मैडम, ‘किसानों’ को ‘समीक्षा’ नहीं, ‘खाद’ चाहिए!

मैडम, ‘किसानों’ को ‘समीक्षा’ नहीं, ‘खाद’ चाहिए!

मैडम, ‘किसानों’ को ‘समीक्षा’ नहीं, ‘खाद’ चाहिए!

-मैडम, समीक्षा और बैठकों में आदेश और निर्देश देने से एआर, डीओ, डीडीओ सुधरने वाले नहीं हैं, अगर वाकई किसानों को खाद उपलब्ध कराना चाहती है, तो इनके कालाबाजारी को रोकना होगा

बस्ती। डीएम कृत्तिका ज्योत्सना की ओर से खाद, बीज और धान खरीद की समीक्षा में जो निर्देश और आदेश दिए गए हैं, उसकी पूर्ति हुई कि नहीं? क्यों कि समीक्षा और बैठकों में आदेश और निर्देश देने से एआर, डीओ, डीडीओ सुधरने वाले नहीं हैं, अगर वाकई आप किसानों को खाद उपलब्ध कराना चाहती है, तो इनके कालाबाजारी को रोकना होगा। अगर, यह लोग आदेश और निर्देश से सुधर जाते तो अब तक न जाने कितने आदेश और निर्देश कमिष्नर और डीएम दे चुके है। अगर यह लोग अधिकारियों के आदेश और निर्देश का पालन कर देते तो जिले में सबसे बड़ा धान का घोटाला न होता और न नौ लाख यूरिया की कालाबाजारी खरीफ में होती। किसानों का मानना और कहना है, कि आदेष और निर्देष देने का समय बीत चुका है, अब तो कार्रवाई करने का समय आ गया। अगर, खरीफ में कार्रवाई हो गई होती तो रवी में कालाबाजारी न होती। मैडम, कृषि विभाग और सहकारिता के अधिकारी से तभी किसानों के हित में कार्य करेगें, जब इनमें ईमानदारी आएगी। किसानों का खाद उपलब्ध कराना इन लोगों की न तो प्राथमिकता हैं, और न यह पारदषर््िाता ही कभी ला सकते है। जिस तरह मैडम ने खाद एवं बीज वितरण की समीक्षा करते हुए उप कृषि निदेशक अशोक कुमार गौतम, ए.आर. कोआपरेटिव आशीष श्रीवास्तव और जिला कृषि अधिकारी को निर्देश दिया, अगर उसका पालन हो जाए तो किसी भी किसान को कोई परेशानी ही न हो। मैडम, यही लोग जो काम करने का आईडिएल इन्वायरमेंट नहीं लाना चाहते। तभी न तो कोई डीएम और जिला आईडिएल बन पा रहा है। मैडम, देखना है, कि आप के निर्देश के बाद वितरण केंद्रों पर खाद और बीज की पर्याप्त उपलब्धता बनी रहती। यह भी देखना है, कि  किसानों को समय से उर्वरक मिले इसके लिए ब्लॉकवार निगरानी दल सक्रिय हुए कि नहीं, अगर सक्रिय हुए होते तो सीडीओ के निरीक्षण में जिनवा समिति बंद न मिलता। मैडम, जिस दिन खाद की कालाबाजारी या कृत्रिम अभाव की शिकायतों पर आप सख्त हो गई, उस दिन किसान आप की जयजयकार करेगा। मैडम, आप को इस बात की भी समीक्षा करनी होगी कि समस्त केन्द्रों पर शिकायत हेल्प नम्बर पारदर्शित किया गया या नहीं? मैडम, अगर आप इस मामले में सफल हो गई तो किसान बाकी काम स्वंय कर लेगा, आप को करने की आवष्यकता ही नहीं पड़ेगी। बैठक में जिला विकास अधिकारी अजय कुमार सिंह, पीडी राजेश कुमार, उप जिलाधिकारी रश्मि यादव, उमाकान्त तिवारी, ईओ नगरपालिका अंगद गुप्ता सहित संबंधित विभागीय अधिकारीगण उपस्थित रहें।

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