भगोड़ा अपराधी कमिशनर न्यायालय में आता, पुलिस के सामने हाजीरी लगाकर चला जाता!

भगोड़ा अपराधी कमिशनर न्यायालय में आता, पुलिस के सामने हाजीरी लगाकर चला जाता!

भगोड़ा अपराधी कमिशनर न्यायालय में आता, पुलिस के सामने हाजीरी लगाकर चला जाता!

-पांच में से चार अपराधी जेल गए, लेकिन पांचवा सेलरा गांव का कोटेदार गिरजाशंकर को लालगंज पुलिस नही पकड़ पा रही

-यह पांचवा अपराधी खुले आम पुलिस के सामने न्यायालय आता हैं, तारीख लेकर चला जाता, और पुलिस देखती रह जाती

-बिहार के भगोड़े अपराधी कल्पनाथ को बस्ती पुलिस ने सात साल बाद गिरफ्तार किया, लेकिन अभी तक गिरजाशंकर को नहीं पकड़ पाई, जब कि वह हर माह गांव में राशन बांटता

यह भी रेप के मामले में फरार चल रहा

बस्ती। आप लोगों को सुनकर हैरानी होगी कि बिहार का वांटेड अपराधी गिरजाशंकर कमिशनर न्यायालय आता हैं, पुंलिस के सामने हाजीरी लगाकर तारीख लेता हैं, और पुलिस के सामने ही सीना तानकर चला जाता है। यह उन पांच फरार अपराधियों में एक हैं, जिसे पटना हाईकोर्ट के आदेश बिहार सरकार ने इसे फरार घोषित किया, यह व्यक्ति हर माह ग्राम सेलरा में सरकारी राशन बांटता हैं, और यह बात लालगंज की पुलिस अच्छी तरह जानती हैं, लेकिन उसे सात साल में नहीं पकड़ पाई, जब कि अगर पुलिस चाहती तो पांच मिनट में गिरफतार कर लेती। जरा अंदाजा लगाइए कि पांच अपराधी सात साल तक जिले में घूमते रहे, बिहार की पुलिस आती रही, लेकिन स्थानीय यानि लालगंज थाने की पुलिस का सहयोग ना मिलने के कारण वापस चली जाती रही। यह तो मीडिया की देन हैं, कि रेप के मुख्य आरोपी कल्पनाथ को एसपी अभिनंदन की सख्ती के बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। यही काम अन्य एसपी नहीं कर पाए। इसी लिए कहा जाता हैं, कि पुलिस अगर चाह जाए तो बड़े-बड़ा अपराधी बच नहीं सकता।

यूपी और बिहार राज्य की पुलिस जिस भगोंड़े अपराधी कल्पनाथ को पिछले सात साल से नहीं ढूंढ पा रही थी, उसे एसपी ने मीडिया के जानकारी देने पर मात्र पांच मिनट में पकड़कर बिहार जेल भेज दिया। इस मामले की चर्चा पूरे जनपद में हो रही है, क्यों कि पकड़े गए आरोपी का सफेदपोशों से बहुत पुराना नाता है, जिस वजह से गिरफ्तार करने में बस्ती पुलिस को सात साल लग गए, इतना ही नहीं एक बार तो एसपी के निर्देश के बाद आरोपी को स्वाट टीम ने गिरफ्तार करके कोतवाली पुलिस को सौंपा, मगर ठहरे कोतवाल ना जाने क्या समझकर उसे कुछ ही घंटों में छोड़ दिया। इतना ही नहीं दो दिन बाद फिर से पुलिस ने अपनी गलती सुधार की और आरोपी कल्पनाथ को अरेस्ट कर सलाखों के पीछे भेज दिया है।

अब हम आप को पूरा मामला बताते है। मामला वर्ष 2018 का है, जब बिहार प्रदेश के नेवादा जिले में एक साध्वी ने रेप डकैती जैसे संगीन मामले में कल्पनाथ, गिरजा शंकर, अजित, दिलचंद्र और श्याम चंद्र के खिलाफ गोविंदपुर थाने में मुकदमा पंजीकृत करवाया था। इस केस के दर्ज होने के बाद कोई भी आरोपी न तो पुलिस के सामने कभी हाजिर हुए और न कोर्ट में जाकर अपना पक्ष रखा। जिसके बाद नेवादा जिले की पुलिस ने जांच करने के बाद केस की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दिया। एक आरोपी को बिहार पुलिस ने पकड़ा और जेल भेज दिया था मगर बाकी चार आरोपी फरार थे। तारीख पर हाजिर न होने पर कोर्ट ने फरार सभी आरोपियों के घर की कुर्की का आदेश किया और बिहार पुलिस कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए आरोपी कल्पनाथ के घर की कुर्की भी की इसके बाद भी चारों आरोपी कोर्ट में नहीं हाजिर हुए। पुलिस की हिला हवाली और कोर्ट के आदेश के बावजूद जब आरोपी नहीं पकड़े गए तो पीड़ित साध्वी ने पटना हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पटना हाइकोर्ट ने सख्ती दिखाई और नेवादा जिले के एसपी को आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कड़ा नोटिस जारी किया। जिसके क्रम में नेवादा जिले के एसपी ने सात जुलाई 2024 को बस्ती जनपद के एसपी को पत्र लिखा और वांछित आरोपियों को पकड़कर सौंपने की सिफारिश की। मगर हर बार की तरह आरोपियों के छठॅ की तरह इस पत्र को भी दबा दिया गया और कोई एक्शन नहीं लिया गया।

नवागत एसपी अभिनंदन को जैसे ही इस पत्र के बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने दोनों वांछित आरोपी कल्पनाथ चौधरी और उसके भाई गिरजाशंकर चौधरी की गिरफ्तारी के लिए स्वाट टीम को निर्देश दिया। 30 जनवरी को एक आरोपी कल्पनाथ एसपी ऑफिस के पास घूमते मिल गया जिसे टीम ने दबोच लिया और कोतवाली पुलिस को सौंप दिया। मगर कोतवाल ने पूछताछ कर वारंट न होने का हवाला देकर उसे छोड़ दिया। इस बात की जानकारी जैसे ही बिहार राज्य के नेवादा जिले के एसपी को हुई तो उन्होंने बस्ती जनपद के पुलिस अधीक्षक से बात की और फिर से आरोपियों को पकड़कर सौंपने को कहा। फिर क्या था आनन फानन में पिछले सात साल से पुलिस की आंख में धूल झोंक रहे आरोपी कल्पनाथ को बस्ती पुलिस ने कुछ ही घंटे में अरेस्ट कर लिया। कागजी कार्यवाही पूरी करने के बाद लालगंज थाने की पुलिस ने उसे नेवादा एसपी को सौंप दिया है जिसे कोर्ट में हाजिर करने के बाद जेल भेज दिया गया है। इस मामले में जितनी चर्चा नवागत एसपी की हो रही हैं, उतनी इस मामले में तह तक जाने और अपराधियों को जेल तक पहुंचवाने में मीडिया का बड़ा योगदान रहा। जनता मीडिया से इसी तरह की भूमिका की उम्मीद करती है।

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