’मीरा कहें मैं तो हो गई बावरि लोक लाज सब त्यागी रे’
- Posted By: Tejyug News LIVE
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- Updated: 15 February, 2025 11:49
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’मीरा कहें मैं तो हो गई बावरि लोक लाज सब त्यागी रे’
बनकटी। बस्ती। विकास बनकटी क्षेत्र के अंतर्गत एक गांव है सूरापार जहां की महिला प्रधान मीरा देवी है। इनके द्वारा पहले से ही किया जा रहा भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। गांव के सम्भ्रांत जनों द्वारा एफिडेविट, आरटीआई लगा कर जांच-पड़ताल शुरू करवा दिया गया है।कई जांच में फर्जीवाडा सिद्ध हो भी चुका है।फिर भी अपने आदत में सुधार नहीं ला पा रही है। इनके द्वारा आन्वी कंट्रक्शन एंड सप्लायर निजी लाभ के लिए कागजों में बनाया गया था।जो निवर्तमान बीडीओ धनेश यादव द्वारा जांच में अनाधिकृत पाया गया। दूसरी घटना सरयू नहर को नाला एवं पटरी को बंधा दिखाकर लाखों रूपए का बंदरबाट कर लिया गया।जिसकी जांच पड़ताल अभी चल रहा है।जब शिकायतकर्ता ने आरटीआई के तहत कार्यालय अधिशासी अभियंता सरयू नहर खन्ड-4, बस्ती से सूचना मांगी तो उनके द्वारा लिखित सूचना दिया गया कि विगत पांच वर्षों से कोई भी अनापत्ति प्रमाणपत्र सूरापार ग्राम पंचायत के लिए निर्गत नहीं किया गया है।जिसकी अन्तिम जांच चल रही है।तीसरी घटना ग्राम ठुकठुईया से लेकर छतौरा,सूरापार में नाला खुदाई एवं बंधा निर्माण कार्य के भुगतान पर गांव निवासियो ने आरटीआई के तहत रिकार्ड मांगा गया तो तहसील प्रशासन द्वारा लिखित सूचना दिया गया कि राजस्व गांव सूरापार के खतौनी में नाला एवं बंधा नाम का कोई भूमि गाटा संख्या उपलब्ध नहीं है।उस पर भी लाखों का फर्जी भुगतान लिया गया है।अब आगे इन भ्रष्टाचारियो द्वारा फर्जी मजदूरों का 11 मस्टरोल में नाम दर्ज कर पिचरोड से मिन्नू के खेत तक चकरोट पटाई कार्य के साथ फर्जी नाम डालकर हाजिरी लगवाए जा रहे है। अधिकारी चोर-चोर मौसेरे भाई बनें हुए हैं। जांच-पड़ताल करने की जरूरत नहीं समझ रहे हैं। छाया चित्र में जो फोटो दिखाईं पड़ रहा है। वह मस्टरोल का झिराक्स है जिसमें वहीं चकरोट है जिसपर फर्जी काम चल रहा है।चकरोट के अगल-बगल एक तरफ गेहूं व एक तरफ सरसों की बुवाई चकरोट से सटाकर कर लिया गया है। जो सामने दिखाई पड़ रहा है।जिस पर लगातार फर्जी 85 मजदूर काम कर रहे हैं। मजदूरों को देखते ही पहचान गए होंगे कि यह मजदूर कितने परिश्रमी है।इन लोगों के साथ हाथ मे न कुदाल है न फावड़ा।ए सब खेलने- कूदने वाले नाबालिग बच्चे व विद्यार्थी मनरेगा मजदूर बनाए जा रहे हैं। मजे की बात तो यह है कि जिस ग्राम पंचायत में सचिव पवन पांडेय की तैनाती रहती है। वहां पर पवन बेग से ही फर्जी मस्टरोल निकाला जाता है।
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