जब बीडीओ साहब कमरे से निकलेगें तभी तो विकास का सच पता चलेगा

जब बीडीओ साहब कमरे से निकलेगें तभी तो विकास का सच पता चलेगा

जब बीडीओ साहब कमरे से निकलेगें तभी तो विकास का सच पता चलेगा

बस्ती। जब तक बीडीओ साहब कमरे से बाहर नहीं निकलेगें तब तक उन्हें विकास का सच पता नहीं चलेगा। प्रधान और सचिव भी यही चाहते हैं, कि बीडीओ न निकले। वैसे भी जिले के बीडीओ ने मौके पर जाना बिलकुल बंद कर दिया, जो प्रधान और सचिव ने कह दिया, उसे सही मान लिया। यह खुद तो ऑफिस से बाहर बहुत निकलते है लेकिन कर्मचारियों की हाजिरी, क्लस्टरों पर तैनात सचिवों को वीडियो कॉल से खोज खबर लेते। खुद भी ऑफिस से बाहर निकलकर औचक निरीक्षण करते तो दूध का दूध पानी का पानी नजर आ जाता लेकिन ऐसा नहीं है। सूत्रों की माने तो कुछ चहेते के चलते कुछ सचिवों को टारगेट कर उनका हाजिरी लिया जा रहा है। यदि सचिव क्रमवार अपनी ड्यूटी क्लस्टर मुख्यालय पर ड्यूटी करते और जमीनी स्तर पर रोजगार सेवक द्वारा लगाए जा मनरेगा मजदूरों की जांच करता तो शायद भ्रष्टाचार पर लगाम कसा जा सकता था। जनपद में कुल तो चौदह ब्लॉक मुख्यालय है लेकिन सबसे ज्यादा हाजिरी विकासखंड रुधौली में मनरेगा मजदूरों की फर्जी हाजिरी लगाने का जिम्मा ले रखा है यदि वास्तव में खंड विकास अधिकारी खुद को तेज ईमानदार मानते है तो जमीनी स्तर पर जाकर ग्राम पंचायतों में औचक निरीक्षण कर विधिक कार्यवाही करे जिससे एक नई मिशाल स्थापित कर सके। सूत्रों कि माने तो कुछ ऐसे कार्य खास सचिव भी ही जिनको अपने मन की करने की पूरी छूट मिली है ज्यादा से ज्यादा क्लस्टर, ज्यादा से ज्यादा कमीशन,जी हाजुरी करने का पारितोषिक भी मिला है। विकासखंड रूधौली के अधिकतर ग्राम पंचायतो में रोजगार सेवकों द्वारा अब एक ही टाइम फोटो भी अपलोड किया जाने लगा जिससे अब ये भी लगने लगा कि कार्य सिर्फ हाजिरी लगाने तक ही सीमित कर दिया गया।ज्यादातर ग्राम पंचायत में काम पहले करवाकर फिर बाद ने फर्जी हाजिरी लगाकर भुगतान लिया जा रहा है।कई ग्राम पंचायत ऐसे भी है जहां पर कार्य योजना दिखाकर कर भुगतान भी ले लिया गया लेकिन जमीनी पर कार्य का नामोनिशान नहीं रह गया।यदि वाकई में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत मजदूरों की रोजगार चाहिए तो उन्हें अपने हक के प्रति जागरूक रहकर काम लेना चाहिए।यदि उनको किसी भी तरह से ग्राम प्रधान अथवा रोजगार सेवक विवाद करता है तो सम्बंधित अधिकारियों से कर अपने हक की लड़ाई लड़ सकते है।


 

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