एक’ और लाला ‘परिवार’ निकला ‘नटवरलाल,’ ठगा ‘46’ करोड’़!
- Posted By: Tejyug News LIVE
- राज्य
- Updated: 11 November, 2025 19:49
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‘एक’ और लाला ‘परिवार’ निकला ‘नटवरलाल,’ ठगा ‘46’ करोड’़!
-नटवरलाल जितेंद्र श्रीवास्तव ने अधिकांश चौधरियों से कहा कि अगर एक लाख लगाओं तो हर माह 18 हजार मुनाफा मिलेगा, इसी लालच में लोगों ने जमीन, जेवर और मकान बेचकर करोड़ों लगा दिया
-नटवरलाल ने सबसे पहले अपने गांव थाल्हापार के चौधरियों को ही निशाना बनाया, उसके बाद अन्य चौधरियों को भी निशाना बनाना शुरु कर दिया, 20 साल से अधिक दोस्ती का जितेंद्र श्रीवास्तव ने खूब फायदा उठाया
-12 लाख के ठगी का शिकार होने वालों में सपा के प्रदेश सचिव राम दिनेश चौधरी और 13 लाख गवांने वालों में प्रकाश चौधरी का नाम शामिल, दोनों ने लालगंज में भी दी तहरीर
-थाना लालंगज के थाल्हापार निवासी के नटवरलाल जितेंद्र कुमार, पिता बनवारी लाल, माता सुभद्रा, लड़का आदित्य श्रीवास्तव, भाई सचिंद्र और उसकी पत्नी बीना श्रीवास्तवा ने आनलाइन व्यापार में पैसा लगाने और मालामाल होने का दिया झांसा
-परिवार के सभी सदस्यों ने पैसा न डूबने का दिलाया भरोसा, और कहा कि वह लोग अपनी करोड़ो की जमीन, जेवर और मकान बेचकर पैसा चुकता करेगें
-लाला परिवार के झांसें में सबसे अधिक चौधरी लोग ही फंसे, परिवार ने राम निदेश चौधरी और प्रकाश चौधरी का तो 25 लाख ठगा ही दोस्तों का भी 70 लाख ले उड़ा
-बड़ेबन में भी एक लाला परिवार ने चौधरी लोगों से जमीन के नाम पर 30 करोड़ नटवरलाल बनकर ले उड़ा
बस्ती। खबर में लगे फोटो को अच्छी तरह से देख और पहचान लीजिए, इसका नाम जितेंद्र श्रीवास्तव और इसके पिता का नाम बनवारी लाल और यह थाना लालगंज के ग्राम थाल्हापार का रहने वाला हैं, और यह जिले का सबसे बड़ा वह नटवलाल कौन हैं, जो 46 करोड़ की ठगी करके फरार हो गया, कहां यह वचन देकर पैसा जमा करवाया था, कि अगर पैसा डूब गया तो जमीन, मकान और जेवर बेचकर चुकता करुगंा, और जब चुकता करने की बारी आई तो रफूचक्कर हो गया। बेटे के पाप की कमाई में भागीदार रहे मां-बाप अब कहते हैं, कि अगर मेरा बेटा चोर बेईमान निकल गया तो इसमें मेरा क्या कसूर? जब कि वचन देने में मां-बाप भी शामिल थे। जिस तरह इसने सबसे अधिक अपना निशाना चौधरियों को बनाया, उससे पता चलता है, कि जिले के चौधरी, गरीब और पिछड़े हैं, अगर होते तो इन लोगों का करोड़ों रुपया लेकर कोई फरार न होता, रहता। सच तो यह है, कि जिले के चौधरी लोगों के पास खासतौर पर चौधरी नेताओं के पास इधर-उधर का इतना पैसा है, कि इनके पास रखने के लिए जगह नहीं। नाहक ही सांसद रामप्रसाद चौधरी संसद में चिल्लाते रहते हैं, कि उनका जिला पिछड़ा और लोग काफी गरीब है।
बड़ेबन की घटना को थाल्हापार के लाला परिवार ने भी दोहराया। बड़ेबन का नटवरलाल बनकर जिस तरह जमीन के कारोबार में सबसे अधिक चौधरियों को ठगा, उसी तरह थाल्हापार के लाला ने भी सबसे अधिक चौधरियों को ठगा, बड़ेबन वाला तो 30-35 करोड़ लेकर चला गया और थाल्हापार वाला 46 करोड़। दोनों ही मामलों में लालाओं के पूरे परिवार की अहम भूमिका रही। वैसे भी जिले में ठगने के मामले में लाला परिवार का नाम तेजी से सामने आ रहा है। यह लोग अपने परिवार और बुद्धि का इस्तेमाल करके जिस तरह लोगों को ठगने का काम कर रहे हैं, अगर इसी तरह चलता रहा तो कोई लालाओं से संबध रखना पसंद नहीं करेगा। कुछ लोग ठगी करके बिरादरी का नाम बदनाम कर रहे हैं। नटवरलाल जितेंद्र श्रीवास्तव और उनके परिवार ने अधिकांश चौधरियों से कहा कि अगर एक लाख लगाओंगे तो हर माह 18 हजार मुनाफा मिलेगा, बड़ेबन वाले लाला ने एक लाख पर दस हजार माह मुनाफा देने को कहा। इसी लालच में लोगों ने जमीन, जेवर और मकान बेचकर करोड़ों लगा दिया। कुछ लोगों को जब हर माह एक लाख के बदले 18 हजार मिलने लगा तो उन्होंने लालच में 12 लाख से लेकर 13 लाख तक लगा दिया। नतीजा 18 हजार के साथ 13 लाख भी चला गया, ऐसा ही कुछ प्रकाश चौधरी और राम दिनेश चौधरी के साथ हुआ। इन लोगों ने तो पत्नी का जेवर बेचकर पैसा लगाया। राम दिनेश चौधरी को तो जितेंद्र ने किष्त पर 12 लाख का कार भी दिलवा दिया, अब किष्त जमा करने के लाले पड़ गए, दो बेटा लखनऊ में पढ़ रहा है, उसका खर्चा नहीं भेज पा रहे है। नटवरलाल ने गांव में इतना आलीशान मकान बनवाया, कि उतना आलीशान आसपास के कई गांव में भी किसी का नहीं होगा। हर कमरे में एसी लगा हुआ है। राम दिनेश चौधरी का कहना है, कि नटवरलाल ने सबसे पहले अपने गांव थाल्हापार के चौधरियों को ही निशाना बनाया, उसके बाद अन्य चौधरियों को भी निशाना बनाना शुरु कर दिया, 20 साल से अधिक दोस्ती का जितेंद्र श्रीवास्तव ने खूब फायदा उठाया। 12 लाख के ठगी का शिकार होने वालों में सपा के प्रदेश सचिव राम दिनेश चौधरी और 13 लाख गवांने वालों में प्रकाश चौधरी का नाम शामिल, दोनों ने लालगंज में तहरीर दी है। दोनों आज उस 20 साल की दोस्ती को लानत भेज रहे हैं, और कह रहे हैं, कि किसी को दुष्मन दे दे, लेकिन जितेंद्र श्रीवास्तव जैसा दोस्त न दे। थाना लालंगज के थाल्हापार निवासी के नटवरलाल जितेंद्र कुमार, पिता बनवारी लाल, माता सुभद्रा, लड़का आदित्य श्रीवास्तव, भाई सचिंद्र और उसकी पत्नी बीना श्रीवास्तवा ने आनलाइन व्यापार में पैसा लगाने और मालामाल होने का झांसा देकर करोड़ों कमाया और फुर्र हा गए। जिले के चौधरी लोग देखते रह गए। परिवार के सभी सदस्यों ने पैसा न डूबने का भरोसा दिलाया था, और कहा था, कि वह लोग अपनी करोड़ों की जमीन, जेवर और मकान बेचकर पैसा चुकता करेगें। लाला परिवार के झांसें में सबसे अधिक चौधरी लोग ही फंसे, परिवार ने राम निदेश चौधरी और प्रकाश चौधरी का तो 25 लाख ठगा ही दोस्तों का भी 70 लाख ले उड़ा। बड़ेबन में भी एक लाला परिवार ने चौधरी लोगों से जमीन के नाम पर 30 करोड़ नटवरलाल बनकर ले उड़ा। जिस तरह लालाओं के द्वारा ठगी करने के मामले में एक के बाद एक सामने आ रहे हैं, उससे लोग अब लालाओं से सावधान होने लगें हैं। कहा भी जा रहा है, कि अगर कोई लाला परिवार कारोबार में पैसा लगाने का आफर दे तो किसी भी कीमत पर पैसा मत लगाइएगा, भले ही चाहे जितना भी लुभावना आफर ही क्यों न दें, लगाया तो रोना तो पड़ेगा ही इज्जत और पैसा भी चला जाएगा। राम दिनेश चॉैधरी का कहना है, कि किसी दलित से दोस्ती कर लीजिए, उसके साथ कारोबार कर लीजिए, लेकिन किसी लाला परिवार के साथ मत करिए, नहीं तो जिंदगीभर की पूंजी चली जाएगी, सालों पुराना संबध अलग से खराब हो जाएगा। जो असली नटवरलाल था, वह भी लाला परिवार से ताल्लुक रखता था। जो अपराध का कारण बनता हैं, उसमें ठगी का सबसे बड़ा कारण बन रहा है। अगर किसी के जीवनभर की पूंजी चली जाएगी तो वह कुछ भी करने को तैयार हो जता है। ऐसे मामलों में जान तक जा चुकी है।

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