अधिकारी ऐसी कार्ययोजना बनाए जिससे बाढ़ के समय कम से कम नुकसान होःडीएम

अधिकारी ऐसी कार्ययोजना बनाए जिससे बाढ़ के समय कम से कम नुकसान होःडीएम

अधिकारी ऐसी कार्ययोजना बनाए जिससे बाढ़ के समय कम से कम नुकसान होःडीएम

बस्ती। संभावित बाढ़ के दौरान बचाव एवं राहत कार्याे के संचालन की कार्ययोजना तैयार किये जाने के सम्बंध में सम्बन्धित अधिकारियों के साथ कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बाढ़ स्टीयरिंग गु्रप की बैठक के दौरान डीएम रवीष गुप्ता ने सम्बन्धित विभागों को निर्देश दिया कि सम्भावित बाढ़ के दौरान शासन के मंशानुसार बचाव एवं राहत कार्य के संचालन हेतु फुलप्रुफ कार्य योजना तैयार की जाय। डीएम ने अधिषासी अभियन्ता बाढ दिनेष कुमार को निर्देश दिया कि तटबंधो की सुरक्षा हेतु संचालित कार्याे को बाढ़ से पूर्व प्रत्येक दशा में पूर्ण करा लिया जाय। बाढ़ के दौरान तटबंधो की सुरक्षा एवं कटान के प्रभावी नियंत्रण के लिए समय से आवश्यक सामग्री की आवश्यकता सुनिश्चित करा ली जाय। बाढ़ क्षेत्र का सघन भ्रमण कर तटबंधो के रैटहोल, रैनकट इत्यादि कटान सम्भावित स्थानों को चिन्हित कर आवश्यक मरम्मत कार्य समय से करा लिए जाय।

डीएम ने यह भी निर्देश दिया कि बाढ़ के दौरान वितरित किये जाने वाले खाद्यान्न, पशुओं के लिए भूसे आदि की व्यवस्था के लिए समय पूर्व ही टेण्डर इत्यादि की कार्यवाही पूर्ण कर ली जाए। डीएम ने सभी सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिया कि पूर्व के अनुभवों का लाभ लेते हुए ऐसी प्रभावी कार्ययोजना तैयार करें कि आपदा के समय जन-धन का नुकसान कम से कम हो तथा राहत एवं बचाव कार्य भी निर्बाध ढंग से संचालित किये जा सकें। उन्होने कहा कि आवश्यकतानुसार नावों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए तथा नावों पर लाईफ-जैकेट जैसे जीवन रक्षक उपकरण भी उपलब्ध रहें। डीएम ने यह भी निर्देश दिया कि बाढ़ राहत केन्द्रों एवं शरणालयों का भी समय पूर्व आवश्यक मरम्मत एवं रंगाई पुताई करा दी जाए। ऐसे स्थानों पर प्रसाधन, पेयजल एवं प्रकाश के भी माकूल बन्दोबस्त भी अवश्य किये जाएं। मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया गया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के गम्भीर रूप से बीमार व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों को बाढ़ से पूर्व ही चिन्हित कर लिया जाय ताकि बाढ आने की दशा में उन्हें आस-पास के चिकित्सालयों में शिफ्ट किया जा सके। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों मे बाढ़ से पूर्व चिकित्सा एवं टीकाकरण शिविर आयोजित कर शत-प्रतिशत पशुओं का उपचार एवं टीकाकरण सुनिश्चित करा लें।

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