काश’ विनय ‘वर्मा’ जैसा ‘विधायक’ बस्ती में भी ‘होते’!

काश’ विनय ‘वर्मा’ जैसा ‘विधायक’ बस्ती में भी ‘होते’!

काश’ विनय ‘वर्मा’ जैसा ‘विधायक’ बस्ती में भी ‘होते’!

बस्ती। कुछ दिन पहले ‘दिशा ’ की बैठक की अध्यक्षता कर रहे सांसद जगदम्बिका पाल को ललकार कर चर्चा में रहने वाले शोहरतगढ़ से अपना दल के विधायक विनय वर्मा, आज एक बार फिर चर्चा में है। इस बार इनका तेवर देखकर बस्ती की जनता कहने लगी कि काश, हमारे जिले के विधायक भी विनय वर्मा जैसा होते तो काफी हद तक भ्रष्टाचार पर लगाम लग सकता और बेलगाम हो चुके अधिकारी सुधर जाते। वायरल वीडियो को जिस-जिस ने भी देखा होगा, उसने अवष्य विधायक के कार्यशैली की प्रशंसा की होगी। जिस तरह विधायकजी पीडब्लूडी के दलालों और एक्सईएन पर दलाली करने का आरोप लगाते हुए डांटा और कहा कि जनता बाहर हम्हे गाली दे रही है, और आप लोग कमरे में बैठकर दलाली का खेल खेल रहे है। इस तरह का तेवर कभी सांसद कल्पनाथ सोनकर दिखाया करते थे, विनय वर्मा की तरह वह भी सीधे भ्रष्ट अधिकारियों के चेंबर में घुसते थे, और उनकी ऐसी की तैसी करके ही चेंबर से बाहर निकलते थे, आवष्यकता पड़ने पर वर्माजी की तरह अधिकारियों को जूते से मारने की धमकी भी देते थे। इस तरह की कार्यशैली उन्हीं जनप्रतिनिधियों की होती जो जनता के प्रति वफादार और ईमानदार होते है। ऐसे लोगों को जनता सिर पर बैठाती है। विधायकजी, घुसते ही पीडब्लूडी के एक्सईएन से कहा कि दलाली का अडडा बना लिया। मेरा फोन नहीं उठाते, और यहां पर दलालों के साथ मिलकर योजना को लूटने की रणनीति बना रहे हों, दलाल शब्द का इस्तेमाल इन्होंने दिशा की बैठक में भी किया था, जिस पर सांसद जगदम्बिकापाल नाराज हो गए थे। विधायकजी ने जब यह कहा कि नंगा करके जूते से पिटूगां, वैसे ही वहां पर मौजूद ठेकेदार और अन्य घिसकने लगे, एक्सईएन को बार-बार हाथ जोड़कर माफी मांगते हुए वीडियो में देखा जा सकता है। कहा कि जनता बाहर विधायक के खिलाफ नारेबाजी करती है, और आप लोग यहां बैठकर दलाली कर रहो हो। क्षेत्र में जाते हैं, तो जनता हम्हें गाली देती है। कहा कि या तो तुम्हारे खिलाफ या फिर मेरे खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा, लेकिन आज मैं आप लोगों की दलाली का धंधा समाप्त करके ही रहूंगा। कहा कि विधायक के पास मिलने का समय नहीं, और यहां पर बैठकर दलाली कर रहे हो। उन्होंने कैमरे की ओर मुखातिब होते हुए कहा कि सीएम साहब यह लोग गेस्ट हाउस को दलाली का अडडा बना लिया। एक्सईएन ठेकेदार के सामने बैठकर दलाली कर रहे है। देखा जाए तो माननीयों की पहचान ही विनय वर्मा जैसी है। लेकिन आज के अधिकांश विधायकों को न तो ठीक से चिठठी पत्री लिखना आता है, और न या दमदारी से विधानसभा में और न यह अधिकारियों से बात कर पाते है। आज के विधायकों को सिर्फ निधि बेचना और गेट लगवाना आता है। इसी लिए आज के विधायकों को वह सम्मान नहीं मिलता जो विनय वर्मा जैसे विधायकों को मिलता।

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