आखिर ‘कप्तानगंज’ पुलिस कब ‘पीड़ितों’ दर्द ‘समझेगी’?

आखिर ‘कप्तानगंज’ पुलिस कब ‘पीड़ितों’ दर्द ‘समझेगी’?

आखिर ‘कप्तानगंज’ पुलिस कब ‘पीड़ितों’ दर्द ‘समझेगी’?

बस्ती। जिस पुलिस के कंधों पर पीड़ितों का हमदर्द बनकर उनके दर्द को कम करने की जिम्मेदारी हैं, अगर वही पुलिस दर्द के बजाए पीड़ा देने लगे तो सवाल तो उठेगा ही। कहा भी जाता है, कि जिस दिन एसओ साहब लोग पीड़ितों के जख्मों पर मरहम रखना शुरु कर देगें, उस दिन कोई भी पीड़ित न तो एसपी और न डीआईजी के पास जाएगा। मीडिया को भी ऐसे पुलिस वालों का गुणगान करना और सोशल मीडिया पर उन्हें हीरो बनाना बंद करना होगा, आजकल अक्सर सोशल मीडिया पर रोज ही किसी न किसी एसओ का महिमा मंडन करते हुए पत्रकार देखे जा रहे हैं, जो पत्रकार पुलिस वालों के साथ फोटो खिंचवाकर शुरमा बनने का प्रयास कर रहे हैं, जनता ऐसे पत्रकारों को चाटुकार कहती है। अगर किसी पत्रकार को वाकई किसी पीड़ित की मदद करनी है, तो उसे सबसे पहले पुलिस से सवाल जबाव करना होगा, और पूछना होगा कि क्यों नहीं पीड़ित की मदद की गई, और क्यों आरोपियों का पक्ष लिया गया? पुलिस वालों के साथ पत्रकार को भी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करना होगा। किसी पत्रकार के लिए बड़ी बात यह नहीं हैं, कि उसे एसओ साहब थाने पर बुलाकर उनका स्वागत कर रहे हैं, बड़ी बात यह होगी कि अगर कोई वह पीड़ित जिसकी पत्रकार ने मदद की है, अगर वह घर पर बुलाकर गुड़ खिला देती है, तो वह सम्मान उस सम्मान से बड़ा होगा, जो सम्मान किसी पुलिस वाले ने किया।

इसी तरह का सवाल कप्तानगंज थाना क्षेत्र के ग्राम अवस्थीपुर (महुवारे) निवासिनी धनवन्ता देवी पत्नी हरिराम ने कप्तानगंज पुलिस पर उटाते हुए एसपी से मिली और कहा कि कप्तानगंज की पुलिस ने उसके बेटे पर धारदार हथियार से जानलेवा हमले के मामले में मुकदमें से आरोपी का नाम निकालने धाराओं का अल्पीकरण कर दिया। एसओ पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिना महिला पुलिस के घर में परिवार की महिलाओं को प्रताड़ित किया। मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग किया है। बता दें कि आठ अक्टूबर 2025 को अखिलेश मुलायम यादव, अजय ऊर्फ पिंटू जंगबहादुर पुत्र रामशंकर दो अज्ञात व्यक्तियों ने कथित तौर साजिश रचकर महिला के बेटे राम अवतार पर  जानलेवा हमला किया हमले के दौरान घायल राम अवतार को घायलावस्था में कैली मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत नाजुक बनी रही रामअवतार को लखनऊ रेफर किया गया अभियुक्तों के खिलाफ स्थानीय थाना पर धारा 109 .191 ( 3 ),324 (4), 61 (2), 351 (3) बी० एन० एस० मे मुकदमा दर्ज किया गया है धनवन्ता देवी ने आरोप लगाया है कि थानाध्यक्ष कप्तानगंज के दबाव में आकर विवेचक वीरेंद्र कुमार राय मुकदमें से आरोपी अभियुक्तों का नाम निकालने और धाराओं का अल्पीकरण करने की कोशिश कर रहे हैं। दो अभियुक्तों का नाम निकालने के लिए कप्तानगंज थानाध्यक्ष द्वारा उल्टे उनके बेटे के खिलाफ बयान कराया जा रहा है। धनवन्ता देवी अब पुलिस उप महानिरीक्षक से न्याय की गुहार लगाते हुए थानाध्यक्ष कप्तानगंज से मुकदमें को स्थानांतरित करके जिले में किसी अन्य थाना या क्राइम ब्रांच को सौंपने की मांग की है।

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