जरा सा भी भ्रष्टाचार कम नहीं कर पा रहें योगीजी!

जरा सा भी भ्रष्टाचार कम नहीं कर पा रहें योगीजी!

जरा सा भी भ्रष्टाचार कम नहीं कर पा रहें योगीजी!

-आखिर विकास खंड बनकटी के ग्राम सजहरा के बुजुर्ग गुरुजी रामकेवल को कब मिलेगा जन्म प्रमाण-पत्र?

बनकटी-बस्ती। भगवान राम के कुल गुरु महर्षि वशिष्ठ की तपोभूमि पर साधु-संतों की डबल इंजन की सरकार स्लोगन के आधार पर तो बन कर बिगड़ भी गई। लेकिन भ्रष्टाचार खत्म नहीं हुआ। जिनका स्लोगन आज भी लोगों की जबान पर रचा-बसा हैं। गुंडाराज न भ्रष्टाचार अबकी बार भाजपा सरकार! लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। योगीजी ने तो अपने दम-खम पर गुंडा राज तो समाप्त कर दिया है। बड़े-बड़े सुरमा एवं अपराधी जेल की हवा खा रहे हैं। लेकिन भ्रष्टाचार को समाप्त करने की बात कौन कहे जरा सा भी कम नहीं कर पा रहे हैं। जिसका आरोप अब लोग मुखिया पर ही लगाने लगे हैं। जो चरम सीमा पार करते हुए दिन दूना- रात चौगुना बढ़ता ही जा ही जा रहा है। हर अधिकारियों के रग- रग में भ्रष्टाचार व्याप्त है। जिसके जिम्मेदार स्थानीय जनप्रतिनिधि है। जो पहले किसी पार्टी में शामिल रहे और आज भाजपा का मुखौटा पहनकर स्लोगन को तार- तार करते हुए पार्टी को बदनाम करने पर तुले हुए हैं। इनके कार्यकर्ताओं का एक भी नहीं सुना जा रहा है।ऐसा ही एक मामला  रिटायर्ड शिक्षक स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी के गांव सजहरा के मास्टर साहब राम केवल पुत्र स्व० राम नारायण का  सामने आया है। जिसका सर्व समाज सम्मान करता है। मास्टर साहब अपना जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए लगातार चार महीने से ब्लाक परिसर में चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन इनका सुनने वाला कोई नहीं है। पहले इनके सिक्रेटरी प्रदीप गुप्ता द्वारा यह कह गया कि अपने गांव के अपने से उम्रदराज पांच व्यक्तियो का आधार कार्ड ले आइए।यह प्रमाण एक प्रकार से आसमान से तारा तोड़ कर लाने के समान है। क्यों कि छायाचित्र में देखने से ही लग रहा है कि यह स्वयं कितने बुजुर्ग शिक्षक है।आज के परिवेश में शायद किसी गांव में ही  इनसे बुजुर्ग पांच व्यक्ति मिलें। इसके बाद ग्राम प्रधान से प्रमाणित करवाने की बात कही। ग्राम प्रधान द्वारा साक्ष्य के साथ प्रमाणित भी कर दिया गया। मौखिक तौर पर भी कई बार कहा। गांव के बुजुर्गों का साक्ष्य के तौर पर आधार कार्ड भी लगाया गया। क्षेत्र के सम्भ्रांत जनों से भी कहलवाया फिर भी आज तक मास्टर साहब का जन्म प्रमाणपत्र सचिव द्वारा जारी नहीं किया गया। जब थक-हार कर आग्रह के साथ अपना कागज वापस मांगने लगे जो उन्होंने पहले कहा आप ने कोई कागज ही नहीं दिया है तो कौन-सा कागज वापस कर दूं। बार-बार साथ में आ रहें सामाजिक कार्यकर्ता राम परित ने कहा साहब ऐसा क्यों बोल रहे हैं। सम्पूर्ण कागज गुरु जी ने मेरे सामने दिया है तो थोड़ा सा सकपकाए!  कहा आप का सब कागज एडीओ पंचायत के पास है आज आए नहीं है कल आकर ले लेना। इन सचिव साहब को यह नहीं मालूम कि हम भी किसी मास्टर साहब के पढ़ायें हुए छात्र है। जिनको अपने भारतीय संस्कृति में ईश्वर से भी बड़ा दर्जा प्राप्त हैं।

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