चले’ थे ‘धर्म परिवर्तन’ कराने पहुंच गए ‘जेल’

चले’ थे ‘धर्म परिवर्तन’ कराने पहुंच गए ‘जेल’

चले’ थे ‘धर्म परिवर्तन’ कराने पहुंच गए ‘जेल’

बस्ती। 17 साल की हरिजन लड़का का शादी का झांसा देकर धर्म परिवर्तन करना हकीम अली पुत्र वाहिद अली ग्राम अखण्डपुर थाना दुबौलिया को महंगा पड़ा। धर्म परिवर्तन के मामले में पुलिस जिस तरह आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें दबोज कर जेल भेज रही हैं, उसके लिए भाजपा की टीम 11 की मेहनत मानी जा रही है। दुबौलिया पुलिस की ओर से इस मामले में मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया। उ.प्र. धर्म परिवर्तन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हुआ। धर्म परिवर्तन कराने वाले अधिकतर मुस्लिम वर्ग के लोग ही आरोपी बनाए जा रहे है। यह और ईसाई वर्ग के लोग सबसे अधिक अपना शिकार गरीब वर्ग के लड़कियों को बनाते है। हिंदु समाज की लड़कियां धर्म परिवर्तन अपनी मर्जी से नहीं करती, बल्कि उनके परिवार की आर्थिक तंगी के चलते करती है। अधिकतर धर्म परिवर्तन के मामले शादी का झांसा देने के ही सामने आ रहे है। धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए समाज को भी आगे आना होगा। सबसे अधिक धर्म परिवर्तन के मामले ग्रामीण परिवेश से ही आ रहे है। धर्म परिवर्तन कराने वालों की मंशा किसी मजबूर लड़कियों का कल्याण करना नहीं होता, बल्कि उनका शोषण करना होता है। गरीब परिवार के लड़कियों के मां-बाप को भी इस मामले में अपनी भूमिका निभानी होगी, उन्हें अपनी लड़कियों को नरक में जाने से रोकना होगा। पुलिस और समाज का सहारा लेना होगा। जब तक लड़कियों के परिवार वाले इसका विरोध नहीं करेगें और सामने नहीं आएगें, तब तक हिंदु समाज की लड़कियों की जीवन नर्क बनता जाएगा।

Comments

Leave A Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *