जब गरीब को न्याय ही नहीं मिलेगा तो क्यों आयोजित हो रहें थाना दिवस?

जब गरीब को न्याय ही नहीं मिलेगा तो क्यों आयोजित हो रहें थाना दिवस?

जब गरीब को न्याय ही नहीं मिलेगा तो क्यों आयोजित हो रहें थाना दिवस?

-थाना लालगंज का थाना दिवस हवा-हवाई साबित हुआ

-न्याय के बजाए अगर फरियादियों को हवालात की हवा खानी पड़ेगी तो वह सरकार को गाली देगा ही

बनकटी/बस्ती। बार-बार सवाल उठ रहा है, कि जब थाना दिवसों पर किसी भी गरीब को न्याय नहीं मिलता तो फिर इसका आयोजन क्यों किया जा रहा? अधिकारियों ने थाना दिवस को मजाक बनाकर रख दिया। फरियादी घंटों इंतजार करते हैं, लेकिन संबधित विभाग के अधिकारी नहीं आते है। थाना दिवस में सबसे अधिक समस्याएं जमीन को लेकर आती है, और राजस्व की टीम ही गायब रहेगी तो निस्तारण कैसे होगा? थाना दिवस से सरकार की बहुत अधिक बदनामी हो रही है। सरकार की मंषा इस दिवस पर त्वरित न्याय दिलाने की हैं, मगर जब न्याय देने वाले लोग ही नहीं आएगें तो न्याय मिलेगा कैसे और कौन देगा? लालगंज का थाना दिवस सिर्फ हवा-हवाई साबित हो रहा है। दो घंटे थाना प्रभारी लेखपाल एवं कानून को क्षेत्रीय कार्य सौंपते रहे भीड़ काफी होने की वजह से थाना बाजार का मछली मंडी बना हुआ था, जगह-जगह लोग आपस में लड़ाई झगड़ा कर रहे थे, बैठने की व्यवस्था न होने की वजह से फरियादी थाना प्रांगण में इधर-उधर भटक रहे थे। 12.10 मिनट पर जिले से नायब तहसीलदार कुदरहा बीर बहादुर सिंह  आए। आते ही एक पीड़ित पहुंचा अपनी बात कह ही रहा था। तभी नायब साहब से एक पुलिस को फरियादी को मार कर बन्द करने का आदेश  दिया। पुलिस गाल पर एक तमाचा मारा एवं बंदी गृह में डाल दिया। इस प्रकार कई घटनाएं देखने को मिला। थाना समाधान दिवस में कानून का पालन कम एवं दबंगई ज्यादा देखने को मिला। फरियादी एसडीएम के मौखिक आदेशानुसार समाधान दिवस में आया था। फरियादी अपने जमीन से सम्बन्धित कागजात दिखाते हुए एटी कुदरहा से कहा। साहब जिस नम्बर की पैमाइश फाइनल हो गया है उसको अलग करते हुए कब्जा दिलवाने की कृपा करें और गाटा सख्या 198 पर दिवानी स्टे हैं। इसका अनुपालन करवाने की कृपा करें। इतना सुनते ही एटी कुदरहा आग बबूला हो गये। भरे समाज में गाली देते हुए कहा पंडित जी जाइए जेसीबी लगाकर नीव खुदवा कर दिवाल चलवाइए। थाना प्रभारी को भी हिदायत दिया।आप इस मामले में कुछ भी नहीं बोलेंगे। बंदीगृह में एक बजे से तीन बजे तक बंद रखा गया।इस प्रकार पुराने ऐसे कई मामले देखने को मिला जिसका निस्तारण तत्काल हो सकता है। लेकिन लम्बित है। इस तरह अनेक उदाहरण है जहाँ सबल पक्ष का मदद किया जा रहा है।एवं पीड़ित न्याय पाने के लिए इधर उधर भटक रहे हैं। दूसरा मामला नगर पंचायत बनकटी के मथौली हनुमान मंदिर से जुडा है, जो राम हरख उर्फ नकाऊ दास ने अपने आबादी के जमीन पर वर्षो पूर्व बनवाया था। जिसकी वसीयत भतीजों के नाम हो गया है। जिसमें पेड़ पौधे लगे हैं। मंदिर के पश्चिम रहने के लिए टीन सेड बना था। दवंगों द्वारा उजाड़ कर फेक दिया गया। पुजारी राधेश्याम न्याय पाने के लिए समाधान दिवस में चक्कर लगा रहे हैं। न्याय नहीं मिल रहा। यह है, थाना दिवस का सच।

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