दुनिया जानती कि विधायक अजयसिंह कमीशन लेते!
- Posted By: Tejyug News LIVE
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- Updated: 6 May, 2025 21:55
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दुनिया जानती कि विधायक अजयसिंह कमीशन लेते!
-विधायकजी सरजू की कसम खाइए कि आप ने हमसे अपने आवास पर कमीशन का 20 लाख नहीं लिया, हर्रैया में बिना कमीषन के कोई काम नहीं होता
-जो ठेकेदार कमीशन नहीं देता उसके खिलाफ आप एफआईआर दर्ज करवा देते, कसियापुर के भूलिंदर सिंह के खिलाफ इस लिए फर्जी एफआईआर, कि कमीशन नहीं मिला, इंद्रास सिंह के खिलाफ इस लिए मुकदमा लिखवा दिया, क्यों कि उन्होंने टेडर डाल दिया था
-विधायकजी जिस सांसद ने आपको विधायक बनाया, उसी को हरवा दिया, 2016 के चुनाव में हमने अपने पास दो लाख लगाया, लेकिन आज तक आपने पैसा वापस नहीं किया
-विधायकजी आप की जिंदगीभर गुलामी करुंगा, अगर आप सरजू की कसम खाकर कहें, कि कमीशन नहीं लेता
-विधायकजी मोतियाबिंद हमको नहीं बल्कि आप को हुआ, आप पांच-दस नहीं बल्कि 15 फीसद कमीशन लेते
बस्ती। भाजपा के सुनील सिंह ने भाजपा के विधायक अजय सिंह को ऐसा करारा जबाव दिया, जिसे दुनिया देखती रह गई। सुनील सिंह ने यह जबाव उन आरोपों को लेकर दिया, जिसे विधायकजी ने सोशल मीडिया के जरिए एक दिन पहले लगाया था। इन्होंने विधायकजी को चैलेंज किया कि मैं आपका जिंदगीभर तक गुलामी करुंगा अगर आप सरजूजी की कसम खा लें कि आपने अपने आवास पर हमसे कमीषन का 20 लाख नहीं लिया। कहते हैं, कि अनेक ठेकेदारों का उनके पास रिकार्डिगं हैं, जिसमें यह कहा गया, कि जो ठेकेदार कमीषन नहीं देता, उसके खिलाफ आप फर्जी मुकदमा लिखवा देतें है। उदाहरण के तौर पर कसियापुर के भूलिंदर सिंह और इंद्रास सिंह नामक ठेकेदार का भी नाम लिया। कहा कि इ्रद्रास सिंह के खिलाफ इस लिए मुकदमा दर्ज करवाया, क्यों कि उन्होंने टेंडर डाल दिया। कहा कि विधायकजी अब हर काम में टेंडर पड़ेगा। लिखलाइए जितना मुकदमा लिखवाना हो।
पिछले दो दिन से जिस तरह सोषल मीडिया पर एक दूसरे की पोल खोली जा रही है, उसे देख और सुन सभी चकित है। इसे देखते हुए उन लोगों के कान इस लिए खड़े हो गए हैं, जिनका विधायकजी से लेन-देन का संबध है। यह लोग इस लिए किनारा कसने लगें हैं, कि पता नहीं कब उनकी भी पोल विधायकजी खोल दें। अगर विधायकजी और सुनील सिंह के आरोपों में दम हैं, तो यह भूचाल लाने जैसा है। यहां पर सुनील सिंह की कम और विधायकजी और उनकी पार्टी की बदनामी अधिक हो रही है। क्षेत्र के जानकार लोगों का कहना है, कि जब संबध अच्छे होते हैं, तो कुछ ऐसे कार्य भी हो जाते हैं, जिसे गलत कहा जाता, इसका मतलब यह नहीं कि किसी के परिवार की इज्जत को इस तरह उछाला जाए। भले ही चाहें विधायकजी ने सुनील सिंह के परिवार की मदद की हो, लेकिन उन्हेे इस तरह सार्वजनिक नहीं करना चाहिए था, इसे एक अच्छे नेता की निषानी नहीं माना जाता। इससे नेता अपना जनाधार तो खोता ही है, साथ में अनेक विरोधी भी वह पैदा करता है। यही विरोधी चुनाव के समय हिसाब-किताब करने लगते है। यह सच 22 और 24 के चुनाव में देखा जा चुका है। कुल मिलाकर बदनामी तो भाजपा की ही हो रही है। सुनील सिंह का यह कहना कि जिस सांसद ने अजय सिंह को विधायक बनाया, उसी को हराने में इन्होंने जीजान लगा दिया, यह बात लखनउ से लेकर दिल्ली वालों को मालूम है। अब आप लोग समझ ही गए होगें कि जिले में भाजपा क्यों हारती जा रही है, और क्यों कमजोर होती जा रही? सुनील सिंह ने विधायक पर कटाक्ष करते हुए कहा कि विधायकजी कि मोतियाबिंद हमको नहीं बल्कि आपको हो गया। विधायकजी पर हमला बोलते हुए कहा कि आप गेट इस लिए बनवाते हैं, ताकि आप को सबसे अधिक कमीशन मिल सके। खास बात यह है, कि दोनों ने सोशल मीडिया के जरिए 6.50 मिनट तक अपनी भड़ास निकाली। मंदिर के मामले में भी विधायकजी पर आरोप लगाते हुए कहा कि छह लाख प्रधानों से वसूले, लेकिन कोई काम नहीं करवाया। जो सुनील सिंह कभी अजय सिंह के चुनाव का सारा काम यहां तक कि किसे पैसा देना है, किसे नहीं देना, करते थे, आज वही सुनील सिंह, विधायकजी की बघिया उघेड़ रहे है। कहते हैं, कि विधायकजी आपकी घुढ़कियों से सुनील सिंह डरने वाले नहीं हैं, कहा कि इसी सुनील सिंह ने आप को जीताने के लिए रात दिन एक कर दिया। सुनील सिंह ने अजय सिंह बनकर चुनाव जीताया। इस तरह की घटना के बाद एक चीज जो लोगों के समझ में आती है, वह हैं, अपने ही लोगों की बातचीत को रिकार्ड करना या गोपनीय तरीके से वीडियो बनाना रहा। विधायकजी और सुनील सिंह दोनों ने अपने-अपने आरोपों की मजबूती के लिए सरजू का सहारा लिया। दोनों ने सरजूजी की कसम खाने की बात कही। जब लोग गीता पर हाथ रखकर झूठ बोल सकते हैं, तो सरजूजी को धोखा देने में कितना समय लगेगा। पहले के लोग मां-बाप की कसम दिलवाते थे, लगता है, कि लोगों को मां-बाप पर से विष्वास उठ गया, इस लिए सरजू की कसम खाने को कहते है।
सांसद और अन्य विधायकों की भी खुली पोल
भाजपा नेता सुनील सिंह ने न सिर्फ विधायक अजय सिंह की ही पोल नहीं खोली बल्कि सांसद और विधायकों की भी खोली। इससे पता चलता है, जनता का जनप्रतिनिधि कितना चोर और बेईमान होता है। पहले तो यह सिर्फ निधि बेचते थे, लेकिन अब तो यह लोग लाखों में पैड भी बेचने लगे। कमीशनबाजी का आलम यह है, कि कमीशन के चलते सांसद निधि से बनने वाले इन डोर स्टेडिएम का छज्जा गिरने से एक मजदूर की मौत हो जाती है, फिर भी कार्यदाई संस्था सिडको को ब्लैक लिस्टेड नहीं किया गया और न किसी इंजीनियर्स के खिलाफ एफआईआर ही दर्ज करवाया गया। महादेवा विधानसभा क्षेत्र में विधायक निधि से पुलिया बनते ही ढ़ह जाती है, और विधायकजी यह कहते हैं, कि क्या हुआ ढ़ह फिर बन जाएगा। बार-बार सवाल उठ रहा है, सांसद और विधायक क्यों सिडको जैसी बदनाम कार्यदाई संस्था से निधि का काम करवाती, इस लिए करवाती, क्यों कि यह संस्था सबसे अधिक कमीशन देती है। सांसद और विधायक को इस बात से कोई मतलब नहीं कि उनकी निधि का कार्यदाई संस्था दुरुपयोग कर रही है, इन्हें सिर्फ अपने 20 फीसद कमीशन और अपने लोगों के द्वारा ठेका पटटी कराने सें रहता है। कहा भी जाता है, कि जो सांसद और विधायक अपनी निधि की सुरक्षा नहीं कर सकता, वह जिले के लोगों की सुरक्षा कैसे करेगा?
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