताल में हर कदम पर ‘पैसा’ देना ‘पड़ता’

-महिला अस्पताल में ‘आधी आबादी’ की ‘सेहत’ पर खतरा ‘मंडरा’ रहा

बस्ती। जिला महिला अस्पताल वीरांगना रानी तलाश कुंवर एक बार फिर सुर्खियों में है। अस्पताल की अव्यवस्था और लापरवाही का ताजा मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। दवाइयाँ बँटवाने का वीडियो वायरल अस्पताल की स्टाफ नर्स निशा सिंह पर आरोप है कि वह दवाइयाँ खुद न देकर दाइयों से बँटवाती हैं। गैस, उल्टी और बुखार जैसी दवाओं को बिना किसी चिकित्सकीय निगरानी के दाइयों द्वारा मरीजों को थमाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। मरीजों का इलाज कम, शोषण ज्यादा हो रहा। इलाज कराने पहुँची मरीजों और उनके परिजनों का कहना है कि अस्पताल में इलाज से ज्यादा शोषण हो रहा है। हर कदम पर पैसा देना पड़ता है, जबकि सरकारी सुविधाएँ सिर्फ कागजों पर निशुल्क दिखाई जाती हैं। टीकाकरण से लेकर ऑपरेशन तक वसूली का खेल खुलेआम चल रहा है। दाइयों ने खोला राज दाइयों का कहना है कि उन्हें ग्लूकोज बोतल बदलने तक के लिए दबाव डाला जाता है। मरीजों ने आरोप लगाया कि दवाइयाँ असर नहीं करतीं और ग्लूकोज की बोतल लगाते ही तबीयत बिगड़ जाती है। सीएमएस की करीबी, कार्रवाई पर संशय स्टाफ नर्स निशा सिंह पर गंभीर आरोपों के बावजूद सूत्रों का दावा है कि सीएमएस की करीबी होने के कारण उन पर किसी भी तरह की कार्रवाई संभव नहीं है। छोटे कर्मचारियों में इतना डर है कि वे खुलकर कुछ बोलने से भी कतरा रहे हैं। प्रशासन की चुप्पी, मातृ-शिशु सुरक्षा दांव पर अस्पताल की अव्यवस्था और विवादों पर जिम्मेदार अधिकारियों की चुप्पी भी सवाल खड़े कर रही है। अस्पताल पहले भी मारपीट और लापरवाही के मामलों में विवादों में रह चुका है। अब एक बार फिर आधी आबादी की सेहत पर खतरा मंडरा रहा है।

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