एर्बासन’ करते-करते ‘विनोदा सिंह’ बन गई ‘करोड़पति’!

एर्बासन’ करते-करते ‘विनोदा सिंह’ बन गई ‘करोड़पति’!

एर्बासन’ करते-करते ‘विनोदा सिंह’ बन गई ‘करोड़पति’!


-कुदरहा क्षेत्र में एर्बासन विशेषज्ञों की भर मार, पहले पार्वती अग्रहरि और अब विनोदा सिंह, यह वही विनोदा सिहं, जिन्होंने कुदरहा पीएचसी में जज्जा-बच्चा, नर्स और परिजन सहित सात लोगों को कमरे में बंदकर बंधक बनाया, पुलिस ने ताला खोलवाया

-बड़ी मुस्किल से निलंबित हुई, दुबौलिया अटैच की गई, लेकिन भारी रकम लेकर तत्कालीन सीएमओ ने एक सप्ताह में वापस कुदरहा कर दिया

-एएनएम रहते इन्होंने एर्बासन करने का एक रिकार्ड बनाया और इतना अवैध पैसा कमाया कि उजियानपुर में आलीशान कोठी खड़ा कर दिया, और उसे किराए पर देकर नियम विरुद्व बेंसमेंट में नोडल को लाखों रुपया देकर प्रकाश नर्सिगं होम के नाम का लाइसेंस दिलवा दिया

-विनोदा सिंह जितने भी डिलीवरी केस पीएचसी में आती है, उनकी डिलीवरी अस्पताल में न करवाकर बेीतर सुविधा के नाम पर प्रकाश नर्सिगं होम भेजती, मकान का किराया अलग से वसूलती और केसे भेजने का कमीषन अलग से लेती

-बेसमेंट में नर्सिगं होम का लाइसेंस देने के मामले में नोडल डा. एसबी सिंह और तत्कालीन सीएमओ पर भारी रकम लेने का आरोप लग रहा, जिस नोडल ने लाइसेंस देने का रिपोर्ट लगाया, सीएमओ ने उसी को जांच अधिकारी बना दिया

-विनोदा सिंह और पार्वती अग्रहरि को एर्बासन विशेषज्ञ बनाने में कुदरहा सीएचसी के एमओसी का कहुत बड़ा हाथ, कुदरहा में इन्होंने सीएचसी और अधीन पीएचसी पर जो भ्रष्टाचार फैलाया, उसके लिए इन्हें हमेशा याद किया जाएगा

बस्ती। अगर कुदरहा क्षेत्र में एर्बासन और भू्रण हत्या करने वाले विशेषज्ञ फल-फूल रहे/रही है, तो उसके लिए एमओआईसी, डाक्टर्स, एएनएम, आशा, स्टाफ नर्स और पत्रकारों का बहुत बड़ा योगदान क्षेत्र की जनता मान रही हैं। कहती हैं, कि जिस क्षेत्र के अधिकाशं पत्रकार अनियमित और अवैध कार्य करने वालों को सरंक्षण देगें, या फिर आंख बंद कर लेगें या फिर  खुद लिप्त रहेगें तो पार्वती अग्रहरि और विनोदा सिंह जैसीे एबार्सन विशेषज्ञ का साम्राज्य खड़ा होगा ही। यह भी सही है, कि क्षेत्र के पत्रकार विरादरी अगर समाज के प्रति अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन ईमानदारी और सही तरीके से करते तो आज क्षेत्र के अधिकाश पत्रकारों की इतनी बदनामी न होती। स्वास्थ्य विभाग के लोगों पर अगर गलत काम करने का आरोप लगे तो क्षेत्र के लोगों को उतनी तकलीफ नहीं होगी, जितना मीडिया पर लगने से होती। ऐसा भी नहीं कि क्षेत्र की मीडिया अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रही हॅै, लेकिन जितना और जिस तरह निभाना चाहिए उस तरह नहीं निभा रही है, जिसके चलते आज मीडिया सवालों के घेंरे में है। अब जरा अंदाजा लगाइए कि तीन साल से अधिक समय से उजियानपुर में एएनएम अब प्रभारी विनोदा सिंह के आलीशान मकान में प्रकाश नामक नसिंग होम बेसमेंट में संचालित हो रहा है, और एक दो पत्रकारों ने आवाज अब उठाया, और उस तरह नहीं उठाया जिस तरह उठानी चाहिए। केजी क्लास का बच्चा भी जानता है, कि बेसमेंट में किसी अस्पताल को लाइसेंस नहीं दिया जा सकता, लाइसेंस देने का मतलब न जाने कितने मरीजों की जिंदगी को आफत में डालना होगा, लेकिन विनोदा सिंह ने अपनी पहुंच और अनैतिक धन का इस्तेमाल करके लाइसेंस दिलवाया। लाइसेंस दिलाने के मामले में एक बार फिर नोडल डा. एसबी सिंह की भूमिका सामने आ रही है। बता दें कि यह वही विनोदा सिंह हैं, जिन्होंने कुदरहा पीएचसी के डिलीवरी रुम में जज्जा-बच्चा और नर्स सहित परिजन के लोगों को घंटों बंदकरके बंधक बना रखा था। पुलिस के आने के बाद भी सब लोग रिहा हुए। यह विवाद सिर्फ पैसे के लेन-देन को लेकर हुआ था। हालांकि इस मामले में इन्हें बड़ी मुुस्किल से निलंबित होना पड़ा, सीएमओ, निलंबित नहीं करना चाहते हैं, लेकिन उन्हें भारी के कारण निलंबित करना पड़ा, लेकिन एक सप्ताह भी नहीं बीता था, कि सीएमओ ने मोटी रकम लेकर दुबौलिया से वापस कुदरहा बुला लिया। अब आप इसी से अंदाजा लगा सकते हैं, कि यह एएनएम कितनी पावरफुल होती है, इन लोगों के पास अनैतिक रुप से कमाए गए इतना धन होता है, कि यह लोग लब चाहें, सीएमओ, नोडल और एमओआईसी को पैसे से खरीद सकते है। एएनएम रहते विनोदा सिंह ने एर्बासन करने का एक रिकार्ड बनाया और इतना अवैध पैसा कमाया कि उजियानपुर में आलीशान कोठी खड़ा कर दिया, और उसे किराए पर देकर नियम विरुद्व बेंसमेंट में नोडल को लाखों रुपया देकर प्रकाश नर्सिगं होम के नाम का लाइसेंस दिलवा दिया। इस अस्पताल में जिसकी डिग्री लगाई गई, वह कभी नहीं आते, यहां का सारा काम अप्रशिक्षित के लोगों के द्वारा किया जाता, चूंकि पूरा सीएमओ कार्यालय जानता है, कि यह अवैध नर्सिंग होम विनोदा सिंह नामक प्रभारी का है। इसी लिए कोई कुछ नहीं बोलता। क्यों कि विनोदा सिंह ने सभी का मुंह गांधीजी से बंद कर रखा है।

कहा जाता है, कि विनोदा सिंह जितने भी डिलीवरी केस पीएचसी में आता है, उनकी डिलीवरी अस्पताल में न करवाकर बेहतर इलाज और सुविधा के नाम पर प्रकाश नर्सिगं होम भेजती, मकान का किराया अलग से वसूलती और केस भेजने का कमीशन अलग से लेती। बेसमेंट में नर्सिगं होम का लाइसेंस देने के मामले में नोडल डा. एसबी सिंह और तत्कालीन सीएमओ पर भारी रकम लेने का आरोप लग रहा, जिस नोडल ने लाइसेंस देने का रिपोर्ट लगाया, सीएमओ ने उसी को जांच अधिकारी बना दिया। विनोदा सिंह और पार्वती अग्रहरि को एर्बासन विशेषज्ञ बनाने में कुदरहा सीएचसी के एमओसी का कहुत बड़ा हाथ, कुदरहा में इन्होंने सीएचसी और अधीन पीएचसी पर जो भ्रष्टाचार फैलाया, उसके लिए इन्हें हमेशा याद किया जाएगा। वैसे भी कुदरहा क्षेत्र में एर्बासन विशेषज्ञों की भर मार है, पहले पार्वती अग्रहरि और अब विनोदा सिंह।

Comments

Leave A Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *