अगर जनता मौका देती तो अधिकारी इतना बेलगाम न होतेःहरीश द्विवेदी
- Posted By: Tejyug News LIVE
- राज्य
- Updated: 9 June, 2025 20:37
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अगर जनता मौका देती तो अधिकारी इतना बेलगाम न होतेःहरीश द्विवेदी
-जनपद में भले ही एक एमपी, पांच एमएलए और एक एमएलसी हैं, लेकिन कोई सक्षम नहीं, इनका काम होता रहे, जनता की ऐसीतैसी
-योगीजी ने किसी अधिकारी कोई छूट नहीं दी, यह मनमानी इस लिए कर रहे हैं, क्यों कि जनप्रतिनिधि सक्षम नहीं, अगर होते तो मनमानी न कर पाते
-जिले का कोई भी ऐसा जनप्रतिनिधि नहीं जो अफसरों की षिकायत योगी और मोदी से कर सके
-अगर एक बार और अवसर दिए होते तो जिले की जनता को यह दिन न देखना पड़ता और न अधिकारी बेलगाम हो पाते
-बस्ती के सम्मानित जनपदवासियों से जाने अनजाने में जो गलती हुई, पुनः ऐसी गलती लोग न करेंःहरीश द्विवेदी
बस्ती। आज पूर्व सांसद हरीश द्विवेदी की ओर से जिले की सम्मानित जनता को एक पोस्ट किया गया, जिसमें इन्होंने कहा कि मेरे प्यारे बस्ती वासियों इधर कई दिनों से फेसबुक और सोशल मीडिया पर देख रहा हूं, कि लोगों में तहसीलों और थानों को लेकर असंतोशजनक है। तमाम लोग यह भी आरोप लगा रहे हैं, अधिकारी बेलगाम हो गए हैं, और योगीजी इन भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे है। कहते हैं, कि मैं उन लोगों को बताना चाहता हूं, कि योगीजी ने कोई छूट नहीं दी है, अधिकारी इस लिए बेलाम हो गए हैं, क्यों कि उपर तक इनकी शिकायत करने वाला जनपद में कोई प्रतिनिधि सक्षम नहीं, या कहिए उनका काम हो जाता है, जनता के दुख दर्द की ऐसी की तैसी, सवाल करते हैं, कि आखिर अधिकारी क्यों इतने बेलगाम हो गए, जब कि जनपद में एक एमपी, पांच एमएलए और एक एमएलसी है? यह लोग क्यों इतना बेअदांज हो गए हैं, इसमें गलती किसकी है? क्या आप सबने कभी गंभीरता से इसके बारे में सांचा है।
कहते हैं, कि हकीकत तो यह है, कि इसके लिए हम और आप जिम्मेदार है। काश आप सभी का प्यार और स्नेह अपने बेटे और भाई हरीश द्विवेदी को पुनः मिलता तो क्या अधिकारी इतना बेलगाम हो पाते? याद करिए, जब दस साल तक आपका स्नेह और प्यार हरीश द्विवेदी को मिला था, तब पूरे जनपद का क्या कोई अधिकारी बेलगाम था? आज तमाम भाई लोग मिलते हैं, और कहते हैं, कि भाई हम लोगों से बहुत बड़ी गलती हो गई, काश हम आपकी बात मानकर एक बार पुनः अपने भाई को अवसर दिए होते, तो आज यह दिन न देखना पड़ता। मित्रों, यह मैनें आज इस लिए लिखा कि जाने अनजाने बस्ती की सम्मानित जनपदवासियों से जो गलती हुई पुनः ऐसी गलती लोग न करें। लिखने का तात्पर्य यह है, कि मोदी और योगी कोई गलत नहीं हैं, गलत हैं, जिले के स्थानीय जनप्रतिनिधि। अगर यह लोग मोदी और योगी तक सूचना देते रहते तो अधिकारी बेलगाम न होते। वायरल होते ही यह पोस्ट पर कमेंट आने षुरु हो गए, क्यों कि हरीषजी ने कमेंट मांगा था।
ई. कृष्णा द्विवेदी लिखते हैं, कि आज राजा अपने चाटुकारों से घिरा हुआ है, और बस वाह-वाह चल रहा है। असलियत यह है, कि अगर किसी ने निगेटिव बोला तो उसे साइडलाइन कर दिया जाता। वाह-वाह करने वाले जमकर मलाई काट रहे है। राजा को बुराई सुनना तनिक भी पसंद नहीं। क्यों कि उन्हें आज भी लोकतंत्र पर विष्वास नहीं है। बस राजतंत्र में जिए जा रहे है, और चाटुकार वाह-वाह किए जा रहे है। अपने खास के उपर लगे भ्रष्टाचार के आरोप ल...। नरेंद्र बहादुर सिंह लिखते हैं, कि इसमें भाजपा कम जिम्मेदार नहीं है। जब मैं चुनाव के समय लिखता था, कि भाजपा वाले भाजपा को ही निगल रहें हैं, परिणाम भंयकर होगें तो अपने ही कुछ नाराज हो जाते थे। कहा कि मुझे हरीशजी से कोई काम नहीं करना था, विधार्थी जीवन से निस्वार्थ भाव से समर्थित था, इस लिए लिख दिया। मुझे कोई सरकारी वकील भी नहीं बनना था। इनका समर्थन सत्येंद्र सिंह ने करते हुए लिखा कि बिलकुल सही कहा आपने भाई साहब, वही आज झेल रहे हैं, और परेषान हो रहे। वरुण पांडेय लिखते हैं, कि योगीजी ईमानदार है, इसमें कोई दो राय नहीं, लेकिन इनकी कार्य शेली भाजपा की मटियामेट कर रही है। एक व्यक्ति ने लिखा कि प्रदेश की जनता भाजपा सरकार के खिलाफ रोश में है। योगीजी सारे कार्यकर्त्ता, विधायक, सांसद और मंत्री सब चोर लगते हैं, इसी का फायदा अधिकारी उठा रहे है। योगीजी ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को इतना जबदस्त बढ़ावा दिया है, कि यह भाजपा को निगल जाएगा। प्रदीप सिंह लिखते हैं, कि सिर्फ एमपी नहीं बन पाए तो क्या उनका दायित्व नहीं बनता कि उसके बाद भी वह जनता के साथ खड़े रहते। हरीषजी सरकार तो भाजपा की है। लोग कहते हैं, कि आप नेशनल लीडर भी है। एक वर्ग ऐसा भी जो यह कह रहा है, कि अधिकारी तो पिछले कई सालों से बेलगाम है। भाजपा के विधायक से लेकर सहयोगी दल के मंत्री तक खुले आम चिल्ला रहे हैं, कि योगीजी के अधिकारी बेलगाम हो चुके हैं, क्या इनकी बात मोदी और योगी तक नहीं पहुंचती होगी?
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