अमरौली शुमाली’ का ‘416’ पन्नें का आरोप ‘लोकायुक्त’ तक ‘पहुंचा’!

अमरौली शुमाली’ का ‘416’ पन्नें का आरोप ‘लोकायुक्त’ तक ‘पहुंचा’!

अमरौली शुमाली’ का ‘416’ पन्नें का आरोप ‘लोकायुक्त’ तक ‘पहुंचा’!

बस्ती। जनपद की अमरौली शुमाली ग्राम पंचायत में 12 परियोजनाओं पर हुए लगभग 76 लाख रुपये के खर्च को लेकर गंभीर अनियमितताओं का मामला जोर पकड़ने लगा है। इन्हीं आरोपों को आधार बनाते हुए सौरभ वीपी वर्मा ने लोकायुक्त में विस्तृत शिकायत दर्ज कराते हुए समूचे व्यय की जांच और स्वतंत्र ऑडिट कराए जाने की मांग की है। शिकायत में कहा गया है कि ग्राम पंचायत में पहले से चल रही जांच को प्रशासन द्वारा दबाने का प्रयास किया जा रहा है। आरोप है कि पिछले 13 महीनों से लंबित जांच के दौरान जांच अधिकारी ने फर्जी आख्या लगाई, जबकि बीडीओ ने अपने दायित्वों का निर्वहन करने में विफल रहे। साथ ही डीपीआरओ बस्ती पर भी मामले को गंभीरता से न लेने की बात शिकायत में दर्ज है। शिकायतकर्ता का कहना है कि ग्राम पंचायत स्तर पर पहले से की गई जांच में भी गोलमाल किया गया और वास्तविक अनियमितताओं की पड़ताल करने के बजाय केवल प्रधान के वित्तीय अधिकार सीज करने की कार्रवाई आगे बढ़ाई गई, जिससे मूल मुद्दा अधूरा रह गया।

 शिकायत में जिन मदों में वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया गया है, उनमें

हैंडपंप मरम्मत एवं रिबोर पर 22 लाख, वाटर कूलर पर पांच लाख, खाद गड्ढा निर्माण में नौ लाख, कूप व सोख्ता निर्माण में आठ लाख, दो इंटरलॉकिंग सड़क में 11 लाख और नाली मरम्मत में 4.50 लाख के अलावा कुल 12 परियोजनाओं पर 76 लाख रुपये से अधिक का व्यय दर्शाया गया है, जिसकी लोकायुक्त से जांच कराए जाने की मांग की गई है। सौरभ वीपी वर्मा ने अपनी शिकायत के साथ 416 पन्नों की विस्तृत रिपोर्ट भी संलग्न की है।

गौरतलब है कि पूर्व में की गई शिकायतों के आधार पर प्रधान गायत्री देवी के वित्तीय अधिकार पहले ही सीज किए जा चुके हैं। लोकायुक्त को भेजी गई शिकायत में बीडीओ, सचिव अखिलेश शुक्ला और प्रधान गायत्री देवी को पक्षकार बनाया गया है।

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