विपक्ष के सांसद और विधायकों की सीमा बेडरुम तक -अत्याचार और व्यापक भ्रष्टाचार के विरुद्व आवाज उठाकर जनता के हीरो बन गए सत्ता पार्टी के आशीष शुक्ला

विपक्ष के सांसद और विधायकों की सीमा बेडरुम तक -अत्याचार और व्यापक भ्रष्टाचार के विरुद्व आवाज उठाकर जनता के हीरो बन गए सत्ता पार्टी के आशीष शुक्ला

विपक्ष के सांसद और विधायकों की सीमा बेडरुम तक -अत्याचार और व्यापक भ्रष्टाचार के विरुद्व आवाज उठाकर जनता के हीरो बन गए सत्ता पार्टी के आशीष शुक्ला

-भाजपा के नेता हिंदू और मुस्लिम का राग ही अलाप सकते, एक सिपाही तक तबादला नहीं करा सकते

-डीएम और एसपी के चलते जगंल राज, अधिकारी लक्जरी जीवन में मस्त, डीएम साहब की कार्यषैली से विभाग के अधिकारी भ्रष्ट हो चुके

-अधिकारी शिकायतों को नजरअंदाज करते, ऐसा लगता मानो उन्हें इसके लिए कुछ मिल रहा होगा

बस्ती। एक व्यक्ति ने भ्रष्टाचार और अत्याचार के विरुद्व आवाज क्या उठाया जनता उसके साथ उठ खड़ी हुई। सालों बाद किसी ने राजनीति से उपर उठकर जनता की आवाज को जन-जन तक पहुंचाने के लिए आमरण अनशन का सहारा लिया। जिस व्यक्ति ने यह बीड़ा उठाया, भले ही वह भाजपा से जुड़े है, लेकिन आज वह जनता के हीरो बन चुके है। हर कोई उनके इस मुहिम का हिस्सा बनता चाहता है। जो लोग इस आंदोलन को राजनीति के लाभ से जोड़ रहे हैं, उन्हें भी इस मुहिम का हिस्सा बनना चाहिए। अगर भाजपा के आशीष शुक्ल ने भ्रष्टाचार और अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाया तो उन्हें सभी का समर्थन मिलना चाहिए, क्यों कि यह लड़ाई किसी एक विशेष वर्ग सा फिर किसी एक भ्रष्टाचारी के खिलाफ नहीं लड़ी जा रही है, बल्कि उस दूषित व्यवस्था के खिलाफ लड़ी जा रही है, जिसके शिकार हर वर्ग का व्यक्ति हो सकता है। मीडिया भाईयों को भी इस आंदोलन को धार देने में अपने कलम के धार को तेज करना चाहिए। एक आम धारणा बन चुकी है, कि कुछ नहीं होगा, क्यों कि भ्रष्टाचार की जड़े इतनी गहरी हो गई हैं, कि इस पाटना किसी एक आशीष की नहीं बल्कि सैकड़ों आशीष की आवष्यकता पड़ेगी। बहरहाल, इस आंदोलन की आंच धीरे-धीरे गांव गढ़ी तक पहुंचने लगी है। सत्ता और विपक्ष के नेताओं तक यह आंच कब पहुंचेगी यह देखने वाली बात होगी, वैसे वह लोग भी धीरे-धीरे मंच पर आने लगे है, भले ही चाहें कुछ ही मिनट के लिए क्यों न सही आने तो लगें है। खासबात यह है, कि कुछ भ्रष्टाचारी भी नजर आने लगे है।

भ्रष्टाचार के खिलाफ निरंतर अपने तरीके से आवाज उठाने वाले नरेंद्रनाथ उपाध्याय लिखते हैं, कि सबसे अधिक चिंता की बात यह है, कि जिस जिले की जनता ने विपक्ष के चार विधायक और एक सांसद को जीताया, वह बेडरुम तक ही सिमटकर रह गए। जनता की आवाज नहीं बन पा रहे है। लेकिन अत्याचार और भ्रष्टाचार के खिलाफ      आवाज उठाकर सत्ता पार्टी के शुक्लजी जनता के हीरो बन गएं है। जनता को आगे बढ़कर इनके साथ खड़ा होना चाहिए। लिखते हैं, कि प्रशासन आंकठ भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है। सुनील शुक्ल कहते हैं, कि भाजपा के नेता हिंदू और मुस्लिम ही कर सकते हैं, बाकी एक सिपाही का तबादला तक नहीं करवा सकते, अपने मंत्रियों का स्वागत करेगें और राष्ट पर चर्चा करेगे। रमाकांत मित्र कहते हैं, कि डीएम और एसपी की घोर लापरवाही से जनतद में जंगलराज कायम हुआ। अधिकारी लक्जरी जीवन में मस्त है। जनता शिकायत करती रह जाती है, यह तब संज्ञान में लेते हैं, जब हत्या हो जाती है। डीएम साहब के कार्यशेली से जनपद में सारे विभाग भ्रष्ट हो चुके है। शिकायतों को नजअंदाज करते रहते है। साहब किसी दोषी के खिलाफ कार्रवाई ही नहीं करते। लगता है, कि साहबों को कुछ मिल जा रहा है। दोषी अधिरियों की बचाव करते रहते है। हरि ओम प्रकाश लिखते हैं, कि राजस्व विभाग की लापरवाही के चलते समय पर पैमाईश न करना और लोगों से पैसा लेकर ही काम करना, हत्या जैसी घटना का कारण बनता जा रहा है। कहते हैं, कि अगर राजस्व विभाग पर नकेल कर दी जाए तो बहुत से समाधान हो जाएगें। लंबे समय ये एक ही स्थान पर लेखपालें के जमे रहने से भी समस्या आ रही है। अमित श्रीवास्तव लिखते हैं, कि यह बस्ती के सत्ताधारी और पूर्व सभी नेताओं के गाल पर एक तमाचा है। जब देश पर कोई आंच आती है, तो सर्वदलीय बैठक होता हैं, आत बस्ती के हर तरफ जिधर भी निगाह दौेड़ाइए उधर कोई न कोई वारदात, कोई बलात्कार, कोई हत्या जैसी घटनाएं आए दिन हो रही है। लेकिन किसी नेता पक्ष या विपक्ष को कोई चिंता नहीं, सब लोग मशगूल हैं, किसी का जन्म दिन विश कर रहे हैं, तो किसी के बारात का अगुवानी कर रहे है। विशाल दूबे कहते हैं, कि सभी पीड़ितों और नागरिकों से अपील हैं, कि इस झरने में आशीष भैया का साथ दें। नगर थाना क्षेत्र के खुटहन गांव में दो सगे भाईयों की करंट से मौत, पैकोलिया थाना क्षेत्र के जीतीपुर गांव में बालिका की हत्या, लालगंज थाना क्षेत्र में मासूम दलित बालिका से दुराचार, बस्ती शहर के मालवीय रोड पर जमीनी विवाद, कोतवाली थाना क्षेत्र के कटेश्वर पार्क में बालिका के साथ दुराचार, उभाई मंें युवक की हत्या मामले में सीबीसी प्रेेरक मिश्रा की रिपोर्ट को सार्वजनिक कर दोषी पुलिस कर्मियों के विरूद्ध कार्रवाई  किये जाने आदि मांगों को लेकर आशीष शुक्ल ‘सैनिक’ आमरण अनशन पर हैं।


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