डा. लाल पैथ’ के ‘नाम’ पर ‘जिलेभर’ में हो रही ‘लूट’!

डा. लाल पैथ’ के ‘नाम’ पर ‘जिलेभर’ में हो रही ‘लूट’!

डा. लाल पैथ’ के ‘नाम’ पर ‘जिलेभर’ में हो रही ‘लूट’!


बस्ती। सिर्फ बस्ती में ही नहीं पूरे प्रदेश में ‘डा. लाल पैथ’ के नाम लूट मची हुई। बड़े नाम का फायदा उठाकर मनमाने तरीके से जांच के नाम पर वसूली हो रही है। होम सर्विस के नाम पर तो और भी लूट मची हुई है। जिले में लगभग इसके एक दर्जन सेंटर होगें, और एक भी सेंटर मानकनुसार संचालित नहीं हो रहें, खून निकालने से लेकर जांच करने का कार्य डाक्टर नहीं बल्कि एलटी और अप्रशिक्षित लोग कर रहे है। सेंटर पर तो बड़े-बड़े डाक्टर का नाम लिखा, लेकिन रिपोर्ट अप्रशिक्षत लोग बना रहे है। रिपोर्ट गलत होने से मरीजों के सामने करनी और मरनी जैसी स्थित उत्पन्न हो जा रही है। मालवीय रोड स्थित डा. लाल पैथ लि. पर एक बैनर टांगा गया जिसमें संस्था के इंचार्ज डा. सौम्या गोयल हैं, और इन्हीं के नाम पंजीकरण भी हैं, कायदे से तो इन्हीं लैब में मौजूद रहकर रिपोर्ट बनाना चाहिए, लेकिन यह कब आती और कब जाती है, रिपोर्ट कौन बनाना? किसी को पता नहीं, इस लैब में जिलेभर के कलेक्षन सेंटर से लिए गए खून के नमूनों की जांच और रिपोर्ट बनाई जाती है। इसी तरह जनता होटल के पास भी इनका एक कलेक्षन सेंटर है, जिसके संचालक अमित पटेल हैं, यह खून भी निकालते, और होम सर्विस पर भी जाते, इनके पास कौन सी डिग्री है, इसका पता शायद सीएमओ को भी नहीं होगा। इनके जितने भी कलेक्षन सेंटर हैं, एक भी मानकनुसार संचालित नहीं हो रहे, खून निकालने के बाद इंजेक्षन को या तो नाला सा फिर खुले में फेंक दिया जाता है, जिससे संक्रामक बीमारी फैलने की संभावना बनी रहती है। जिस तरह बड़े नाम का यह लोग फायदा उठाकर मरीजों का आर्थिक शोषण कर रहे हैं, उससे इनकी संस्था की व्यवस्था पर ही सवाल खड़े हो गए। साफ-साफ का अभाव लगभग सभी सेंटरों पर हैं, जो कि सबसे अधिक आवष्यकता है। हालही में अयोध्या में जिस तरह दो घंटे में दो तरह की रिपोर्ट देने का मामला सामने आया, उससे पूरा प्रशासन और सीएमओ कार्यालय सकते में आ गया, जांच हुई और गड़बड़ी पाए जाने पर सेंटर को सील कर दिया गया, इसी तरह घटनाएं अन्य जनपदों से भी आ रही है। अन्य पैथालाजी का दावा हैं, कि अगर इनके भी क्रियाकलापों और मानकों एवं रिपोर्ट की जांच हो जाए तो एक भी प्रशासन और सीएमओ को सभी सेंटरों पर ताला लगाना पड़ेगा। इनके यहां जो चाहे वही कलेक्षन सेंटर खोल सकता है, भले ही चाहें वह प्रशिक्षित हो या न हो, पैसा दीजिए और लूटिए। इनके सेंटर पर जब भी कोई मीडिया जाता है, उसे भ्रमित जानकारी दी जाती है, मामले को टालने के लिए मालिक से बात कराने को कहा जाता, लेकिन करवाया नहीं जाता, यह कहा जाता है, कि आप अपना नंबर दे दीजिए मालिक खुद आप से बात कर लेंगे। डा. लैब पैथ के लोग अगर जिले वाले को लूट रहे हैं, या फिर उन्हें भ्रमित जांच रिपोर्ट दे रहे हैं, तो उसके लिए सीएमओ कार्यालय को जिम्मेदार माना जाता है। इसके नोडल तो मानो इस संस्था की जांच न करने की कसम खा रखी है, क्यों खा रखी है, यह कहने और लिखने की बात नहीं बल्कि समझने की बात है।

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