‘जब’ भाजपा गन्ना ‘माफियाओं’ को ‘कुर्सी’ पर बैठाएगी तो ‘किसान’ धरने पर बैठेगें ‘ही’!

‘जब’ भाजपा गन्ना ‘माफियाओं’ को ‘कुर्सी’ पर बैठाएगी तो ‘किसान’ धरने पर बैठेगें ‘ही’!

‘जब’ भाजपा गन्ना ‘माफियाओं’ को ‘कुर्सी’ पर बैठाएगी तो ‘किसान’ धरने पर बैठेगें ‘ही’!


-गन्ना किसान हर्रैया में 28 दिन से धरने पर बैठेंगे हैं, लेकिन एक दिन भी भाजपा किसान मोर्चा के अध्यक्ष धरने पर नहीं गए

-किसान दिवस में किसानों ने जिला गन्ना अधिकारी को बनाया बंधक, एसडीएम और कोतवाल ने मुक्त कराया

-गन्ना माफियाओं और राजनेताओं के दबाव में जिला गन्ना अधिकारी विक्रमजोत समिति के भेलमापुर को गन्ना तौल केंद्र इस लिए नहीं बना रहे, ताकि गन्ना माफियाओं की दुकान न बंद हो जाए, जबरिया भरपुरा को इस साल भी केंद्र बनाने पर अड़े हुए

-डीसीओ और एसडीएम ने किसानों से वोटिगं भी कराया, जिसमें किसानों ने भेलमापुर को सेंटर बनाने के लिए अधिक मत दिया, गन्ना आयुक्त का आदेश भी है, कि जिस राजस्व ग्राम में सेंटर स्थापित हैं, उसी में ही बनाया जाए

-भेलमापुर में गन्ना की सप्लाई 7415 क्ंिवटल हैं, जबकि भरपुरा में 1440 क्ंिवटल, फिर भी जिला गन्ना अधिकारी भेलमापुर को तौल केंद्र बनाने को तैयार नहीं, जबकि रास्ता बन जाने से बभनान मिल और भेलमापुर केंद्र की दूरी भी कम हो गई

-किसान नेता दीवान चंद्र पटेल का कहना है, कि अगर यही हाल रहा तो किसी दिन कोई अप्रिय घटना हो सकती है, और इसके लिए सीधे तौर पर डीसीओ और प्रशासन जिम्मेदार होगा, कहा कि 17 को जिले भर के किसान डीएम कार्यालय पर एकत्रित होगें

-भाकियू के जिलाध्यक्ष ने भी डीएम को पत्र लिखकर किसान हित में भेलमापुर को सेंटर बनाए जाने की अपील की

बस्ती। मीडिया और जनता बार-बार यह कह रही है, कि जिले को भ्रष्टाचार की आग में झांेकने का काम विपक्ष ने नहीं बल्कि सत्ता पक्ष के लोगों ने किया। कहा भी जाता है, कि जब सत्ता पक्ष वाले किसी के मनई तनई, चपरासी, चालक और गन्ना माफियाओं को गददी सौंपेगें तो किसान धरना प्रर्दशन भी करेगा और वह सड़क पर भी उतरेगा। नगर पंचायतों और क्षेत्र पंचायतों में भ्रष्टाचार भी बढ़ेगा। गन्ना समितियों के चेयरमैन के चुनाव के समय से ही मीडिया चिल्ला रही है, कि भाजपा वाले संभल जाओ, नहीं तो एक दिन इसका खामियाजा पार्टी और किसानों को भुगतना पड़ेगा। चूंकि नेताओं को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि गन्ना समिति का चेयरमैन कौन है, और नगर पंचायत का अध्यक्ष कौन है? इन्हें तो सिर्फ और सिर्फ अपने स्वार्थ से मतलब। अगर इन लोगों को इतनी चिंता होती तो आज जिले में एक विधायक नहीं रह जाते। भाजपा के नेताओं ने अपने स्वार्थ के लिए जिले को एक तरह से गन्ना माफियाओं और भ्रष्टाचारियों के हवाले कर दिया है। अब जरा अंदाजा लगाइए कि हर्रैया का किसान पिछले 28 दिन से इस लिए धरने पर बैठा हैं, कि इस बार भरपुरा को नहीं बल्कि भेलमापुर को गन्ना क्रय केंद्र बनाया जाए। किसानों की यह बहुत बड़ी मांग नहीं हैं, जिसे जिला गन्ना अधिकारी पूरा न कर सके, किसानों का कहना है, कि चूंकि भरपुरा में दलाल हावी हैं, और यहां पर किसानों का शोषण ही नहीं होता बल्कि उत्पीड़न भी होता है, और यह सब गन्ना माफियाओं के ईशारे पर होता है। किसान 28 दिन से धरने पर बैठे हैं, लेकिन भाजपा किसान मोर्चा के अध्यक्ष एक दिन भी धरने पर यह जानने नहीं गए, कि किसानों की मांग क्या-क्या? फिर सवाल उठ रहा है, कि क्या भाजपा ऐसे किसान मोर्चा के अध्यक्ष के सहारे भाजपा 27 की नैया पार करेगी?

किसान दिवस में किसानों ने जिला गन्ना अधिकारी को भेलमापुर को क्रय केंद्र न बनाए जाने को लेकर बंधक भी बनाया, एसडीएम और कोतवाल ने आकर डीसीओ को मुक्त कराया।  गन्ना किसानों और नेताओं का कहना है, कि जब वोटिगं के जरिए यह फैसला हो गया कि क्रय केंद्र भेलमापुर ही रहेगा तो क्यों जिला गन्ना अधिकारी ऐसे भरपुरा को केंद्र बनाना चाहते हैं, जिसके गन्ने की आपूर्ति मात्र 1440 क्ंिवटल हैं, और ऐसे भेलमापुर को नहीं बनाना चाहते, जिसके गन्ने कर आपूर्ति 7415 क्ंिवटल हो, जाहिर सी बात हैं, कि डीसीओ, गन्ना माफियों और राजनेताओं के दबाव में निर्णय नहीं ले पा रहे हैं, जबकि गन्ना आयुक्त का स्पष्ट आदेश है, कि जिस राजस्व ग्राम में गन्ना केंद्र हैं, उसी राजस्व ग्राम में केंद्र बनाया जाए। किसानों का कहना है, कि गन्ना माफियाओं और राजनेताओं के दबाव में जिला गन्ना अधिकारी विक्रमजोत समिति के भेलमापुर को गन्ना तौल केंद्र इस लिए नहीं बना रहे, ताकि गन्ना माफियाओं की दुकान न बंद हो जाए, जबरिया भरपुरा को इस साल भी केंद्र बनाने पर अड़े हुए। किसान नेता दीवान चंद्र पटेल का कहना है, कि अगर यही हाल रहा तो किसी दिन कोई अप्रिय घटना हो सकती है, और इसके लिए सीधे तौर पर डीसीओ और प्रशासन जिम्मेदार होगा, कहा कि 17 को जिले भर के किसान डीएम कार्यालय पर एकत्रित होगें। भाकियू के जिलाध्यक्ष ने भी डीएम को पत्र लिखकर किसान हित में भेलमापुर को सेंटर बनाए जाने की अपील की गन्ना माफियाओं और राजनेताओं के दबाव में जिला गन्ना अधिकारी, विक्रमजोत समिति के भेलमापुर को गन्ना तौल केंद्र नहीं बना रहे, ताकि गन्ना माफियाओं की दुकान न बंद हो जाए, जबरिया भरपुरा को इस साल भी केंद्र बनाने पर अड़े हुए। जबकि रास्ता बन जाने से बभनान मिल और भेलमापुर केंद्र की दूरी भी कम हो गई। किसान नेता दीवान चंद्र पटेल का कहना है, कि अगर यही हाल रहा तो किसी दिन कोई अप्रिय घटना हो सकती है, और इसके लिए सीधे तौर पर डीसीओ और प्रशासन जिम्मेदार होगा, कहा कि 17 को जिले भर के किसान डीएम कार्यालय पर एकत्रित होगें। भाकियू के जिलाध्यक्ष ने भी डीएम को पत्र लिखकर किसान हित में भेलमापुर को सेंटर बनाए जाने की अपील की है।

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