‘किन्नरों’ के ‘नेग’ और डर से ‘नसबंदी’ करवा ‘लिया’
- Posted By: Tejyug News LIVE
- राज्य
- Updated: 7 September, 2025 16:50
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‘किन्नरों’ के ‘नेग’ और डर से ‘नसबंदी’ करवा ‘लिया’
-पहली बार किन्नरों पर दर्ज हुआ मारपीट का केस, बच्चा पैदा होने पर आधा दर्जन किन्नर पहुंची, 50 हजार, सोने की अगंूठी, बाली और साड़ी मांगा
-इससे पहले किन्नर इस घर में शादी होने और बच्चा पैदा होने पर मुहंमागी नेग ले चुकी, कहा कि जब पहले दिया तो इस बार भी देना पड़ेगा
-इससे पहले किन्नरों ने मारने पीटने, कान की बाली और हजारों रुपया छीनने के आरोप में, पिता और दोनों भाईयों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा चुकी
बस्ती। सुनने में अजीब लग रहा होगा, लेकिन यह सही है, कि किन्नरों के नेग मागंने और डर के नाते एक परिवार ने नशबंदी करवा लिया। इस परिवार का नाम वैष्णवी शुक्ला और इनके पति का नाम अंकित शुक्ल यह लौकिहवा के रहने वाले है। पत्नी की ओर से दर्ज एफआईआर में कहा गया कि दो सितंबर 25 घर पर किन्नरांे का एक समूह आया उस समय घर पर देवर थे तथा मैं अपने बिमार बच्चे को दवा ईलाज हेतु कैली अस्पताल गयी थी देवर ने फोन करके बताये कि कुछ किन्नर घर पर आये हुए है, और गाली गुप्ता व जान से मारने तथा घर में घुसने का प्रयास कर रहे है। तब हमने पति को फोन लगाया उसके बाद जब पति और ससुर के पहुंचे तो किन्नरो का समुदाय उनको भी गाली गुप्ता व जान से मारने की धमकी देते हुए भाग जाना। पति अंकित ने बताया कि दो सितंबर की सुबह 11 बजे 5-6 किन्नर आई, इसमें तीन किन्नर थी, बाकी ढोलक बजाने वाले मर्द की तरह थे, यह लोग 50 हजार नकद, कान की बाली, सोने कर अगूंठी और साड़ी मांग रही थी, हम लोगों ने बताया कि हम लोगों की स्थित ठीक नहीं इस लिए इतना नेग नहीं सकते, लेकिन जिदद करने लगा और गाली गलौज करते हुए कहा कि पहले भी इस घर से हम लोग षादी और बच्चा के पैदा होने पर इतना नेग ले जा चुकी हूं, इस बार भी उतना ही देना पड़ेगा। बताया कि इन लोगों के बवाल से बचने के लिए इस बार नषबंदी करवा लिया, कहा कि किन्नरों ने उनके भाई से झगड़ा किया पत्नी से किया, एक तरह से इन लोगों ने हम लोगों पर धावा बोल दिया, बताया कि डंडे से मारा जिसके चलते हमारी अगूंली टेढ़ी हो गई। बताया कि जब यह लोग नहीं माने तो हमने 112 को बुलाने की को कहा, इस पर कहा कि किसी को बुलाओं हम लोगों का कुछ नहीं होगा। उल्टा हम लोगों के खिलाफ मुकदर्मा दर्ज करवा दिया। बताया कि जैसे ही 112 की पुलिस आई यह लोग भाग गए, और कोतवाली में जाकर मुकदमा दर्ज करवाने की तहरीर दे दिया, जिस पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज भी कर दिया। जबकि हम लोगों ने घटना वाले दि नही तहरीर दिया था, लेकिन पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया। उसके बाद हम और हमारी पत्नी एसपी के पास गए। किन्नरों को मीडिया की ओर से बार-बार कहा जा रहा है, कि किसी भी परिवार को नेग के लिए इतना न परेषान करों कि वह रोने लगें। यह भी कहा जा रहा है, कि नेग किसी किन्नर का अधिकार नहीं बल्कि स्वेच्छा से दिया गया उपहार है। अगर इसी तरह किन्नरों का व्यवहार रहा तो इस तरह की घटनाएं आम हो जाएगंी। फिर किन्नर से कोई आर्षीवाद लेना नहीं चाहेगा और न नेग ही देगा। किन्नर समाज को सुझाव दिया जा रहा है, कि अपनी गरिमा बनाए रखने के लिए कितना भी नेग मिले उसे खुशी-खुशी स्वीकार करें, वरना यूंही मुकदमेंबाजी और मारपीट की घटनाएं होती रहेंगी।

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