आखिर ‘क्यों’ रुधौली के ‘बीडीओ’ सचिव ‘रंजना चौधरी’ पर ‘मेहरबान’?

आखिर ‘क्यों’ रुधौली के ‘बीडीओ’ सचिव ‘रंजना चौधरी’ पर ‘मेहरबान’?

आखिर ‘क्यों’ रुधौली के ‘बीडीओ’ सचिव ‘रंजना चौधरी’ पर ‘मेहरबान’?

बस्ती। जिले के लोग जानना चाहते हैं, कि क्यों महिला सचिवों पर कभी बीडीओ तो कभी प्रमुखजी लोग मेहरबान रहते हैं, आखिर इन महिला सचिवों में ऐसी कौन सी बात होती है, जिसके चलते यह बीडीओ और प्रमुख के खास बन जातें? यह सवाल वे पुरुष सचिव भी उठा रहे हैं, जिनमें कार्य करने की क्षमता किसी महिला सचिव से कम नहीं होता, फिर भी यह किसी के खास नहीं बन पाते। प्रमुख और बीडीओ साहब लोग महिला सचिवों के इतने खास हो जाते हैं, कि इनके लिए किसी हद तक जा सकते हैं, अधिकारी से लड़ने तक को तैयार हो जाते, अगर किसी ने तआला कर दिया तो यह लोग बवाल मचा देते है। यह लोग तहिला सचिवों पर इतने मेहरबान होते हैं, कि इन्हें लाभ पहुंचाने के लिए एक साथ कई कलस्टर तक एलाट कर देते हैं, और वहीं पर पुरुष सचिव चाहे जितना क्षमता हो, उसे उतना तवज्जौ नहीं दिया जाता, जितना महिला सचिवों को दिया जाता। कुछ ऐसी महिला सचिव भी हैं, जो किसी का खास बनना नहीं चाहती, क्यों कि उन्हें अच्छी तरह मालूम हैं, कि खास बनने में क्या-क्या गवाना और नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसा ही एक और महिला सचिव का मामला सामने आया। इनका नाम रंजना चौधरी हैं, कहते हैं, कि इनके लिए बीडीओ साहब इनकी सारी गलती पर पर्दा डालने का मन बना लिया। रुधौली विकासखंड की ग्राम पंचायत आमबारी में मनरेगा भ्रष्टाचार अब चरम सीमा पर है। लेकिन बीडीओ साहब को कुछ दिखाई ही देता। महिला सचिव के चलते प्रधान की भी लाटरी निकल गई। सरकार बेरोजगारों को काम देने की बात करती है और यहां जिम्मेदार मनरेगा को अपनी निजी कमाई का एटीएम बना चुके हैं। फर्जी हाजिरी भरकर मजदूरों के नाम पर धन निकाला जा रहा है। एक ही फोटो दो ग्राम पंचायतों में अपलोड कर पैसा खींचा जा रहा है। ग्राउंड पर न काम दिखता है, न मजदूर, केवल कागजों में करोड़ों का विकास हो रहा। ताजा खुलासा आमबारी में कृष्ण चंद्र मिश्र की चक से पोखरा होते हुए सत्यराम के चक कार्य को दिखाने के लिए जो फोटो अपलोड की गई है, वही फोटो दूसरे गांव में भी उपयोग की जा चुकी है। इसी फर्जी फोटो से दो-दो जगह का भुगतान निपटा दिया गया, भ्रष्टाचारियों का खेल इतना बड़ा कि उन्हें यह भी ध्यान नहीं रहा कि एक दिन उनका फर्जीवाड़ा खुद ही सबूत बन जाएगा। दूसरी ओर पिपरा कला में निर्मला देवी की चक से नहर तक चक मार्ग को कागजों में पूरा दिखाकर धन निकाल लिया गया, जबकि मौके पर एक फावड़ा भी नहीं चला। सबसे दर्दनाक बात यह कि बेरोजगारों को काम नहीं मिलता, लेकिन फर्जी मस्टररोल पर हजारों की एंट्री रोज होती है। ग्रामवासी पूछ रहे हैं, क्यों मनरेगा में खुलेआम लूट हो रही है? आखिर सरकारी धन को लूटने वालों के खिलाफ कार्रवाई कब होगी? होगी भी या नहीं? गांव के लोग खुद वीडियो बनाकर सबूत दें रहें? लेकिन जिम्मेदार न जाने क्यों कन्नी काटे हुए है। प्रशासन की चुप्पी सवालों के घेरे में है। ग्रामीणों ने उच्चाधिकारियों से तत्काल जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।.

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