खेत को चकमार्ग बनाकर बना दिया, कर लिया लाखों का बंदरबांट
- Posted By: Tejyug News LIVE
- उत्तर प्रदेश
- Updated: 22 December, 2024 16:45
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खेत को चकमार्ग बनाकर बना दिया, कर लिया लाखों का बंदरबांट
-बीडीओ साहब कार्यालय छोड़ क्षेत्र में जाना नहीं चाहते, कमेरे में बैठकर भुगतान कर दे रहें
-बीडीओ साहब ना तो साइट पा जाते और ना मीडिया की खबरों को संज्ञान में लेते, आखिर सुधार हो तो कैसे हो
-क्या बीडीओ साहब फर्जी भुगतान लेने वाले जिम्मेदार रोजगार सेवक, तकनीकी सहायक,ग्राम विकास अधिकारी प्रधान के खिलाफ कार्रवाई कर पाएगें, रिकवरी करा पाएगें
बस्ती। विकास खंड रुधौली के ग्राम पंचायत छतरिया में देश की आजादी के बाद अभी भी कई जगहों पर चकरोड तक का निर्माण भी नहीं हुआ, जबकि हर साल विकास के नाम पर भारी धनराषि खर्च किए जा रहे हैं, विकास के नाम पर बजट का बंदरबांट हो जा रहा है, कागजों में तो विकास है, लेकिन पर नही। मीडिया टीम के पड़ताल में ग्रामीणों ने कैमरे के सामने बताया कि उदयभान के खेत से अयोध्या के खेत तक चक मार्ग का कार्य सिर्फ कागजों में होकर रह गया इसके पहले भी इस कार्य योजना का नाम बदलकर भुगतान लिया गया लगभग दो लाख रुपए से ऊपर का भुगतान लेने में रोजगार सेवक, ग्राम प्रधान, तकनीकी सहायक, ग्राम विकास अधिकारी समेत खंड विकास अधिकारी की विशेष भूमिका नजर आ रही है। इसके पहले भी इस ग्राम पंचायत में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर खबरें प्रकाशित की जा रही थी लेकिन जिम्मेदार अपनी कान को बंद करके इस कदर कुंभकरणीय सो रहे थे कि जैसे उनका कोई परवाह ही नहीं। इसके अलावा एक और कार्य योजना मोहम्मद उमर के खेत से मगरे के खेत तक चक मार्ग का कार्य कागजों में चलकर सिमट गया आज भी वहां पर मेड़ ही रह गया है।वहां पर भी लगभग 1 लाख रुपए का भुगतान फर्जी तरीके से करवा लिया गया। जबकि तीसरे कार्य योजना सोहरता देवी के खेत से छतरिया सरहद तक चक मार्ग के नाम पर लगभग साढ़े तीन लाख रुपए घास छिलवाकर करा लिया गया।
स्थानीय लोगों ने बताया कि वर्ष 1969 मैं चकबंदी के बाद से कई जगहों पर कई प्रधानों ने फर्जी तरीके से भुगतान लेकर सरकारी धन का बंदरबांट कर लिया है। अभी कुछ ही वर्ष पूर्व रुधौली विकासखंड के कई ग्राम पंचायत में फर्जी कार्य योजना दिखाकर भुगतान लेने के संबंध में तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी,तकनीकी सहायक, ग्राम प्रधान,रोजगार सेवक समेत अन्य लोगों पर सरकारी धन का दुरुपयोग करने के मामले में मुकदमा पंजीकृत कर नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया व रिकवरी हेतु न्यायालय से आदेश भी दे दिया गया था उसके बाद भी जिम्मेदार खंड विकास अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी, तकनीकी सहायक,रोजगार सेवक, ग्रामप्रधान, को तनिक भी भय नहीं है। जब पूरे मामले की जानकारी खंड विकास अधिकारी को दी गई तो उन्होंने बताया कि मामले की जांच करवा कर हम आपको बताएंगे और उचित कार्रवाई भी करवाएंगे। इसी विकासखंड रुधौली में भ्रष्टाचार से आजिज होकर एक ग्राम प्रधान ने अपनी प्रधानी छोड़ने तक की बात कही थी, क्योंकि जहां एक तरफ कार्य योजना के पहले लगभग 28 से 30 फीसद बखरा देना पड़ता है। यदि भ्रष्टाचार की खबरें प्रकाशित होती है तो यही ब्लॉक मुख्यालय के अधिकारी जांच के नाम पर दोबारा धन वसूली करते हैं जिससे ग्राम प्रधान पूरी तरीके से टूट जाता है। अभी कुछ ही दिन पूर्व सोशल मीडिया पर व्हाट्सएप ग्रुप में एक जनप्रतिनिधि ने यूट्यूबर पत्रकार पर तंज कसते हुए कहा था कि यदि बेरोजगार है तो आप यूट्यूब चैनल का पत्रकार बन अपने परिवार का जीवन यापन कर सकते हैं और निरीह प्रधान से एक सौ रुपए से पांच सौ रुपए लेकर उसको सता सकते हैं। साथ ही साथ यह भी बताया कि किसी पत्रकार को पुलिस, प्रशासन व अन्य विभाग के खिलाफ लिखने की हिम्मत न होने की बात कही थी। प्रधान महेंद्र सिंह ने बताया कि यदि जमीनी स्तर पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के तहत कार्य करवाना है तो सबसे पहले कमीशनखोरी बंद होनी चाहिए। मजदूरी बढ़ानी होगी।
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