एआर’ के बाद ‘सीडीओ’ ने ‘डीओ’ की खोली ‘पोल’

एआर’ के बाद ‘सीडीओ’ ने ‘डीओ’ की खोली ‘पोल’

एआर’ के बाद ‘सीडीओ’ ने ‘डीओ’ की खोली ‘पोल’

बस्ती। यूंही किसान यह नहीं कर रहे हैं, कि सीडीओ साहब अगर न होते तो एआर और डीओ खुले आम खाद और बीज को बेच देते। यह तो सीडीओ का निरीक्षण ही है, जिसके चलते खाद और बीज की कालाबाजारी करने वालों में थोड़ा बहुत डर है, वरना, एआर और डीओ  ने तो सारा डर ही समाप्त कर दिया। निरीक्षण के परिणाम से तो एक बात साफ हो गई कि खाद और बीज की कालाबाजारी हो रही है। अगर नहीं होती तो सीडीओ के पकड़ में नहीं आते। सवाल उठ रहा है, कि जो काम एआर और डीओ करना चाहिए, उस काम को क्यों सीडीओ को करना पड़ रहा हैं। इसी को देखते हुए पत्रकारों ने डीएम मैडम से कहा कि मैडम एआर और डीओ पर कभी भरोसा मत करिएगा, क्यों कि इन दोनों के चलते ही जिले में धान, गेहूं और खाद-बीज की कालाबाजारी हो रही है। इन्हीं दोनों के चलते जिला बार-बार बदनाम हो रहा है, पत्रकारों ने डीएम को यह भी बताया कि स्थानीय निवासी होने के बाद भी क्यों एआर बस्ती बार-बार आ रहे हैं, और यह जितनी बार बस्ती आए हैं, उतनी बार घोटाला हुआ। इस लिए दोनों अधिकारियों पर कभी भरोसा मत करिएगा। पत्रकारों ने खुलकर कहा कि दोनों अधिकारियों की रुचि किसानों के हित में नहीं बल्कि स्वंय के हित में रहती है। पत्रकारों ने डीएम से यह भी कहा कि अगर रवी को बचाना है, तो अपनी प्रशासनिक टीम को लगाना होगा। मीडिया ने सीडीओ के कामों की तारीफ भी डीएम से की, जिसपर उन्होंने भी कहा कि बहुत अच्छा काम कर रहे है। सीडीओ ने सल्टौआ स्थित राजकीय कृषि भंडार का निरीक्षण किया, जिसमें प्रभारी अरुण कुमार तो मौजूद रहे, लेकिन बीज वितरण बंउ मिला। जबकि गोदाम पर 50 किसान बीज के लिए लाइन लगाए खड़े रहे। सीडीओ ने जब पूछा कि क्यों नहीं वितरण हो रहा हैं, तो प्रभारी ने कहा कि गोदाम में गेहूं बीज 160 क्ंिवटल उपलब्ध है, लेकिन पीओएस मशीन में स्टाक इंटी न होने से वितरण बंद है। सीडीओ ने दसे लेकर नाराजगी जताया और प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा, इस पर न चाहते हुए भी जिला कृषि अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी करना पड़ा, यह अलग बात है, कि यह कारण बताओ नोटिस बाद में कमाई का जरिया बनेगा।

Comments

Leave A Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *