जिला पंचायत में विकास की गंगा नही, भ्रष्टाचार की गंगोत्री बह रही!
- Posted By: Tejyug News LIVE
- राज्य
- Updated: 18 February, 2025 11:39
- 71

जिला पंचायत में विकास की गंगा नही, भ्रष्टाचार की गंगोत्री बह रही!
-यहां पर योगीजी का ईमानदारी का डंका नहीं बज रहा, बल्कि भ्रष्टाचार का डाला जा रहा डाका:बाबू राम सिंह
-25 लाख के बाथरुम में एक बार भी जिला पंचायत सदस्य पेशाब नहीं कर पाए और तोड़वा दियाःउर्मिला चौधरी
-कहां गया जिला पंचायत सदस्यों के हितों की रक्षा करने वाला संगठन, फूट के कारण बिखर गया संगठन
-राम और कुरान की कसमें खाने वाले जिला पंचायत सदस्य भी एकजुट नहीं हो पाए
बस्ती। वे जिला पंचायत सदस्य कहां चले गए, जिन्होंने भगवान राम की मूर्ति और कुरान के किताब पर हाथ रखकर जिला पंचायत अध्यक्ष को मिटा देने की कसमें खाई थी? जिन लोगों ने राम और कुरान की झूठी कसमें खाई थी, वह ना घर के रहे और ना घाट के। उनका हर्ष वही हुआ, जो होना चाहिए था। जिन जिला पंचायत सदस्यों के भीतर राम और कुरान की कसम की कोई अहमियत ना हो, उन सदस्यों से ईमानदारी और एकजुटता की उम्मीद कैसे की जा सकती हैं? जिला पंचायत अध्यक्ष ने तो सदस्यों और बड़े-बड़े नेताओं और पत्रकारों को ही ठगा और धोखा दिया, लेकिन सदस्यों ने तो राम और कुरान को भी नहीं छोड़ा। कसम खाने वाले यह वही सदस्य हैं, जो 15 फरवरी को जिला पंचायत अध्यक्ष और एएमए को बुरा भला और गाली दे रहे थे, जूता चप्पल तक निकाल लिया था। जिला पंचायत अध्यक्ष का पुतला तक फूंका, भ्रष्टाचारी तक के नारे लगाए, गिल्लम चौधरी का जय-जयकार किया। कहा भी जा रहा हैं, जिसकी बुनियाद ही कमजोर हैं, वह भवन कब तक टिक पाएगा। सच तो यह हैं, कि अधिकांश जिला पंचायत सदस्य, अध्यक्ष संजय चौधरी के सामने कमजोर साबित हुए, अगर 43 लोग मिलकर भी एक व्यक्ति के सामने कमजोर साबित होते हैं, तो ऐसे लोगों को या तो विरोध करना छोड़ देना चाहिए, या फिर हमेशा के लिए हथियार डाल देना चाहिए, अच्छा होता कि इस्तीफा दे देते, ताकि थोड़ी बहुत इज्जत तो बच जाती। क्यों कि कोई भी जंग कमजोर सिपाहियों के बल पर नहीं जीती जा सकती है। जंग हमेशा एकता और मजबूत फौज से जीती जाती है। बहरहाल, 15 फरवरी की घटना को लेकर आम जनमानस में तीखी प्रतिक्रियांए व्यक्त हो रही है। कोई सदस्यों की गलती मान रहा है, तो कोई अध्यक्ष और एएमए को बुरा भला कह रहा है। प्रदेश कागं्रेस कमेटी सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश महामंत्री एवं अधिवक्ता बाबू राम सिंह ने कहा कि जिस तरह जनप्रतिनिधि जिला पंचायत में कमीशन के लिए डकैती डाल रहे हैं, उससे जिले के विकास कार्यो के साथ समाज पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है। जिला पंचायत में योगीजी की ईमानदारी का डंका नहीं बज रहा है, बल्कि भ्रष्टाचार का डंका बज रहा है। जिस जिला पंचायत में विकास की गंगा बहनी चाहिए, वहां पर भ्रष्टाचार की गंगोत्री बह रही हैं। सल्टौआ गोपालपुर वार्ड संख्या 10 की जिला पंचायत सदस्य उर्मिला चौधरी शायद एक मात्र महिला सदस्य हैं, जिन्होंने भ्रष्टाचार पर बोला। कहा कि जनता ने हम लोगों को इस लिए चुनकर सदन में नहीं भेजा कि जाकर वहां पर भ्रष्टाचार करो। जनता ने हम लोगों को विकास के मुद्वे पर वोट दिया। कहा कि जब हम जनता की अपेक्षाओं पर ही खरा नहीं उतर पा रहे हैं, तो जनता हम्हें और भाजपा को क्यों दुबारा वोट देगी? जिला पंचायत अध्यक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि हम्हें पता चला है, कि जिला पंचायत भवन में जिला पंचायत सदस्यों के लिए लगभग 25 लाख रुपये की लागत से बाथरुम बनाया गया, लेकिन एक भी सदस्य ने उसका इस्तेमाल एक बार भी नहीं किया, यानि किसी ने पेशाब तक नहीं किया। क्यों कि उसपर लगा ताला भवन टूटने तक खोला ही नहीं गया। कहती है, कि यह हम महिला सदस्यों के लिए कितने शर्म की बात हैं, कि बैठक में महिलाओं की उपस्थित में जिला पंचायत अध्यक्ष के साथ गाली गलौज किया गया, जूता और चप्पल तक निकाले गए। सवाल के लहजे में कहती हैं, कि क्या यही एक जनप्रतिनिधि की पहचान है? 41 फीसद कमीशन की बाते खुले आम कही जा रही है। कहती हैं, कि अगर कोई सदन नहीं चलता या फिर सदन में हंगामा होता है, गाली गलौज होता तो इसकी सारी जिम्मेदारी जिला पंचायत अध्यक्ष की होती है। क्यों कि वही सदन के अध्यक्ष होते है। इसी तरह की टिपणी अन्य सदस्यों ने भी की। सवाल यह भी उठ रहा हैं, कि इस घटना के क्या अध्यक्ष की सोई हुई आत्मा जागेगी? या फिर सोती ही रहेगी? अगर नहीं जागी तो जिला पंचायत में जो कुछ भी बचा है, वह भी चला जाएगा।
Comments