चेयरमैन को ‘पत्रकारों’ को ‘मारने’ में बड़ा मजा ‘आता’!
- Posted By: Tejyug News LIVE
- राज्य
- Updated: 3 September, 2025 20:04
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चेयरमैन को ‘पत्रकारों’ को ‘मारने’ में बड़ा मजा ‘आता’!
-इनके खिलाफ अब तक अनूप कुमार बर्नवाल और राज आर्य नामक दो पत्रकारों को मारने पीटने कैमरा और मोबाइल तोड़ने के आरोप में मुकदमा कायम हो चुका इनकी छवि ‘गुंडा बदमाश’ के ‘रुप’ में उभर रही
-इनके खिलाफ अब तक बलात्कार, बलवा, मारने पीटने जैसे अन्य आरोपों में आधा दर्जन से अधिक मुकदमा कायम हो चुका, हत्या को छोड़कर लगभग सभी आरोपों में केस दर्ज हो चुका
-जिस चेयरमैन का संरक्षक विधायक और सांसद हो वह तो पत्रकारों को मारेगा ही और महिला के साथ कथित बलात्कार करेगा गुंडई और मारपीट भी करेगा, इन्हीं जैसे लोगों के कारण ही सपा सत्ता से बाहर चल रही
-सपा के लोग मारपीट और गुंडई करने वाली छवि से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं, जिसका खामियाजा मीडिया सहित समाज के अन्य वर्गो की महिलाओं को भुगतना पड़ रहा, जिस दिन पार्टी धीरसेन जैसे लोगों से पीछा छुड़ा लेगी, उस दिन सपा हासिल कर सकती
बस्ती। नगर पंचायत रुधौली के चेयरमैन और सपा नेता धीरसेन निषाद प्रदेश के पहले ऐसे चेयरमैन होगें जिन्हें उन पत्रकारों को मारने, पीटने, कैमरा और मोबाइल तोड़ने में बड़ा मजा आता है, जो इनके भ्रष्टाचार के लिए आवाज उठाते है। वहीं पर यह उन पत्रकारों को मुर्गा और दारु का न्यौता देते हैं, जो इनकी चाटुकारिता करते हैं। रुधौली में चेयरमैन की चाटुकारिता करने वाले पत्रकारों की कमी नहीं, जिसके चलते ही इनका इतना मनबढ़ गया है। अगर मन नहीं बढ़ता तो बार-बार पत्रकारों को नहीं पीटते रहते हैं। जब भी कोई ईमानदार पत्रकार को चेयरमैन पीटते हैं, चाटुकारिता करने वाले पत्रकार विरोध करने के बजाए मुखबिरी करते हैं, और मजा लेते है। इनकी हिम्मत तो देखिए तहसील में घुसकर इन्होंने और इनके गुर्गो ने पत्रकार राज आर्य को इस लिए मारा-पीटा क्यों कि उसने इनके विकास के कार्यो की धज्जियां उड़ा दिया था। इस पत्रकार को न सिर्फ इन्होंने और इनके गुर्गो ने मारा-पीटा बल्कि कैमरा और आईडी भी तोड़ दिया। इससे पहले यही काम यह पत्रकार अनूप कुमार बर्नवाल के साथ कर भी चुके है। दोनों मामलों में इनके खिलाफ एससी एक्ट सहित अन्य धाराओं में मुकदमा कायम हो चुका है। इन्हें देखकर लगता ही नहीं हैं, कि यह सपा के चेयरमैन है। यह चेयरमैन कम और गुंडा बदमाश अधिक लगते है। बलात्कार के आरोप में जेल की हवा खाने के बाद भी यह अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे है। कहा जाता है, कि जिस चेयरमैन का संरक्षक विधायक और सांसद हों वह तो पत्रकारों को मारेगा ही और महिला के साथ कथित बलात्कार भी करेगा, गुंडई और बदमाशी भी करेगा। कहा जाता है, कि इन्हीं जैसे लोगों के कारण ही सपा सत्ता से बाहर है। जनता का कहना है, कि सपा के लोग मारपीट और गुंडई करने वाली छवि से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं, जिसका खामियाजा मीडिया सहित समाज के अन्य वर्गो की महिलाओं को भुगतना पड़ रहा, जिस दिन पार्टी धीरसेन जैसे लोगों से पीछा छुड़ा लेगी, उस दिन सपा सत्ता हासिल कर सकती। अगर धीरसेन का यही रर्वैया रहा तो इनके उपर गैंगस्टर भी लग सकता है।
वैसे रुधौली नगर पंचायत के चैयरमैन के गुनाहों की लंबी लिस्ट है। इन्होंने कभी भी अपने आप को सुधारने का प्रयास ही नहीं किया, बलात्कार के आरोप में जेल जाने के बाद लोगों को लगने लगा था, कि अब तो कुछ सुधार होगा, लेकिन लोगों का सोचना उस समय गलत साबित हुआ, जब इनके खिलाफ ताबड़तोड़ दो एफआईआर दर्ज हुआ। चेयरमैन की यह उपलब्धि जेल से वापस आने के बाद की है। देखिए आगे इस तरह की कितनी उपलब्धि इनके हिस्से में आती है। इन्होंने एक बार फिर पत्रकार को ही अपना निशाना बनाया, नेता जहां पत्रकारों को अपना दोस्त बनाते हैं, यह पत्रकारों को पीटते हैं, इन्होंने आज तक किाी ऐसे पत्रकार को अपना निशाना नहीं बनाया, जो इनकी रात दिन चाटुकारिता करते रहते है। उन्हीं पत्रकारों को निशाना बनाया, जो अपना काम ईमानदारी से करना चाहते है। रुधौली में जिस तरह बार-बार पत्रकारों को चेयरमैन मार रहे हैं, उसके लिए उन पत्रकारों को भी जिम्मेदार माना जा रहा है, जो सुबह षाम चेयरमैन की दरबारी करते है। इस बार इन्होंने पत्रकार राज आर्य को न सिर्फ मारा-पीटा कैमरा तोड़ दिया, बल्कि कनपटी पर लाइसेंसी रिवाल्वर सटा दिया, प्रशासन को ऐसे लोगों के असलहे का लाइसेंस त्वरित निरस्त कर देना चाहिए, जो समाज के लिए दुष्मन बने हुए है। इनके द्वारा रिवाल्वर लेकर चलने से दहशत बनी हुई और कई लोग रिवाल्वर के डर से सामने नहीं आ रहे है। आहत होकर पत्रकार राज आर्य ने एक सुसाइड नोट लिखा था, कि अगर कार्रवाई नहीं हुई और तो सुसाइड कर लूंगा। बताते हैै, कि इसी के डर से पुलिस ने रात 23.58 मिनट पर मुकदमा लिखा। यह सही है, कि जिस भी व्यक्ति के पास चरित्र नहीं होता, वह न तो अच्छा नेता और न अच्छा इंसा नही बन सकता है। अनैतिक रुप से कमाए गए पैसे के बल पर कई लोग चरित्रहीन हो जाते है। रही बात रुधौली नगर पंचायत की तो यहां पर जब से धीरसेन चेयरमैन हुए हैं, यहां के लोगों ने अनैतिक रुप से पैसा ही कमाया, चाहें वह चेयरमैन हो, चाहें वह ईओ हो, चाहें वह जेई हो, चाहें वह ठेकेदार और चाहेें आउटसोर्सिगं वाला बाबू ही क्यों न हो, सभी ने अपना जमीर और इज्जत बेचकर पैसा कमाया, अगर ऐसा नहीं होता तो चेयरमैन बलात्कार के आरोप में जेल न जाते, और चेयरमैन के खिलाफ इतना मुकदमा ही दर्ज होता।

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