आधा भोजन हम करते, आधे से डाक्टरों का पेट भरते
- Posted By: Tejyug News LIVE
- राज्य
- Updated: 5 July, 2025 21:24
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आधा भोजन हम करते, आधे से डाक्टरों का पेट भरते
बस्ती। कुछ लोग इसलिए बीमार रहते हैं कि उन्हें पूरा भोजन नहीं मिलता, और कुछ लोग इसलिए बीमार रहते हैं कि उन्हें ज्यादा भोजन मिल जाता है। कुछ लोग भूख से मरते हैं, कुछ लोग भोजन से मरते हैं, भोजन से मरने वालों की संख्या भूख से मरने वालों की संख्या से हमेशा ज्यादा रही है। भूख से मरने वाले बहुत कम लोग हैं। एक आदमी भूखा भी रहना चाहे तो कम से कम तीन महीने तक उसके मरने की बहुत कम संभावना है। तीन महीने तक तो कोई भी आदमी भूखा रह सकता है। लेकिन एक आदमी अगर तीन महीने तक अति भोजन करे, तो कोई हालत में जिंदा नहीं रह सकता है।
लेकिन कुछ ऐसे लोग हुए हैं कि जिनका खयाल ही हमें हैरानी से भर देता है। नीरो नामक एक बहुत बड़ा बादशाह था, उसने दो डॉक्टर लगा रखे थे कि वह भोजन करने के बाद उसे वॉमिट करवा दें, उसे उल्टी करवा दें, ताकि दिन में वह कम से कम पंद्रह-बीस बार भोजन करने का आनंद ले सके। वह खाना खाता, फिर दवा देकर उसे उलटी करवा दी जाती, ताकि वह फिर से भोजन का आनंद ले सके! हम भी क्या कर रहे हैं? उसने डॉक्टर घर रख छोड़े थे, क्यों कि वह बादशाह था। हमने पड़ोस में बसा रखे हैं, हम बादशाह नहीं हैं। वह रोज उलटी करवा लेता था, हम दो-चार महीने में करवाते हैं। लेकिन हम करवाते क्या हैं? हम गलत खाकर इकट्ठा कर लेते हैं, फिर डॉक्टर उसको साफ करता है। फिर हम गलत खाना शुरू कर देते हैं। वह होशियार आदमी था, उसने रोज ही व्यवस्था कर ली थी। हम दो-तीन महीने में करते हैं। अगर हम भी बादशाह होते तो हम भी ऐसा ही करते। यह हमारी मजबूरी है, हमारे पास इतनी सुविधा नहीं है, तो हम इतना नहीं कर पाते। यह जो हमारी असम्यक दृष्टि है भोजन के प्रति, यह भारी पड़ती चली जा रही है। यह बहुत महंगी पड़ती चली जा रही है। यह उस जगह हमको पहुंचा दिए है, जहां कि हम किसी तरह जिंदा हैं। भोजन हमारा हमें स्वास्थ्य लाता हुआ नहीं मालूम पड़ता, बल्कि भोजन बीमारी लाता हुआ मालूम पड़ता है। जब भोजन बीमारी लाने लगे तो आश्चर्य की घटना शुरू हो गई। यह वैसे ही है कि सूरज सुबह निकले और अंधकार हो जाए। यह उतनी ही आकस्मिक और आश्चर्यजनक घटना है। लेकिन दुनिया के सारे चिकित्सकों का मत यह है कि आदमी की अधिकतम बीमारियां उसके गलत भोजन की बीमारियां हैं।
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