एमएलसी के निशाने पर एक्सईएन अवधेश यादव एवं ठेकेदार वकील खां!

एमएलसी के निशाने पर एक्सईएन अवधेश यादव एवं ठेकेदार वकील खां!

एमएलसी के निशाने पर एक्सईएन अवधेश यादव एवं ठेकेदार वकील खां!

-सारे नियम कानून तोड़कर पीडब्लूडी खंड एक एक्सईएन ने ठेकेदार वकील खान पहुंचाया अनैतिक लाभ

-एसआरपीबीबी के किमी 398 से पचासी मार्ग पर 10.50 लाख का बांड बना, इस पर 30.60 लाख का फर्जी अतिरिक्त आइटम के नाम पर वैरिएषन किया, जीएसटी सहित बांड को 50 लाख तक पहुंचा दिया

-इस बांड का समस्त धन ठेकेदार और एक्सईएन ने मिलकर बंदरबांट कर लिया, इसके अतिरिक्त एक करोड़ 40 लाख का भी बंदरबांट किया गया, मुंडेरवा-लालगंज के किमी 15 एवं 16 में पटरी मरम्मत के नामपर 30 लाख का बड़ा हाथ एक्सईएन ने मारा

-विधान परिषद सदस्य देवेंद्र प्रताप सिंह ने मुख्य सचिव एवं प्रमुख सचिव पीडब्लूडी से इसकी जांच टीएसी से कराने और दोषियों के विरुद्व कठोरतम कार्रवाई करने की मांग की

बस्ती। अपने चहेते ठेकेदार वकील खान के साथ पीडब्लूडी खंड एक के एक्सईएन अवधेश यादव का बड़ा हाथ मारने के लिए बस्ती आना दोनों के लिए मंहगा साबित हो सकता है। खासबात यह हैं, एक्सईएन जहां भी रहें, ठेकेदार को अपने साथ लाना नहीं भूले। लख्रनउ रहे तो ठेकेदार वकील खान इनके साथ रहे, उन्नाव गए तो यह अपने साथ वकील को साथ ले गए, और जब यह पहली बार एक्सईएन बनकर बस्ती आए तो चहेते और कमाउपूत ठेकेदार को साथ में लाना नहीं भूले। आत ही इन दोनों ने छक्का लगाना शुरु कर दिया। पहले इन्होंने सहायक अभियंता उमेशचंद्र विष्वकर्मा और जेई अशोक कुमार विष्वकर्मा के साथ मिलकर एक करोड़ 40 लाख का डाईवर्जन किया। धन डाईवर्जन के मामले में तो तीनों अधिकारियों और ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई अभी से ही तय मानी जा रही हैं, एक्सईएन आलोक रमन की तरह एक्सईएन अवधेश यादव भी बर्खास्त हो सकते है। एमएलसी के षिकायत के बाद तो किसी भी दोषी का बचना नामुमकिन सा माना जा रहा है। बड़ा हाथ मारने के चक्कर में एक्सईएन को नौकरी भी गवानी पड़ सकती है। यह जब से बस्ती आए हैं, बड़ा हाथ मारने फिराक में रहते हैं, और इनमें इनका साथ एई और जेई सहित ठेकेदार बखूबी दे रहे है। एक्सईएन का ठेकेदार के साथ में बस्ती आना और बड़़ा हाथ मारने का सपना देखना, यह साबित करता हैं, कि अधिकारी अपने साथ क्यों कमाउपूत ठेकेदार लाते है। चूंकि जितने भी काम कमाउपूत के जरिए होते हैं, उनमें एक रुपया भी नहीं लगता हैं, और मुनाफा शतप्रतिशत होता है। इसे लेकर जिले के ठेकेदारों में रोष व्याप्त हैं, और कह रहे हैं, कि जब जिले में तमाम ठेकेदार उपलब्ध हैं, तो फिर क्यों बाहर के ठेकेदार से फर्जी काम करवाया जा रहा है। सारे नियम कानून तोड़कर जिस तरह पीडब्लूडी खंड एक एक्सईएन ने ठेकेदार वकील खान को अनैतिक लाभ पहुंचाया जा रहा हैं, उससे सरकार की छवि तो खराब हो ही रही है, साथ ही सरकारी धन का दुरुपयोग भी हो रहा है। मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव को लिखे पत्र में कहा गया कि एसआरपीबीबी के किमी 398 से पचासी मार्ग पर 10.50 लाख का बांड बना, इस पर 30.60 लाख का फर्जी अतिरिक्त आइटम के नाम पर वैरिएषन किया गया, जीएसटी सहित बांड को 50 लाख तक पहुंचा दिया गया, जबकि किसी भी एक्सईएन का 40 लाख से अधिक बांड बनाने का अधिकार ही नहीं है। इस बांड का समस्त धन ठेकेदार और एक्सईएन ने मिलकर बंदरबांट कर लिया, इसके अतिरिक्त एक करोड़ 40 लाख का भी बंदरबांट किया गया, कहा गया कि पगारखास नहर की पटरी होते हुए जयपुर-जोगिया बनकटी में एक संपर्क मार्ग का लगभग 1400 मी. नव निर्माण होना था, जिसके लिए एक करोड़ 40 लाख का टेंडर भी निकाला गया, लेकिन जो काम होना दिखाया गया, वह बस्ती-महसों-महुली मथौली से जयपुर जोगिया तक सड़क निर्माण है। जबकि धन पटरी किसी और मद के लिए स्वीकृति हुआ था। इसी तरह इन्होंने मुंडेरवा-लालगंज के किमी 15 एवं 16 में पटरी मरम्मत के नामपर 30 लाख का बड़ा हाथ ठेकेदार के साथ मिलकर मारा। कहा गया कि एक्सईएन के द्वारा ठेकेदार के साथ मिलकर धन का डाईवर्जन ष्षासनादेष के विरुद्व किया गया, जो भ्रष्टाचार और कदाचार को बढ़ावा देता है। विधान परिषद सदस्य देवेंद्र प्रताप सिंह ने मुख्य सचिव एवं प्रमुख सचिव पीडब्लूडी से इसकी जांच टीएसी से कराने और दोषियों के विरुद्व कठोरतम कार्रवाई करने की मांग की है।

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