जानदार’, ‘शानदार’, ‘मिलनसार’ व्यक्तित्व के ‘धनी’ ‘मिश्राजी’ नहीं ‘रहे’!

जानदार’, ‘शानदार’, ‘मिलनसार’ व्यक्तित्व के ‘धनी’ ‘मिश्राजी’ नहीं ‘रहे’!

जानदार’, ‘शानदार’, ‘मिलनसार’ व्यक्तित्व के ‘धनी’ ‘मिश्राजी’ नहीं ‘रहे’!

बस्ती। 38 साल से लोगों को आवास और दुकान पर बुला-बुलाकर हालचाल पूछने और जबरिया चाय पिलाने वाले जानदार, शानदार, मिलनसार व्यक्तित्व के ‘धनी’ ‘चंद्रभूषण मिश्रजी’ अब हम लोगों के बीच नहीं रहे। जैसे ही इनके न रहने की खबर आई लोग सन्न रह गए, इनके चलते देर रात्रि तक गुलजार रहने वाला न्याय मार्ग अब इनके बिना सूना-सूना सा लगेगा। मिश्राजी ऐसे व्यक्तित्व के धनी व्यक्ति थे, जिनकी प्रशंसा विरोधी दलों के लोग भी करते रहे। सपा पार्टी के प्रति रात-दिन समर्पित रहने वाले मिश्राजी जैसा कार्यकर्त्ता पार्टी को बिरले ही मिलते। अन्य लोगों की तरह इन्होंने पद के लिए इन्होंने कभी पार्टी को धोखा नहीं दिया। पार्टी के प्रति वफादार रहना कोई मिश्रीजी से सीखे। खाने और खिलाने के शोकीन मिश्राजी हमेशा लोगों के दिलों में रहेगें। कपड़ा पहनना मानो इनका प्रिय शोक रहा, एक साथ 20-25 जोड़ी कुर्ता और पैजामा सिलवाते थे, एक सप्ताह पहले इन्होंने कहा कि उन्होंने 25 जोड़ी गरम कुर्ता, पैजामा और जैकिट सिलवाया। इनकी आलमारी में आज भी दो दर्जन से अधिक ओवर कोर्ट टंगा होगा। लोग एक दो जोड़ी इनर खरीदते थे, और यह एक दर्जन एक साथ खरीदने थे। सपा की सेवा में पूरी जवानी खपाने वाले ‘मिश्राजी’ ऐसे व्यक्ति रहे, जिन्होंने कभी अपने विरोधी और दुष्मन को भी बुरा भला नहीं कहा। यह किसी लाभकारी पद के मोहताज कभी नहीं रहे। जनेष्वर मिश्रजी जब कभी बस्ती आते इनके आवास पर ही ठहरते। पार्टी के प्रति इनकी ईमानदारी और समर्पण की भावना से मुलायम सिंह यादव से लेकर अखिलेश सिंह यादव तक प्रभावित रहते थे। छात्र जीवन से ही यह लड़ाकू रहे। यह पहले ऐसे नेता और व्यक्ति रहे, जो विवादरहित थे। हालांकि इनके साथ इनके ही लोगों ने इनके पीठ में छूरा भोकने का काम किया, लेकिन इन्होंने कभी सार्वजनिक रुप से विरोध नहीं किया। इनकी याद में पूरे जिले में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। कहना गलत नहीं होगा, इनके न रहने से पार्टी को बहुत बड़ा नुकसान हुआ। इनकी भरपाई होना कठिन। वैसे श्रद्धांजलि देने वालों में इतने नाम हैं, कि अगर सबका नाम लिख दिया जाए, तो अखबार कम पड़ जाएगा। इनमें मुख्य रुप से मिश्राजी के अतिकरीबी एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह, राजेंद्रनाथ तिवारी, हरीष सिंह, यशकांत सिंह, भोलू सिंह, चंद्रेश प्रताप सिंह, रविंद्र गौतम, खादिम हुसैन, राम आधार पाल, कुलवेद्र सिंह मजहबी, दयाशंकर मिश्र, संजय चौधरी, अब्दुल हक, ज्वाला प्रसाद यादव, अनिल दूबे, दिनेश दूबे, राम सिंह, फूलचंद्र श्रीवास्तव, दुर्गेश, उदयशंकर शुक्ल, अशोक पांडेय, सूर्य प्रकाश शुक्ल, मोहित पांडेय, सुरेंद्र पांडेय, स्कंद शुक्ल, सतीश श्रीवास्तव, अनुज प्रताप सिंह, मनोज कुमार यादव, सुदृष्टि नरायन तिवारी, विनोद उपाध्याय, विपिन बिहारी त्रिपाठी, गोपाल सिंह, डा. वीके वर्मा, सदानंद, अम्बिका सिंह, अवधेश तिवारी, नरेंद्र उपाध्याय, अंकुर वर्मा, बाबूराम सिंह, विजय द्विवेदी, राना दिनेश प्रताप सिंह, केके दूबे,  अनूप मिश्र, दुष्यंत सिंह, राना सिंह पगार, किस्सू, अशोक कुमार सिंह, अजय श्रीवास्तव, दिनेश यादव, राजाराम यादव, विजय यादव, कोयल, जमील अहमद, सुशील यादव, वीरेंद्र चौधरी सहित अन्य का नाम शामिल।

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