हरैया’ महिला अस्पताल से ‘डॉक्टर’ रहे नदारद, मरीज ‘हलकान’!

हरैया’ महिला अस्पताल से ‘डॉक्टर’ रहे नदारद, मरीज ‘हलकान’!

हरैया’ महिला अस्पताल से ‘डॉक्टर’ रहे नदारद, मरीज ‘हलकान’!

 बस्ती। एक ओर जहां पूरा देश गांधीजी और लालबहादुर शास्त्रीजी की जयंती स्वच्छता, सेवा और कर्तव्य का संकल्प के रुप में दोहरा रहा था, वहीं दूसरी ओर जनपद के हरैया स्थित 100 सैय्या महिला अस्पताल से डाक्टर नदारद रहे, मरीज हलकान हुए। गंदगी का अंबार लगा रहा, स्वास्थ्य तंत्र की घोर लापरवाही और कर्तव्यहीनता की शर्मनाक तस्वीर सामने आई। गांधीजी के ‘स्वराज’ और ‘स्वच्छता’ के संदेश को दरकिनार करते हुए, इस प्रमुख अस्पताल में न डॉक्टर मौजूद थे, न ही सफाईकर्मी, और न ही कोई जिम्मेदार अधिकारी। पूरा अस्पताल केवल पैरामेडिकल स्टाफ के भरोसे चल रहा था, वह भी बेहद सीमित संसाधनों के साथ डॉक्टर नदारद, मरीज बेहाल मरीजों को दिखाने आए तीमारदारों ने बताया कि यह कोई एक दिन की बात नहीं है। यहाँ डॉक्टरों के गैरहाजिर रहने की शिकायतें पहले भी कई बार मीडिया में आ चुकी हैं। “कई बार अखबारों में खबर छप चुकी है’, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती। एक तीमारदार ने रोश जाहिर करते हुए कहा न कैमरा न निगरानी, न कोई जवाबदेही, सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इतने बड़े अस्पताल में आज तक कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं लगाया गया। मरीजों और तीमारदारों का कहना है कि सबसे पहले अस्पताल में निगरानी व्यवस्था दुरुस्त की जानी चाहिए। कैमरे न होने से डॉक्टरों और स्टाफ की गैरहाजिरी या लापरवाही का कोई ठोस प्रमाण नहीं मिल पाता

बाबुओं को मिला आवास, मगर कोई नहीं रहता

सूत्रों के अनुसार, अस्पताल परिसर में तैनात सभी बाबुओं को आवास उपलब्ध कराया गया है, लेकिन कोई भी कर्मचारी अपने सरकारी आवास में निवास नहीं करता। यह भी जांच का विषय है कि जब सुविधाएं दी गई हैं, तो उनका उपयोग क्यों नहीं हो रहा? आवास खाली पड़े हैं, और स्टाफ अस्पताल से दूरी बनाकर काम कर रहा है, स्वच्छता का हाल बेहाल, गांधी जयंती पर गंदगी का ‘उत्सव’ 2 अक्टूबर जैसे प्रतीकात्मक दिन पर, जहां स्वच्छता का सन्देश दिया जाना चाहिए था, वहीं अस्पताल परिसर में गंदगी के ढेर लगे हुए थे। शौचालयों की दुर्दशा, फर्श पर फैली गंदगी और कूड़ेदानों की भरमार कृ ये सब साफ दर्शाते हैं कि यहाँ गांधीजी के आदर्शों की खुलकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं प्रशासन मौन, जवाब देने से बचते अधिकारी इस पूरे मामले पर जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से बातचीत करने का प्रयास किया गया, तो कोई भी अधिकारी खुलकर जवाब देने को तैयार नहीं हुआ। दोनों ने बात को टालने की कोशिश की और इस लापरवाही पर कोई ठोस कार्रवाई या आश्वासन नहीं दिया। मरीज और तीमारदारों की मांग हैं, कि अस्पताल में हो रही अव्यवस्था का कायाकल्प किया जाए। क्षेत्रीय नागरिकों ने प्रशासन से स्पष्ट मांग की है अस्पताल को तत्काल सीसीटीवी कैमरों से लैस किया जाए डॉक्टरों और कर्मचारियों की नियमित उपस्थिति अनिवार्य की जाए गैर-जिम्मेदार स्टाफ पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सफाई व्यवस्था में तत्काल सुधार लाया जाए अस्पताल में दिए गए आवासों का दुरुपयोग रोका जाए और निवास अनिवार्य किया जाए।

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