योगीजी ‘नौकरशाह’ आपको ‘कुर्सी’ से उतारकर ही छोड़ेगें!

योगीजी ‘नौकरशाह’ आपको ‘कुर्सी’ से उतारकर ही छोड़ेगें!

योगीजी ‘नौकरशाह’ आपको ‘कुर्सी’ से उतारकर ही छोड़ेगें!

-जब दुनिया के सबसे बड़े भाजपा के विधार्थी संगठन के लोगों का सिर और हाथ-पैर की हडडी योगीजी के नौकरशाह के ईशारे पुलिस तोड़ेगी तो भाजपा की नैया डूबाने से कौन बचा पाएगा

-अखिल भारतीय विधार्थी परिषद के कार्यकर्त्ताओं पर जिस तरह से बाराबंकी में पुलिस ने बर्बरतापूर्व पिटाई की उसकी पूरे देश में निंदा हो रही, कहा जा रहा है, क्या यही योगीजी का सुशासन है?

-भाजपा के तेजतर्रार एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री को कड़ा पत्र लिखकर लाठियां बरसाने वाले पुलिस कर्मियों और आदेश देने वाले अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर सलाखों के पीछे भेज देना चाहिए

-नेताजी ने उच्च शिक्षा संस्थानों में छात्रसंघ चुनाव को अनिवार्य रुप से बहाल करने की मांग करते हुए, श्रीराम स्वरुप मेमोरिएल विष्वविधालय की मान्यता निरस्त करने की भी मांग की

-कहा कि निजी विष्वविधालय पूंजी बाजार से निकले हुए धन पशुओं के द्वारा जनता से धनादोहन की मंशा से स्थापित किए जा रहें, इन संस्थानों ने देष के उत्कृष्ट शिक्षा व्यवस्था को दीमक की तरह चाट कर खोखला कर दिया

-छात्रों पर किया गया अत्याचार की घटना समाज को मर्माहत करने वाली, पुलिस के अत्याचार से दो दर्जन छात्र अस्पताल में गंभीर रुप से घायल होकर इलाज करवा रहें, अनेक छात्रों के सिर फाड़ दिए गए, कईयों के हाथ पैर और की हडडी तोड़ दी गई, कहा कि आखिर यह सब किसके ईशारे पर हुआ

बस्ती। प्रदेश की जनता बार-बार सवाल कर रही है, कि आखिर योगीजी के नौकरशाह इतने बेलगाम क्यों हो गए? और इन्हें बेलगाम होने किसने दिया? कहीं योगीजी ने तो इन्हें मनमानी करने की छूट तो नहीं देदी? ऐसा भी नहीं कि योगीजी को कुछ दिखाई और सुनाई नहीं दे रहा हैं? या उन्हें वही नोैकरशाह दिखा और सुना रहे हैं, जो नौकरशाह चाह रहे हैं? अब तो भाजपा के लोग ही खुले आम यह कहने लगें हैं, कि योगीजी के नौकरशाह योगीजी को जब तक कुर्सी से उतरवा नहीं देगें तब तक यूंही लाठियां चलवाते रहेगें। अब तो सत्ता पक्ष और सरकार के सहयोगी दलों के मंत्री तक चिल्लाने लगे हैं, कि योगीजी के नौकरशाह बेलगाम हो गए, कोई नौकरशाह उनकी सुनता ही नहीं, सीधे पत्रावली चला देते हैं, मंत्री की अनुमति की इन्हें आवष्यकता ही नहीं पड़ती, और इसमें लगता है, कि योगीजी की सहमति भी है। बहरहाल, जिस तरह राजधानी से लेकर जिले तक के नौकरशाह बेलगाम होते जा रहे हैं, उसका खामियाजा 2027 में भाजपा को भुगतना ही पड़ेगा, इनकी सीटें कम होगी और सहयोगी दलों और विपक्ष की सीटें बढ़ेगी, यानि भाजपा कमजोर होगी और बाहर के लोग मजबूत होगें। बहरहाल, आजकल योगीजी और उनके नौकरशाह विधार्थी परिषद के कार्यकर्त्ताओं पर बर्बरता पूर्वक लाडी चलाए जाने को लेकर पूरी तरह पक्ष और विपक्ष के निशाने पर है।

सत्ता पक्ष में रहकर भी सरकार की गलत नीतियों और भ्रष्टाचार एवं दमनकारी नीति को लेकर सड़क से लेकर सदन तक मुखर रहने वाले एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने इस कांड को लेकर पूरी तरह योगीजी और उनके नौकरशाह को ही कटघरें में खड़ा करते हुए कहते हैं, कि जब दुनिया के सबसे बड़े भाजपा के विधार्थी संगठन के लोगों का सिर और हाथ-पैर की हडडी योगीजी के नौकरशाह के ईशारे पुलिस तोड़ेगी तो भाजपा की नैया डूबाने से कौन बचा पाएगा? कहा कि अखिल भारतीय विधार्थी परिषद के कार्यकर्त्ताओं पर जिस तरह से बाराबंकी में पुलिस ने बर्बरतापूर्व पिटाई की उसकी पूरे देश में निंदा हो रही, कहा जा रहा है, क्या यही योगीजी का सुशासन है? नेताजी ने उच्च शिक्षा संस्थानों में छात्रसंघ चुनाव को अनिवार्य रुप से बहाल करने की मांग करते हुए, श्रीराम स्वरुप मेमोरिएल विष्वविधालय की मान्यता निरस्त करने की भी मांग की। कहा कि निजी विष्वविधालय पूंजी बाजार से निकले हुए धन पशुओं के द्वारा जनता से धनादोहन की मंशा से स्थापित किए जा रहें, इन संस्थानों ने देश के उत्कृष्ट शिक्षा व्यवस्था को दीमक की तरह चाट कर खोखला कर दिया। मुख्यमंत्री को लिखा कि छात्रों पर किए गए अत्याचार की घटना समाज को मर्माहत करने वाली है, पुलिस के अत्याचार से दो दर्जन छात्र अस्पताल में गंभीर रुप से घायल होकर इलाज करवा रहें, अनेक छात्रों के सिर फाड़ दिए गए, कईयों के हाथ पैर और हडडी तोड़ दी गई, पूछा कि आखिर यह सब किसके ईशारे पर हुआ? नेताजी ने लाठियां बरसाने वाले पुलिस कर्मियों और आदेश देने वाले अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर सलाखों के पीछे भेजे जाने की मांग करते हुए प्रभावित छात्रों विधि के उत्कृष्ट संस्थानों में स्थानान्तरित कर उनके भविष्य को बर्बाद होने से बचाने की अपील की।

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