विधायकजी जनता पूछ रही कहां खर्च किया दस करोड़?
- Posted By: Tejyug News LIVE
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- Updated: 22 May, 2025 07:57
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विधायकजी जनता पूछ रही कहां खर्च किया दस करोड़?
-क्यों नहीं द्वापा क्षेत्र का विकास किया? क्यों इस क्षेत्र को आपने उपेक्षित की श्रेणी में डाल रखा
-विधायकजी केवल मिलने जुलने और फोटो खिचवाने से विकास नहीं होगा, विकास द्वापा क्षेत्र में महिला विधालय, इंजीनियरिगं कालेज खोलवाने से होगा
-बिजली की समस्या, छुटटा पशुओं से हो रहे फसलों का नुकसान को बचाने और आवागमन की सुविधा सुलभ कराने से विकास होगा
-विधायकजी जरा अपने निधियों के निर्माण कार्यो की गुणवत्ता पर भी नजर डालिए, आपके ठेकेदार भाई लोग घटिया निर्माण कर आपकी इज्जत को पलीता लगा रहें
-विधायकजी 100-100 मीटर का इंटरलाकिगं बिछा कर कौन सा विकास कार्य करना चाहते, यह कार्य तो ग्राम पंचायतें और क्षेत्र पंचायत भी कर रही
-अभी तक आपने गेट और इंटरलाकिगं के आलावा निधि से सड़क, पुल, बारात घर जैसे जनउपयोगी कार्य क्यों नहीं करवाया
बस्ती। बार-बार कहा जा रहा है, कि जब तक सांसद और विधायक, निधियों को बेचना बंद करेगें और उसका सही उपयोग नहीं करेगें, तब तक उन पर और उनके निधियों की उपयोगिता पर सवाल उठते रहेंगें, अगर किसी सांसद/विधायक को जनता के सवालों से बचना है, तो उन्हें निधियों को पूरी तरह जनउपयोगी बनाना होगा, निधियों को ठेकेदार उपयोगी बनाने से परहेज करना होगा, तभी आपकी छवि जतना में बनेगी और तब आप को कोई निधि विक्रेता नहीं कहेगा। जनता का पैसा जब तक जनता के विकास पर खर्च नहीं होगा, तब तक दुरुपयोग होता रहेगा, जनता के बीच जाकर और चौपाल लगाकर क्षेत्र के विकास की रुपरेखा बनानी होगी, जनता की सहमति पर ही कार्य कराने होगें। बिडंबना तो देखिए कि जनता का पैसा और जनता से ही नहीं पूछा जाता, पूछा ठेकेदारों से जाता है। आज जो माननीयों को चुनाव में जाने से इतना डर लगता है, उसका सबसे बड़ा कारण निधियों का दुरुपयोग करना रहा। अगर इसी निधि को जनता से पूछकर और जनउपयोगी के रुप में खर्च किया जाए तो न तो कोई सांसद और न कोई विधायक ही कभी हारेगा, भले ही भितरघाती चाहें जितना जोर लगा लें, लेकिन जीतने से कोई रोक नहीं सकता। क्यों कि जनता उसके साथ जो खड़ी रहेगी। आज तक एक भी सांसद और विधायक ने जनता के बीच में जाकर अपनी रिपोर्ट कार्ड को नहीं रखा। यह कहने से तब तक काम नहीं चलेगा कि हमने सबसे अधिक विकास किया, जब तक जनता के बीच रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत नहीं करेगें। इस मामले में एक भी सांसद और एक भी विधायक ने पारदर्षिता और ईमानदारी का परिचय नहीं दिया। रामनगर के प्रमुख ने इस परम्परा को तो शुरु किया, लेकिन वह भी कायम नहीं रख सके, कारण जो भी रहा हो। लेकिन पहल अच्छा रहा। रामनगर प्रमुख के इस अच्छे पहल को किसी अन्य प्रमुख ने समर्थन नहीं किया। अगर किया होता तो वह भी परम्परा को आगे बढ़ाते। बहरहाल, अच्छे काम के लिए अच्छा बनना बहुत ही जरुरी हैं, अच्छे कामों की उम्मीद उसी नेता से की जा सकती है, जो ईमानदार और जनता के बीच में लोकप्रिय होता है, आप उस नेता से कभी भी अच्छे की उम्मीद नहीं कर सकते, जो निधियों को बेचने में विष्वास रखते है। जीत इसी लिए कठिन होती जा रही है।
हम बात कह रहे हैं, जिले के सबसे पिछले विधानसभा क्षेत्र महादेवा के विधायक दूधराम की। यह मिलनसार हैं, जनता के बीच में 112 की तरह उपलब्ध रहते है। लेकिन निधि का उपयोग करने में इन्हें एक कुशल राजनीतिज्ञ नहीं माना जाता है। इनके आसपास इतने सारे नामी गिरामी ठेकेदार रहते हैं, कि यह उन्हीं लोगों के बीच में घिर कर रह जाते है। अधिकारियों से किस तरह काम करवाया जाता है, इन्हें ठीक से नहीं मालूम, इनके सरल होने से क्या फायदा जब यह एक भ्रष्ट सचिव का तबादला तक नहीं करवा सकते। इनके क्षेत्र की जनता इनसे पूछ रही है, कि विधायकजी क्यों नहीं द्वापा क्षेत्र का विकास किया? क्यों इस क्षेत्र को आपने उपेक्षित की श्रेणी में डाल रखा है। कहते हैं, कि विधायकजी केवल मिलने जुलने और फोटो खिचवाने से विकास नहीं होगा, जब तक द्वापा क्षेत्र में महिला विधालय, इंजीनियरिगं कालेज नहीं खोलवाएगें। बिजली की समस्या, छुटटा पशुओं से हो रहे फसलों का नुकसान को बचाने और आवागमन की सुविधा सुलभ कराने से विकास होगा। विधायकजी जरा अपने निधियों के निर्माण कार्यो की गुणवत्ता पर भी नजर डालिए, आपके ठेकेदार भाई लोग घटिया निर्माण कर आपकी इज्जत को पलीता लगा रहें। विधायकजी 100-100 मीटर का इंटरलाकिगं बिछा कर कौन सा आप विकास का मानक तय करना चाहते है। विधायकजी यह कार्य तो ग्राम पंचायतें और क्षेत्र पंचायत भी कर रही, क्यों आप प्रधानों वाला कार्य कर रहे हैं, क्यों आपने गेट और इंटरलाकिगं के आलावा निधि से सड़क, पुल, बारात घर जैसे जनउपयोगी कार्य करवाया? विधायकजी अगर आप जनता की कसौटी पर खरा उतरना चाहते हैं, तो रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत करना होगा, जनता को बताना होगा कि हमने यह-यह कार्य किए, क्यों कि आपके अधिकतर कार्यो पर सीआईबी ही नहीं लगा रहता? विधायकजी विधानसभा और निधियों को ठेकेदारों के हवाले करने से बचिए, क्यों कि यह ठेकेदार किसी भी एक नेता के हाकर नहीं रहते, इनका जिस नेता से फायदा होगा, उसी के पीछे चलते रहते है। विधायकजी अगर आपको किसी ठेकेदार को आजमाना हो तो उसे काम देना बंद कर दीजिए, यकीन मानिए, जैसे ही आपने काम देना बंद किया, वैसे ही यह आपका पक्का दुष्मन हो जाएगें, यकीन न हो तो आजमाकर देख लीजिए। आज जिले के जितने भी नेता हाशिए पर हैं, मानिए या न मानिए उसका श्रेय ठेकेदारों को ही जाता है। विधायकजी आप व्यापारी नहीं हैं, जनप्रतिनिधि हैं, लेकिन ठेकेदार तो एक व्यापारी होता है। जिले का इतिहास गवाह है, कि नेताओं ने उतनी तरक्की नहीं की, जितना उनके साथ के ठेकेदारों ने की। इन्हें पाला बदलते देर नहीं लगता, कभी यह हाथी पर सवारी करने वालों के हो जाते हैं, तो कभी साइकिल कर सवारी करने वालों के पीछे हो लेते है। विधायकजी पूर्व विधायक ने पांच-पांच सड़के और पुल दिए, आप भी कुछ करिए। जिस विकास का सपना दिखाकर आप जीते हैं, उसे तो पूरा करिए, हलुवापार से गौराघाट मार्ग जिसे लाइफ लाइन भी कहा जाता है, इसे तो अपनी निधि से ठीक करवा दीजिए। करीब पचास हजार की आबादी के स्वास्थ्य का जिम्मा पाल्हा अस्पताल लिए हुए हैं, उसका भी कभी खोजखबर ले लिया करिए। माझ़ा क्षेत्र की जनता बाढ़ से हर साल प्रभावित होती है, यहां पर एक दो बाढ़ शरणालय तो बनवा दीजिए। विधायकजी द्वापा क्षेत्र के एक लाल को शहीद हुए 40 साल हो गए, सेना के शोर्य चक्र से सम्मानित हुएत्र कम से कम इनके सम्मान में एक गेट तो बनवा दीजिए।
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