बीडीए’ देखता ‘रहा’, हो गया ‘दो मंजिला’ का अवैध ‘निर्माण’
- Posted By: Tejyug News LIVE
- राज्य
- Updated: 14 October, 2025 19:13
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‘बीडीए’ देखता ‘रहा’, हो गया ‘दो मंजिला’ का अवैध ‘निर्माण’
-शिकायत पर षिकायत होती रही, बीडीए के जिम्मेदार सोते रहे, आखिर अवैध निर्माण रुके तो कैसे? निर्माण पर रोक के बावजूद निर्माण पूरा हो जाना, बीडीए के जेई पर सवाल उठ रहा
बस्ती। जिले के लोग तरस जा रहे हैं, कि बीडीए कोई अच्छा काम करें, लेकिन जब बीडीए की बुनियाद ही भ्रष्टाचार पर खड़ी हो तो अच्छा काम हो तो कैसे हो, जो भ्रष्टाचार की बीज एक्सईएन बोकर गए, उसी का फसल आज बीडीए वाले काट रहे है। जिले में अगर किसी विभाग को फर्जीवाड़े का खिताब देना हो तो जनता बीडीए को देना चाहेगी। बार-बार कहा जा रहा है, कि जिस बीडीए के अध्यक्ष कमिष्नर हो, उपाध्यक्ष डीएम हो और सचिव एडीएम हो, अगर उस बीडीए में भ्रष्टाचार पनपता है, तो इसके लिए जिले के तीनों अधिकारियों और तीनों बीडीए के सदस्यों को जिम्मेदार माना जाएगा। अब जरा अंदाजा जगाइए, कि जिस बीडीए के उपाध्यक्ष यानि डीएम ने अवैध निर्माण पर रोक लगाया हो, अगर वही निर्माण पूरा हो जाता है, तो आप किसे जिम्मेदार मानेगें? जाहिर सी बात हैं, जिम्मेदारी तो निर्माण पर रोक लगाने वाले की ही मानी जाएगी। रही बात निर्माण पूरा होने की तो बीडीए वाले इस बात की गारंटी लेते हैं, कि मोटा लिफाफा दीजिए बाकी हम लोग देख लेगें। यही होता आ रहा है। शिकायतकर्त्ता बृजवासी चिल्लाते रहें कि साहब अवैध निर्माण हो रहा है, रोकिए, सुन ली जाती है, लेकिन कार्रवाई नहीं होती, जिसका नतीजा अवैध निर्माण करने वाला जीत जाता है, और अवैध निर्माण का विरोध करने वाला हार जाता है। बृजवासी का कहना है, कि डीएम ने जाचोंपरातं अवैध निर्माण को पहली सितम्बर 2025 को रोक लगा दिया। उसके वावजूद नियम कानून का उल्लंघन करते हुए रविन्द्र शुक्ल तथा दीपक शुक्ल द्वारा 43 दिनों से इनलोगों द्वारा चोरी चुपके से द्वितीय तल पर छत लगाने का कार्य आज भी जारी है।

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