आखिर क्यों नहीं हो रहा सिंकदरपुर के सचिव राम सुरेश यादव का तबादला

आखिर क्यों नहीं हो रहा सिंकदरपुर के सचिव राम सुरेश यादव का तबादला

आखिर क्यों नहीं हो रहा सिंकदरपुर के सचिव राम सुरेश यादव का तबादला

-परशुरामपुर ब्लॉक पर आठ सालों से जमे सिकंदरपुर के सिकंदर राम सुरेश यादव

राजनीतिक संरक्षण व दबंगई के बल पर आठ वर्षों से एक ही ब्लॉक पर जमे

बस्ती। बार-बार कहा जा रहा हैं, कि सचिवों को भ्रष्ट बनाने में नेताओं का हाथ होता है, यह अपने नीजि लाभ के लिए सचिवों का सरंक्षक तक बन जाते है। इन्हें इस बाम का कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनके नाम का सहारा ले रहा सचिव गांव को लूट रहे है। जब भी सचिों के खिलाफ कार्रवाई या जांच होती है, या तबादला होता है, उनका ढाल बनकर खड़े हो जाते है। ऐसे ही एक सचिव परशुरामपुर विकास खंड में कार्यरत पंचायत सचिव राम सुरेश यादव है। बीते फरवरी 2017 से लगातार एक ही ब्लॉक में जमे हुए हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि वे राजनीतिक संरक्षण और प्रभावशाली सिफारिशों के चलते आठ वर्षों से स्थानांतरण नीति की अनदेखी करते हुए अपनी नियुक्ति को बनाए रखे हुए हैं। राम सुरेश यादव की कार्यशैली को लेकर कई बार शिकायतें भी हुईं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत के चलते उनका स्थानांतरण फाइलों में ही दबा रह जाता। ग्रामीणों का कहना है कि किसी भी कर्मचारी का इतने लंबे समय तक एक ही स्थान पर बने रहना भ्रष्टाचार और पक्षपात को जन्म देता है। इससे पारदर्शिता और निष्पक्ष कार्यशैली पर सवाल खड़े होते हैं। प्रमुख सवाल यह उठता है कि जब शासन की स्पष्ट स्थानांतरण नीति है, तो आखिर क्यों राम सुरेश यादव पर यह नीति लागू नहीं हो रही? अब देखना होगा कि संबंधित विभाग इस मामले में कोई कार्रवाई करता है या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।

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