गढ़मुक्तेश्वर तहसीलदार ने गोरखनाथ मंदिरों की संपत्ति पर दर्ज किया भूमाफियाओ का नाम

गढ़मुक्तेश्वर तहसीलदार ने गोरखनाथ मंदिरों की संपत्ति पर दर्ज किया भूमाफियाओ का नाम

गढ़मुक्तेश्वर /हापुड़

 गढ़मुक्तेश्वर तहसीलदार ने गोरखनाथ मंदिरों की संपत्ति पर दर्ज किया भूमाफियाओ का नाम

 महंत राजेन्द्रनाथ ने हापुड़ डीएम अभिषेक पांडये से की शिकायत

कहा की अब तो हापुड़ डी एम अभिषेक पांडये पर भरोसा

गढ़मुक्तेश्वर : 4.9.1965, को महाराज चेतननाथ मोनी बाबा द्वारा मंदिर गोरखनाथ टिला के नाम खसरा संख्या 291 ग  रकबई 0.5200 है0 गढ़मुक्तेश्वर जनपद हापुड़ के नाम पर खरीदी थी! जिसके संरक्षक मोनी बाबा थे उनका एक शिष्य था जिसका नाम झटपटनाथ था मोनी बाबा { गौरखनाथ मंदिर केन महंत} की म्रत्यु  के बाद गौरखनाथ मंदिर के महंत व संरक्षक झटपटनाथ बने जिसे मनोज को फर्जी तरह से बैनामा कर दिया था

 जबकि मंदिर, ट्रस्ट , गुरुद्वारा आदि धार्मिक सामाजिक संपत्ति को  संरक्षक को  भूमि विक्रीय करने का अधिकार नहीं है! वह केवल उस संपत्ति को केवल देख रेख  कर सकता है! 

 संरक्षक को मंदिर की संपत्ति न बचने के अधिकार है। के आदेश का पालन करते हुवे तत्कालीन तहसीलदार भगत सिंह ने 15/3/2016. को मनोज का नाम काटकर वर्तमान  संरक्षक मंदिर गोरखनाथ टीला   महंत राजेंद्रनाथ के नाम चढा दिया था   

 रविप्रकाश, अनिल कुमार, ओमप्रकाश, जो हापुड़ के निवासी हैं  उनके प्रार्थना पत्र पर बगैर जानकारी किये मोटी रकम लेकर 15/3/2016 के आदेश को पूर्व तहसीलदार सीमा सिंह ने काटकर विपक्षीगण भूमाफिया का नाम दर्ज कर दिय था

 जब महंत राजेंद्रनाथ को यह जानकारी हुई प्रार्थी ने साबिक नंबर पर प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया तो हाल ही तहसीलदार राहुल सिंह गढ़मुक्तेश्वर ने विपक्षीगण से मोटी रकम लेकर साबिक नंबर पर प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया था

 मंदिर की संपत्ति होने की जानकारी के बाद भी तत्कालीन तहसीलदार सीमा सिंह व वर्तमान तहसीलदार ने द्वारा शासनादेश का उलंघन किया !

लोगों का मानना है कि जब-जब जिसने भी मंदिर की संपत्ति पर गलत निगाहें या कब्जा करने या करवाने की कोशिश की है उसकी बर्बादी हुई है! उसके बावजूद भी लोग मानने को तैयार नहीं है!

गढ़मुक्तेश्वर में जो गोरखनाथ मोनी बाबा का टीला है! जो 4/9/1965 मे महाराज चेतननाथ मोनी बाबा द्वारा मंदिर गोरखनाथ टीला कस्बा गढ़मुक्तेश्वर के नाम पर खरीदा गया था! जिसे एक संरक्षक झटपटनाथ ने मनोज को बैनामा कर दिया था जो मंदिर के महंत थे ! बड़ी मुश्किल के बाद दिनांक 15/3/2016 को मनोज का नाम काटकर संपत्ति मंदिर के नाम की गई थी ! पूर्व तहसीलदार सीमा सिंह ने रविप्रकाश, अनिल कुमार, ओमप्रकाश, जो कि हापुड़ के निवासी हैं ! 1/12/2023 को मंदिर का नाम काटकर विपक्षीगण के नाम दर्ज कर दी थी !  जब राजेंद्रनाथ महंत गोरखनाथ मंदिर को इस बात की जानकारी हुई तो राजेंद्रनाथ ने साबिक नंबर प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया हाल ही तहसीलदार राहुल सिंह गढ़मुक्तेश्वर ने विपक्षीगणों से साठ गाठ कर मोटी रकम लेकर साबिक नंबर प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया ।  उपरोक्त संपत्ति गोरखनाथ मंदिर मोनी बाबा का टीला संपत्ति होने की जानकारी के बाद भी तहसीलदार द्वारा गलत कार्य किया गया है ! भूमाफिया और अब विपक्षीगण तहसीलदार के फर्जी आदेश का फायदा उठाते हुए मंदिर की संपत्ति को बेकने की फिराक में लगे हुए हैं! यह संपत्ति आबादी में होने की वजह से इसकी कीमत लगभग कई करोड़ो रुपए में है ! ऐसी स्थिति में राजेंदरनाथ ने मजबूर होकर एसडीएम गढ़ के न्यायालय में अपील दाखिल की है!

इस विषय में जब एसडीएम गढ़मुक्तेश्वर से बात की गई तो उन्होंने कहां कि आप तहसीलदार राहुल सिंह से जानकारी लें ! जब तहसीलदार राहुल सिंह से विषय में जानकारी की गई तो तहसीलदार राहुल सिंह अपनी गलती मानने की वजह न्यायालय को कसूरवार ठहराते हुए नजर आए ! जब सवाल किया गया की न्यायालय में बेठता कौन हँ तो चुप्पी साधते नजर आये 

 और राजेंद्रनाथ  ने पूर्व तहसीलदार सीमा सिंह तथा हाल तहसीलदार राहुल सिंह गढ़मुक्तेश्वर के विरोध कठोर कार्रवाई की जाने की गुहार लगाई है! क्योंकि इनके द्वारा मोटी रकम लेकर  मंदिर की संपत्ति भूमाफिया के नाम आदेश पारित कर दिया गया था! योगी आदित्यनाथ की सरकार में तहसीलदार  गोरखनाथ मंदिर की संपत्ति भी नहीं छोड़ रहे हैं

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