जेल में चल रहा चाची और भतीजे का खेल

जेल में चल रहा चाची और भतीजे का खेल

जेल में चल रहा चाची और भतीजे का खेल

-जेल का सिपाही सचिन श्रीवास्तव, जेल अधीक्षक को अपना चाची बताकर कर रहा उल्टासीघा काम

-जेल के खाद्य सामानों की आपूर्ति से लेकर जमीन के क्रय विक्रय सहित अन्य कारोबार में लिप्त

-गोंडा में तैनाती के दौरान इन्होंने जेलर साहब का ही स्टिगं आपरेशन कर दिया था, जिसके चलते इसे निलंबित होना पड़ा

-मालवीय रोड स्थित वेडिगं बिला के पास इनके किराने की दुकान भी चलती, ड्यूटी छोड़ इन्हें अघिकतर लखनऊ में कारोबार के सिलिसिले में देखा जाता

-कैदियों से भारी रकम लेकर उन्हें अनैतिक सामान भी उपलब्ध कराने की शिकायत शपथ-पत्र के साथ मुख्यमंत्री से कटरा निवासी आंनद श्रीवास्तव ने करते हुए इनका तबादला दूर के जनपद में करने और जांच करने की मांग की

बस्ती। अगर कोई जेल का सिपाही अपने ही जेलर का आपत्तिजनक वीडियो बनाता है, तो यह समझ लेना चाहिए, कि वह सिपाही कुछ भी कर सकता है। ऐसा ही एक सिपाही बस्ती जेल में तैनात हैं, उनका नाम सचिन श्रीवास्तव। यह जेल अधीक्षक को अपनी चाची बताते है। कटरा निवासी आंनद श्रीवास्तव ने शपथ-पत्र के साथ इनकी शिकायत सीएम से करते हुए इनका तबादला दूर के जनपद में करने और इनकी गतिविधियों की जांच कराकर कठोर कार्रवाई करने की मांग की है। इनपर कैदियों से पैसा लेकर उन्हें अनैतिक सुविधा उपलब्ध कराने से लेकर जमीनों की खरीद फरोख्त करने तक का आरोप लगाया गया है। जेल में खाद्य सामाग्री की आपूर्ति करने वाले ठेकेदारों से जेल अधीक्षक चाची का रौब दिखाकर कमीशन लेने का भी आरोप लगा हैं, जिसके चलते कैदियों को गुणवत्ताविहीन और मात्रा से कम खाद्यान्न देने की शिकायतें होती रहती है। स्थानीय होने के कारण जेल अधिकारियों को प्रभाव में लेेकर मनचाहा ड्यूटी लगवा लेते है। इन्हें अक्सर कारोबार के सिलसिले में लखनउ में देखा जाता है। गोंडा जेल में तैनाती के दौरान वीडियो बनाते पकड़े जाने पर इन्हें सस्पेंड भी किया जा चुका है, फिर जुगाड़ लगाकर अपना तबादला गृह जनपद में बस्ती में न जाने किस आधार पर करवा लिया। इनके पिताश्री भी बस्ती जेल में तैनात रहे। इसके पहले भी इनकी कई शिकायतें हो चुकी है, लेकिन जेल मुख्यालय में पकड़ होने के नाते हर बार यह बच जाते हैं। जेल का कोई भी ठेकेदार जब तक सिपाही को मैनेज नहीं करेगा, तब तक वह कोई सामान आपूर्ति ही नहीं कर सकता है। एक तरह से सिपाही सचिन का जेल में राज चलता है। यह जब चाहे जिसे भी चाहे किसी भी कैदी को कोई भी सामान उपलब्ध करा सकते है। बस इन्हें उसकी कीमत मिलनी चाहिए। मालवीय रोड स्थित वेडिगं बिला के पास इनके किराने की दुकान भी चलती है। इनकी शिक्षा-दिक्षा बस्ती में ही हुई। कहा जाता है, कि ऐसे सिपाहियों के कारण ही जेल के भीतर आपत्तिजनक वस्तुएं पहुंचती रही हैं, जो जेल में किसी अनहोनी दुर्घटना का कारण भी बनता रहा। अब पहले जैसा न जेल रह गया और न पहले जैसे जेलर, अब तो हर जेल में परिंदा पर मार सकता है। जेल में नशीली पदार्थ और अन्य आपत्तिजनक वस्तुएं तक पहुंच रही है। कैदियों से मिलने वाले उनके परिवार तक से वसूली होती है। मना होने के बाद बाहर का खानपान का सामान अंदर जाने दिया जाता हैं, जिससे कभी भी कोई भी घटना घटित हो सकती है। पहले जैसे जेले अब विचाराधीन कैदियों के लिए सुरक्षित नहीं रह गई हैं, तभी तो जेल के भीतर हत्याएं तक हो जा रही है, और यह सबकुछ सचिन जैसे सिपाही के रहते संभव होता।

Comments

Leave A Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *