बच्चों जाए ‘भाड’़ में, ‘हम्हे’ तो ‘गांधीजी’ से ‘मतलब’

बच्चों जाए ‘भाड’़ में, ‘हम्हे’ तो ‘गांधीजी’ से ‘मतलब’

बच्चों जाए ‘भाड’़ में, ‘हम्हे’ तो ‘गांधीजी’ से ‘मतलब’!

-गांधीजी का ‘कमाल’ः अग्निशमन ‘यंत्र’ लगा ही ‘नहीं’ और डीआरवाई मेमोरियल विद्यालय, सल्टौआ को दे दी ‘एनओसी’, पैसा लेकर सीएफओ पर लगा एनओसी देने का आरोप

बस्ती। मुख्य अग्निशमन अधिकारी पर पैसा लेकर स्कूली बच्चों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगा है। मामला रुधौली क्षेत्र में स्थित डीआरवाई मेमोरियल विद्यालय, सल्टौआ का है। इस स्कूल में बिना अग्निशमन ‘यंत्र’ लगे एनओसी दे देने जैसा गंभीर मामला सामने आया है। इससे बड़ा और अपराध माना ही जा सकता। इसका मतलब यह हुआ कि कोई संस्थान गांधीजी थमा दें, सीएफओ की ओर से एनओसी जारी कर दिया जाएगा। वैसे भी सीएफओ पर इससे गांधीजी लेकर बिना अग्निशमन ‘यंत्र’ लगाए एनओसी देने का आरोप लग चुका है, चूंकि इनके खिलाफ कोई जांच और कार्रवाई नहीं होती हैं, इस लिए इनका फर्जीवाड़ा नहीं रुक रहा है। जिले में अधिकांष प्रतिष्ठानों में अग्निशमन ‘यंत्र’ नहीं लगा हुआ है, यहां तक कि मैरिज हाल जैसे संवेदनशील स्थानों पर अग्निशमन ‘यंत्र’ पर नहीं लगा, जब कि इन स्थानों पर अग्निशमन ‘यंत्र’ लगना अतिआवष्यक हैं, और यह सीएफओ की जिम्मेदारी बनती है,  िकवह प्रत्येक मैरिज हाल जाकर निरीक्षण करे और देखे कि अग्निशमन ‘यंत्र’ लगा है, कि नहीं, अगर नहीं लगा हैं, तो लगवाए, इसी तरह स्कूलों में भी अग्निशमन ‘यंत्र’ लगना आवष्यक है। मैरिज हाल में तो एक बार घटना होने से बचा सकता है, लेकिन अगर किसी स्कूल में अग्नि कांड हो गया तो न जाने कितने बच्चों की जिंदगी जा सकता है। इसी लिए मैरिज हाल से अधिक स्कूलों में अग्निशमन ‘यंत्र’ की आवष्यकता है।

क्षेत्र दोषी निवासी अखिलेश सिंह पुत्र मुराली सिंह ने मुख्य अग्निशमन अधिकारी पर फर्जी तरीके से एनओसी जारी करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में कहा गया है कि विद्यालय परिसर में एक भी अग्निशमन यंत्र नहीं लगा है, इसके बावजूद विद्यालय को एनओसी दे दी गई। शिकायतकर्ता ने इसे बच्चों की सुरक्षा के साथ खुला खिलवाड़ बताया है। अखिलेश सिंह ने पत्र के माध्यम से विभाग से यह स्पष्ट करने की मांग की है कि बिना स्थल निरीक्षण किए और बिना सुरक्षा उपकरणों के विद्यालय को एनओसी कैसे और किस आधार पर जारी कर दी गई? सवाल के लहजे में कहा कि किसी दिन विद्यालय में आग लगने जैसी घटना घटती है और बच्चों के साथ कोई अनहोनी होती है, तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि मामले की स्थल जांच कर एनओसी तत्काल रद्द नहीं की गई, तो वे उच्च अधिकारियों से शिकायत कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करेंगे। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह मामला केवल एक विद्यालय तक सीमित नहीं है, बल्कि कई संस्थानों में बिना सुरक्षा इंतजामों के एनओसी जारी होने का खेल चल रहा है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस गंभीर शिकायत पर क्या कदम उठाता है। शिकायतकर्ता ने इसके अलावा अग्निशमन अधिकारी फॉयर स्टेशन सोनहा को भी सूचित किया था लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई इसके बाद डीजी फायर लखनऊ, डीआईजी फायर लखनऊ को भी मेंल के माध्यम से शिकायत कर जाँच करने व कार्यवाही की माँग की है 

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